क्या घर का वास्तु ग्रहों की स्थिति को प्रभावित करता है

क्या घर का वास्तु ग्रहों की स्थिति को प्रभावित करता है 

क्या घर का वास्तु ग्रहों की स्थिति को प्रभावित करता है 

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र दो ऐसे प्राचीन विज्ञान हैं, जो व्यक्ति के जीवन में सफलता, स्वास्थ्य, समृद्धि और भाग्य को प्रभावित करते हैं। वास्तु शास्त्र मुख्य रूप से घर, ऑफिस, निर्माण और स्थान की ऊर्जा को नियंत्रित करता है, जबकि ज्योतिष शास्त्र ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभावों का अध्ययन करता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि घर का वास्तु व्यक्ति के ग्रहों की स्थिति और उनके शुभ-अशुभ प्रभाव को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। जब घर का वास्तु दोषमुक्त और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है, तो ग्रह अपने शुभ प्रभावों को पूरी तरह से दिखा पाते हैं, वहीं वास्तु दोष होने पर ग्रहों की अनुकूल दशा भी कभी-कभी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिणाम नहीं दे पाती।

घर और ग्रहों का संबंध

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर के प्रत्येक हिस्से का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है। उत्तर-पूर्व दिशा को जल तत्व और चंद्रमा से जोड़ा गया है, जबकि दक्षिण-पूर्व दिशा अग्नि तत्व और सूर्य से संबंधित है। पश्चिम दिशा वायु तत्व और शनि से जुड़ी होती है, और दक्षिण-पश्चिम दिशा पृथ्वी तत्व और राहु-कetu के प्रभाव में आती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यदि इन दिशाओं में वास्तु दोष मौजूद है, तो ग्रहों की स्थिति कमजोर हो जाती है और व्यक्ति अपने जीवन में बाधाओं का सामना करता है। उदाहरण के लिए, उत्तर-पूर्व दिशा में जल तत्व और चंद्रमा के लिए दोष होने पर मानसिक तनाव, अनिद्रा और भावनात्मक असंतुलन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसी प्रकार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में दोष होने पर शनि और राहु के प्रभाव से करियर और वित्तीय क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।

ग्रहों की स्थिति और वास्तु दोष

ज्योतिष में यह माना गया है कि घर का वास्तु ग्रहों की शक्ति और उनकी दृष्टि को प्रभावित करता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि यदि ग्रह कुंडली में शुभ स्थिति में हों लेकिन घर में वास्तु दोष मौजूद हो, तो ग्रह का शुभ प्रभाव सीमित हो जाता है। वास्तु दोष के कारण व्यक्ति के जीवन में रोग, मानसिक असंतुलन, आर्थिक तंगी और वैवाहिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, वास्तु शुद्धि और उचित दिशा चयन से ग्रहों की अनुकूल स्थिति को अधिकतम लाभकारी बनाया जा सकता है।

उत्तर-पूर्व दिशा और चंद्रमा

उत्तर-पूर्व दिशा को वास्तु दोष में सबसे शुभ माना गया है। यह दिशा व्यक्ति के मानसिक शांति, ज्ञान, अध्ययन और सुख-समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। यदि उत्तर-पूर्व दिशा में दोष होता है, तो चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव कम हो जाते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि उत्तर-पूर्व दिशा में जल तत्व की कमी या अवरोध होने पर व्यक्ति को तनाव, अनिद्रा और मानसिक अस्थिरता जैसी समस्याएं आ सकती हैं। इस दिशा में पूजा स्थल या ध्यान कक्ष रखने से चंद्रमा ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।

दक्षिण-पूर्व दिशा और सूर्य

सूर्य ग्रह ऊर्जा, स्वास्थ्य और मान-सम्मान का प्रतिनिधित्व करता है। दक्षिण-पूर्व दिशा को अग्नि तत्व और सूर्य से जोड़ा गया है। यदि घर में दक्षिण-पूर्व दिशा में दोष है, तो सूर्य ग्रह का प्रभाव कमजोर पड़ सकता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, इस दिशा में रसोई या अग्नि से जुड़े स्थान को उचित रूप से व्यवस्थित करना चाहिए। इससे सूर्य ग्रह की शक्ति बढ़ती है और स्वास्थ्य, करियर और नेतृत्व क्षमता में सुधार होता है।

