क्या जन्म समय की गलती कुंडली के योग को प्रभावित करती है?

क्या जन्म समय की गलती कुंडली के योग को प्रभावित करती है?

क्या जन्म समय की गलती कुंडली के योग को प्रभावित करती है?

जन्म समय किसी भी व्यक्ति की कुंडली और उसके जीवन के सभी पहलुओं को निर्धारित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जन्म के क्षण का सटीक समय न केवल लग्न और भावों का निर्धारण करता है, बल्कि ग्रहों की स्थिति, योग और दशा-भविष्य की गणना में भी केंद्रीय भूमिका रखता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि जन्म समय की थोड़ी सी गलती भी कुंडली के प्रमुख योगों और जीवन में उनके प्रभाव को बदल सकती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, जन्म समय के बिना सही गणना के, कुंडली में लग्न, चंद्रमा और सूर्य के स्थान में अंतर आ सकता है, जिससे जीवन में निर्णय लेने और उपाय करने में गलत दिशा मिल सकती है।

जन्म समय और कुंडली का महत्व

जन्म समय केवल जन्मपत्री का हिस्सा नहीं होता, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन की घटनाओं, स्वास्थ्य, करियर, विवाह, वित्तीय स्थिति और पारिवारिक सुख-शांति पर गहरा प्रभाव डालता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि यदि जन्म समय सही न हो, तो कुंडली में बने योग और ग्रहों की दशा गलत समझी जा सकती है, जिससे उपाय और सलाह भी प्रभावहीन साबित हो सकते हैं।

जन्म समय की गलती और लग्न का प्रभाव

लग्न किसी भी कुंडली का सबसे महत्वपूर्ण घटक होता है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और जीवन में अवसरों का संकेत देता है। जन्म समय में कुछ मिनटों की भी गलती लग्न को बदल सकती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि लग्न में बदलाव से ग्रहों की स्थिति भी बदलती है, जिससे ग्रहों के शुभ और अशुभ प्रभाव प्रभावित होते हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, लग्न का सही निर्धारण न होने पर मंगल, शनि, राहु और गुरु के प्रभाव की सही गणना करना कठिन हो जाता है, जिससे कुंडली के योग भी गलत दिखाई देते हैं।

गलत लग्न के कारण जन्मपत्री में जीवन के कई क्षेत्रों में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है। व्यक्ति को आर्थिक परेशानियाँ, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ, पारिवारिक कलह और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि जन्म समय की गलती के कारण जीवन में अपेक्षित सफलता और सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पाते।

ग्रहों की स्थिति और जन्म समय की संवेदनशीलता

जन्म समय में थोड़ी सी भी गलती ग्रहों की सही स्थिति को प्रभावित कर सकती है। वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति और दशा व्यक्ति के जीवन में सफलता, आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य और संबंधों को नियंत्रित करती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु की स्थिति जन्म समय पर निर्भर करती है। यदि जन्म समय गलत हो, तो ग्रहों की स्थिति भी बदल जाती है, जिससे कुंडली के योग और जीवन में उनके प्रभाव गलत समझे जा सकते हैं।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का मानना है कि जन्म समय की गलती विशेष रूप से चंद्रमा और लग्न भावों पर सबसे अधिक असर डालती है। चंद्रमा का भाव व्यक्ति की मानसिक स्थिति, भावनात्मक स्थिरता और निर्णय क्षमता को नियंत्रित करता है। यदि जन्म समय गलत हो, तो चंद्रमा की स्थिति गलत बताई जा सकती है, जिससे मानसिक संतुलन और भावनाओं पर गलत प्रभाव पड़ सकता है।

योगों का प्रभाव और जन्म समय

कुंडली में बने योग व्यक्ति के जीवन की प्रमुख घटनाओं और सफलता का निर्धारण करते हैं। जन्म समय की गलती योगों को बदल सकती है या उन्हें पूरी तरह प्रभावित कर सकती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि जन्म समय की सटीकता के बिना कुंडली में धन, स्वास्थ्य, करियर और विवाह संबंधी योगों का सही आकलन करना असंभव है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यदि जन्म समय में गलती है, तो शुभ योग भी अशुभ दिखाई दे सकते हैं और नकारात्मक योग गलत दिशा में कार्य कर सकते हैं।

सही जन्म समय के साथ ही ग्रहों और योगों का सही निर्धारण संभव होता है। इससे जीवन में स्थायी सफलता, आर्थिक लाभ, स्वास्थ्य और पारिवारिक संतुलन सुनिश्चित किया जा सकता है। जन्म समय में गलती होने पर ग्रहों के प्रभाव असंतुलित हो सकते हैं, जिससे जीवन में अस्थिरता और अनिश्चितता पैदा हो सकती है।

उपाय और समाधान

जन्म समय की गलती के प्रभाव को कम करने और जीवन में स्थायी लाभ प्राप्त करने के लिए उपाय अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि सही जन्म समय का निर्धारण करना पहला उपाय है। कई बार जन्म समय का अनुमान करके ग्रहों की स्थिति को सही किया जा सकता है। इसके साथ ही ग्रहों के अनुरूप पूजा, हवन, मंत्र जाप और रत्न धारण करना आवश्यक होता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का मानना है कि जन्म समय की गलती को सही करने के लिए कुंडली का पुनः सटीक अध्ययन और आवश्यक उपाय करना चाहिए। उपायों में ग्रहों की शांति, दोष निवारण, पूजा और ध्यान शामिल हैं। सही उपायों के साथ जन्म समय की गलती के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।

मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण

जन्म समय की गलती केवल भौतिक जीवन पर ही असर नहीं डालती, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक स्थिति को भी प्रभावित करती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि गलत जन्म समय के कारण व्यक्ति में मानसिक अस्थिरता, अवसाद, तनाव और भय उत्पन्न हो सकता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, ध्यान, साधना और मंत्र जाप के माध्यम से मानसिक शक्ति को बढ़ाकर जन्म समय की गलती के प्रभाव को संतुलित किया जा सकता है।

मेडिटेशन और साधना व्यक्ति की मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता को मजबूत बनाते हैं। इससे ग्रहों के सकारात्मक प्रभाव अधिक स्पष्ट होते हैं और जन्म समय की गलती के कारण उत्पन्न नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं।

अंततः यह कहा जा सकता है कि जन्म समय की गलती कुंडली के योग और जीवन के प्रभावों को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का मानना है कि जन्म समय की सटीकता अत्यंत आवश्यक है। सही जन्म समय और ग्रहों के अनुरूप उपायों के माध्यम से जीवन में स्थायी सफलता, मानसिक शांति, आर्थिक लाभ और पारिवारिक संतुलन सुनिश्चित किया जा सकता है।

इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपनी कुंडली का सही समय निर्धारित कराना चाहिए, ग्रहों की स्थिति और योग का अध्ययन करना चाहिए, और आवश्यक उपाय, पूजा और मंत्र जाप करके जीवन में स्थायी लाभ सुनिश्चित करना चाहिए।

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