सूर्य, चंद्र, शनि और मंगल के लिए कौन-से रत्न सबसे शुभ माने गए हैं?

सूर्य, चंद्र, शनि और मंगल के लिए कौन-से रत्न सबसे शुभ माने गए हैं?

सूर्य, चंद्र, शनि और मंगल के लिए कौन-से रत्न सबसे शुभ माने गए हैं?

भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव का व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर माना गया है। हर ग्रह की अपनी विशिष्ट ऊर्जा और कंपन होते हैं, जो व्यक्ति के स्वभाव, स्वास्थ्य, करियर, संबंधों और भाग्य को प्रभावित करते हैं। जब कोई ग्रह कुंडली में कमजोर स्थिति में होता है या अशुभ प्रभाव देता है, तो उस ग्रह के दोष को शांत करने के लिए विशेष रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। रत्न ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित करने का एक प्रभावी माध्यम माने गए हैं।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, रत्न केवल फैशन या शोभा के लिए नहीं, बल्कि सही ग्रह की पहचान, सही धारण विधि और उचित मुहूर्त में पहनने पर जीवन को बदलने की क्षमता रखते हैं। चलिए जानते हैं सूर्य, चंद्र, शनि और मंगल ग्रहों के लिए कौन-से रत्न सबसे शुभ माने गए हैं, और उन्हें पहनने से जीवन में क्या परिवर्तन आ सकते हैं।

सूर्य ग्रह के लिए सबसे शुभ रत्न – माणिक्य 

सूर्य हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण ग्रह है, जो आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, प्रतिष्ठा और ऊर्जा का प्रतीक है। जब जन्म कुंडली में सूर्य कमजोर या पाप ग्रहों से प्रभावित होता है, तो व्यक्ति को आत्म-सम्मान की कमी, सरकारी कार्यों में बाधा, पिता से मतभेद और आंखों से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, ऐसे में सूर्य की शक्ति बढ़ाने के लिए माणिक्य रत्न (Ruby) धारण करना अत्यंत लाभदायक होता है। माणिक्य सूर्य की ऊर्जा का सीधा वाहक है और इसे धारण करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और मानसिक शक्ति बढ़ती है।

माणिक्य धारण करने के नियम:

  • माणिक्य रविवार के दिन सूर्योदय के समय सोने की अंगूठी में पहनना शुभ माना गया है।

  • इसे दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में धारण किया जाना चाहिए।

  • रत्न कम से कम 5 रत्ती का होना चाहिए और पहनने से पहले “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

  • माणिक्य धारण करने से सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है और पिता के साथ संबंधों में सुधार आता है।

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चंद्र ग्रह के लिए सबसे शुभ रत्न – मोती 

चंद्र ग्रह मन, भावनाओं, शांति, और स्थिरता का कारक है। यदि जन्म कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, तो व्यक्ति को मानसिक चिंता, अस्थिरता, अवसाद, या नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, चंद्रमा को मजबूत करने के लिए मोती (Pearl) धारण करना अत्यंत उपयोगी है। यह रत्न व्यक्ति के मन को स्थिर करता है, चिंता को दूर करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

मोती धारण करने के नियम:

  • मोती सोमवार के दिन चांदी की अंगूठी में चंद्रमा के उदय के समय पहनना चाहिए।

  • इसे कनिष्ठा (छोटी उंगली) में धारण किया जाता है।

  • पहनने से पहले “ॐ सोमाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • मोती धारण करने से भावनात्मक संतुलन और पारिवारिक सुख प्राप्त होता है।

मोती धारण के लाभ:

  • मानसिक शांति और एकाग्रता बढ़ाता है।

  • नींद की समस्या दूर करता है।

  • माता के साथ संबंधों में सुधार लाता है।

  • आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता को सशक्त बनाता है।

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शनि ग्रह के लिए सबसे शुभ रत्न – नीला पुखराज 