पश्चिम दिशा और शनि

पश्चिम दिशा शनि ग्रह से संबंधित है। शनि ग्रह अनुशासन, कर्मफल और जीवन के कठिन अनुभवों को दर्शाता है। यदि पश्चिम दिशा में वास्तु दोष है, तो शनि ग्रह का प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि इस दिशा में भारी वस्त्र, लोहे की वस्तुएं या बाथरूम के लिए उचित स्थान का ध्यान रखना चाहिए। इससे शनि ग्रह का प्रभाव संतुलित रहता है और व्यक्ति अपने जीवन में कष्टों से बचता है।

दक्षिण-पश्चिम दिशा और राहु-केतु

दक्षिण-पश्चिम दिशा राहु और केतु के लिए जिम्मेदार होती है। यह दिशा व्यक्ति के जीवन में स्थायित्व, सुरक्षा और आर्थिक स्थिति को प्रभावित करती है। यदि इस दिशा में वास्तु दोष है, तो राहु और केतु का प्रभाव अनुकूल नहीं रहता। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी और स्थिर निर्माण से वास्तु दोष कम होता है और ग्रहों का शुभ प्रभाव जीवन में दिखाई देता है।

गृह प्रवेश और ग्रहों का प्रभाव

ज्योतिष में गृह प्रवेश का समय और विधि भी महत्वपूर्ण होती है। घर में शुभ मुहूर्त में प्रवेश करने से ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि घर में पूजा स्थल और देवताओं की स्थापना के साथ गृह प्रवेश करने से ग्रहों की अनुकूलता बढ़ती है और वास्तु दोष से होने वाले नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

वास्तु दोष और जीवन पर प्रभाव

वास्तु दोष जीवन के विभिन्न क्षेत्रों पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालते हैं। मानसिक स्थिति, स्वास्थ्य, करियर, आर्थिक स्थिति और वैवाहिक जीवन सभी प्रभावित होते हैं। यदि घर में वास्तु दोष मौजूद है, तो ग्रहों की शुभ स्थिति होने के बावजूद व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों का सामना कर सकता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, वास्तु दोष का समय पर निवारण और ग्रहों की स्थिति का सही अध्ययन जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है।

वास्तु शुद्धि और ग्रहों की स्थिति

वास्तु शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं, जिनसे घर का वास्तु दोष दूर किया जा सकता है और ग्रहों की स्थिति मजबूत हो सकती है। इसमें पूजा, यंत्र, रंग, दिशा परिवर्तन और दान शामिल हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि घर की वास्तु शुद्धि से सूर्य, चंद्रमा, बृहस्पति, शुक्र और शनि ग्रह के शुभ प्रभाव को अधिकतम किया जा सकता है। इसके अलावा घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से सशक्त बनता है।

घर का वास्तु और करियर

घर का वास्तु व्यक्ति के करियर और व्यवसाय को भी प्रभावित करता है। सही दिशा, उचित निर्माण और दोषमुक्त वास्तु होने पर व्यक्ति को नौकरी, व्यवसाय और सामाजिक प्रतिष्ठा में लाभ होता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, घर का वास्तु दोष शनि, राहु और केतु ग्रह के प्रभाव को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति के करियर में रुकावटें आती हैं।

वास्तु और स्वास्थ्य


घर का वास्तु स्वास्थ्य पर भी प्रत्यक्ष प्रभाव डालता है। उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा में दोष होने पर मानसिक तनाव, अनिद्रा, और रोग उत्पन्न हो सकते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि वास्तु दोष दूर करने और ग्रहों की अनुकूल दशा प्राप्त करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है और जीवन में ऊर्जा का संचार होता है।

ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो घर का वास्तु ग्रहों की स्थिति को प्रभावित करता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी और इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी दोनों का अनुभव यही दर्शाता है कि यदि घर का वास्तु दोष मुक्त हो और सही दिशाओं में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे, तो ग्रह अपने शुभ प्रभाव को पूरी तरह से व्यक्त कर सकते हैं। घर का वास्तु, ग्रहों की स्थिति, शुभ नक्षत्र और योग्य मुहूर्त सभी मिलकर व्यक्ति के जीवन में सफलता, स्वास्थ्य, संपन्नता और मानसिक शांति सुनिश्चित करते हैं। इसलिए घर का वास्तु दोष मुक्त और सकारात्मक ऊर्जा से भरा होना अत्यंत आवश्यक है।

गूगल में जाकर आप हमारे रिव्यू देख सकते हैं

Astrologer Sahu Ji
428, 4th Floor, Orbit Mall
Indore, (MP)
India
Contact:  9039 636 706  |  8656 979 221
For More Details Visit Our Website:

Suggested Post

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत?

 भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत? भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ...