क्या ग्रहण दोष करियर में निरंतर संघर्ष पैदा करता है?
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| क्या ग्रहण दोष करियर में निरंतर संघर्ष पैदा करता है? |
ग्रहण दोष,जो विशेष रूप से राहु और केतु के प्रभाव से उत्पन्न होता है, वैदिक ज्योतिष में जीवन के कई क्षेत्रों को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण योग माना गया है। कुंडली में सूर्य या चंद्रमा पर राहु-केतु की छाया पड़ने से बनने वाला ग्रहण दोष व्यक्ति के व्यक्तित्व, मानसिकता, आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और कर्मक्षेत्र पर गहरा प्रभाव छोड़ सकता है। करियर जीवन में ग्रहण दोष कब, कैसे और कितना प्रभाव लाता है, इसे समझने के लिए ज्योतिषीय दृष्टिकोण, ग्रहों की दशा, भावों का प्रभाव और ग्रहों के योग-फल को व्यापक रूप से समझना आवश्यक है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी इस विषय पर बताते हैं कि ग्रहण दोष केवल संघर्ष ही नहीं लाता, बल्कि सही दिशा, उचित प्रयास और ग्रहों को शांत करने वाले उपायों से वही ग्रह व्यक्ति को असाधारण सफलता भी दे सकते हैं। वहीं इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का कहना है कि करियर में उतार-चढ़ाव का मूल कारण ग्रहों की ऊर्जा का असंतुलन है जिसे ग्रहण दोष और अधिक संवेदनशील बना देता है, इसलिए इसकी गहन ज्योतिषीय जांच अत्यंत आवश्यक है।
करियर पर ग्रहण दोष का प्रभाव
ग्रहण दोष का करियर पर प्रभाव समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि ग्रहण केवल ग्रहों की रोशनी कम नहीं करता बल्कि व्यक्ति के भीतर के निर्णयों, इच्छाशक्ति और परिस्थितियों के प्रति दृष्टिकोण को भी प्रभावित करता है। जब सूर्य ग्रहण दोष में होता है तो व्यक्ति का आत्मबल प्रभावित होता है, जिससे वह निर्णय लेने में कमजोर पड़ जाता है, कई बार अवसरों को पहचान नहीं पाता और अपनी योग्यताओं के अनुरूप परिणाम प्राप्त नहीं कर पाता। दूसरी ओर, चंद्र ग्रहण दोष व्यक्ति की भावनात्मक शक्ति, धैर्य, स्थिरता और मानसिक एकाग्रता को प्रभावित करता है, जो कार्यक्षेत्र में निरंतरता बनाए रखने के लिए अत्यंत आवश्यक है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि सूर्य और चंद्रमा दोनों ही करियर के मूल स्तंभ हैं, और जब इन पर राहु-केतु जैसे छाया ग्रहों का प्रभाव पड़ता है तो करियर में संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होना स्वाभाविक हो जाता है।
ग्रहण दोष के कारण होने वाली करियर बाधाएँ
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, ग्रहण दोष के कारण व्यक्ति को बार-बार अनिश्चित परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसमें कार्यस्थल पर असंगति, नौकरी या व्यवसाय में स्थिरता की कमी, आर्थिक बाधाएँ और मानसिक तनाव शामिल हैं। राहु भ्रम और अस्थिरता पैदा करता है, जबकि केतु आत्म-संदेह और मानसिक उलझन उत्पन्न करता है। जब ये दोनों ग्रह किसी महत्वपूर्ण ग्रह को प्रभावित करते हैं, तो व्यक्ति का करियर सही दिशा नहीं पकड़ पाता और संघर्ष की स्थिति निरंतर बनी रहती है।
ग्रहण दोष और योग्यता का असंगत परिणाम
ग्रहण दोष वाले व्यक्ति की योग्यता उच्च होने के बावजूद उसका परिणाम कम दिखाई देता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि इस दोष की वजह से व्यक्ति के प्रयास पूरी तरह सफल नहीं होते और अवसरों का लाभ सही समय पर नहीं मिल पाता। कई बार व्यक्ति मेहनत करता है, परंतु कार्यस्थल पर परिस्थितियों का अनुकूल न होना, विरोधी माहौल या अप्रत्याशित रुकावटें ग्रहण दोष की वजह से होती हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार यह दोष व्यक्ति को मानसिक रूप से अस्थिर करता है, जिससे वह अपने लक्ष्यों की दिशा में लगातार संघर्ष करता रहता है।
ग्रहण दोष और मानसिक स्वास्थ्य
ग्रहण दोष केवल बाहरी संघर्ष ही नहीं लाता, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है। दोष के प्रभाव से व्यक्ति में तनाव, बेचैनी, आत्म-संदेह और आत्मविश्वास की कमी देखने को मिलती है। यह मानसिक स्थिति करियर में निरंतर संघर्ष और स्थिरता की कमी का कारण बनती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि मानसिक तनाव के कारण व्यक्ति अपने निर्णयों में असमर्थ हो जाता है और सही अवसरों का लाभ नहीं उठा पाता। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार मानसिक अस्थिरता को कम करने के लिए ग्रहण दोष के उपाय करना आवश्यक होता है, ताकि करियर में स्थिरता और सफलता सुनिश्चित की जा सके।
ग्रहण दोष के उपाय और करियर में सुधार
ग्रहण दोष के प्रभाव को कम करने और करियर में स्थिरता लाने के लिए वैदिक ज्योतिष में कई उपाय सुझाए गए हैं। मंत्र जाप, विशेष दान, पीपल या तुलसी के पौधे की पूजा, शांति पाठ और ग्रहों के अनुसार रत्न पहनना प्रमुख उपाय हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि केवल उपाय करने से ही ग्रहण दोष का प्रभाव संतुलित हो सकता है और व्यक्ति करियर में स्थिरता तथा सफलता प्राप्त कर सकता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार ग्रहण दोष से उत्पन्न मानसिक और आर्थिक अस्थिरता को दूर करने के लिए उपाय नियमित रूप से करना अत्यंत आवश्यक है।
ग्रहण दोष करियर में निरंतर संघर्ष पैदा कर सकता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि व्यक्ति हमेशा असफल रहेगा। यह दोष व्यक्ति के कर्म, प्रयास और ग्रहों के सही उपायों पर निर्भर करता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी और इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार सही उपायों, नियमित मंत्र जाप और ग्रहों की ऊर्जा संतुलन से ग्रहण दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है और करियर में स्थिरता, सफलता और मानसिक संतुलन सुनिश्चित किया जा सकता है।