शनि ग्रह कर्म, न्याय, अनुशासन और स्थिरता का प्रतीक है। यह ग्रह यदि अनुकूल हो, तो व्यक्ति को अपार सफलता, दीर्घायु, और प्रतिष्ठा देता है। लेकिन यदि शनि प्रतिकूल हो जाए, तो जीवन में संघर्ष, देरी, आर्थिक हानि और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, शनि को प्रसन्न करने के लिए नीलम (Blue Sapphire) सबसे शक्तिशाली रत्न है। लेकिन यह रत्न बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए इसे बिना ज्योतिषीय परामर्श के धारण नहीं करना चाहिए।

नीलम धारण करने के नियम:

  • नीलम शनिवार के दिन मध्याह्न के समय लोहे या पंचधातु की अंगूठी में पहनना शुभ होता है।

  • इसे मध्यमा (मध्य उंगली) में धारण किया जाता है।

  • धारण करने से पहले “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।

  • रत्न को पहले 3 दिन परीक्षण के लिए पहनना उचित माना गया है।

नीलम धारण के लाभ:

  • कार्यक्षेत्र में सफलता और स्थिरता मिलती है।

  • आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

  • नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।

  • शनि दोष और साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करता है।

मंगल ग्रह के लिए सबसे शुभ रत्न – मूंगा 

मंगल ग्रह ऊर्जा, साहस, आत्मविश्वास और क्रियाशीलता का प्रतीक है। कमजोर मंगल व्यक्ति को क्रोध, दुर्घटना, या निर्णय की कमजोरी से प्रभावित कर सकता है। मूंगा (Red Coral) मंगल ग्रह का प्रमुख रत्न  है, जो साहस, आत्मबल और आत्मरक्षा की शक्ति प्रदान करता है।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मूंगा धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है, स्वास्थ्य में सुधार होता है और जीवन में सक्रियता आती है।

मूंगा धारण करने के नियम:

  • मूंगा मंगलवार के दिन तांबे की अंगूठी में पहनना चाहिए।

  • इसे दाहिने हाथ की अनामिका उंगली में धारण करें।

  • पहनने से पहले “ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः” मंत्र का जाप करें।

  • यह रत्न कम से कम 6 रत्ती का होना चाहिए।

मूंगा धारण के लाभ:

  • आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।

  • रक्त और हड्डियों से जुड़ी बीमारियाँ कम होती हैं।

  • वैवाहिक जीवन में स्थिरता आती है।

  • करियर में प्रगति और सम्मान की प्राप्ति होती है।

रत्न धारण से पहले आवश्यक सावधानियाँ (ज्योतिषीय दृष्टिकोण से)

  • सही ग्रह पहचान: किसी भी रत्न को पहनने से पहले जन्म कुंडली का गहन अध्ययन करवाना जरूरी है। गलत ग्रह का रत्न पहनने से विपरीत परिणाम भी मिल सकते हैं।

  • शुद्धिकरण और ऊर्जाकरण: रत्न को धारण करने से पहले उसे गंगाजल या कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करना चाहिए।
  • उचित मुहूर्त: ग्रह की शुभ दृष्टि में और सही वार पर ही रत्न धारण करना चाहिए।
  • रतन की असलियत: नकली रत्न का उपयोग करने से कोई प्रभाव नहीं पड़ता, इसलिए केवल प्रमाणित और प्राकृतिक रत्न ही पहनें।
  • निरंतर शुद्धता: रत्नों को नियमित रूप से साफ रखना और उनमें ऊर्जा बनाए रखना आवश्यक है।

रत्न केवल आभूषण नहीं हैं, बल्कि ये ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित कर जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने वाले शक्तिशाली साधन हैं। जब इन्हें योग्य ज्योतिषी के मार्गदर्शन में, उचित मुहूर्त में और सही विधि से धारण किया जाए, तो इनका प्रभाव अत्यंत शुभ होता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, हर व्यक्ति की कुंडली अलग होती है, इसलिए रत्न धारण करने से पहले विशेषज्ञ परामर्श अवश्य लेना चाहिए। सही ग्रह, सही रत्न और सही समय—ये तीनों मिलकर व्यक्ति के भाग्य को चमका सकते हैं।

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