मंगल दोष का विवाह पर क्या प्रभाव पड़ता है?
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| मंगल दोष का विवाह पर क्या प्रभाव पड़ता है? |
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह को ऊर्जा, साहस, क्रोध और कार्य शक्ति का ग्रह माना जाता है। विवाह के संदर्भ में मंगल ग्रह का विशेष महत्व है, क्योंकि यह गृहस्थ जीवन में स्थायित्व, सुख, और संबंधों की गुणवत्ता पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि जन्म कुंडली में मंगल ग्रह दोषयुक्त या प्रतिकूल स्थिति में हो, तो इसे मंगल दोष कहा जाता है। मंगल दोष का प्रभाव व्यक्ति के विवाह जीवन, जीवनसाथी के स्वभाव और पारिवारिक संबंधों पर गंभीर परिणाम डाल सकता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मंगल दोष केवल संघर्ष और विवाद ही नहीं लाता, बल्कि यह व्यक्ति के व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में भी चुनौतियाँ उत्पन्न करता है। विवाह के निर्णय, विवाह में सामंजस्य, और संबंधों की स्थिरता में मंगल दोष की स्थिति अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
मंगल दोष का स्वरूप और ज्योतिषीय महत्व
मंगल दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह कुंडली में प्रतिकूल भावों में हो या उसका स्थान, दृष्टि और स्थिति दोषपूर्ण हो। जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति के आधार पर इसका प्रभाव अलग-अलग व्यक्तियों में भिन्न होता है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि मंगल दोष मुख्यतः निम्न स्थितियों में देखा जाता है:
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यदि मंगल छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो।
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यदि मंगल और चंद्रमा के बीच कोई कठोर दृष्टि या योग हो।
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यदि मंगल और शनि, राहु या केतु की प्रतिकूल दृष्टि हो।
मंगल दोष का प्रभाव विवाह पर कई रूपों में प्रकट होता है। यह विवाह में देरी, जीवनसाथी से असहमति, आपसी संघर्ष, और कभी-कभी तलाक जैसी परिस्थितियाँ ला सकता है। इसके अलावा यह स्वास्थ्य, मानसिक संतुलन और वित्तीय स्थिरता पर भी असर डालता है।
मंगल दोष से विवाह में होने वाले प्रमुख प्रभाव
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विवाह में देरी:
जन्म कुंडली में मंगल दोष होने पर व्यक्ति का विवाह समय से देरी से हो सकता है। मंगल दोष विवाह के समय और अवसरों को प्रभावित करता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यह देरी व्यक्ति के भाग्य और मंगल ग्रह की दशा पर निर्भर करती है।
- जीवनसाथी से असहमति:
मंगल दोष वाले व्यक्ति में क्रोध और तनाव अधिक होता है। इस कारण विवाह में आपसी सामंजस्य बिगड़ सकता है। जीवनसाथी के साथ बार-बार विवाद और अनबन हो सकती है।
- सामाजिक संबंधों में तनाव:
मंगल दोष व्यक्ति के परिवार और समाजिक रिश्तों को भी प्रभावित करता है। पारिवारिक वातावरण में तनाव, मित्रों और रिश्तेदारों से अनबन जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
- आर्थिक और मानसिक असंतुलन:
मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति में वित्तीय निर्णयों में असमर्थता, अचानक हानि, और मानसिक अस्थिरता देखने को मिलती है। विवाह जीवन में स्थिरता के लिए यह गंभीर चुनौती बन सकती है।
मंगल दोष के ज्योतिषीय संकेत
मंगल दोष के प्रभाव को जन्म कुंडली में निम्नलिखित संकेतों से पहचाना जा सकता है:
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सप्तम भाव (विवाह भाव) में मंगल की स्थिति या कठोर दृष्टि।
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सप्तम भाव का स्वामी यदि नीच राशि में हो।
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मंगल और शनि, राहु या केतु की प्रतिकूल दृष्टि।
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सप्तम भाव में सूर्य या चंद्रमा का साथ होने पर विवाद और असंतुलन की संभावना।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यदि ये संकेत कुंडली में मौजूद हैं, तो व्यक्ति को विवाह जीवन में संघर्ष और असंतुलन का सामना करना पड़ सकता है।
मंगल दोष से विवाह में सुधार के उपाय
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मंगल दोष के कारण उत्पन्न चुनौतियों को कई सरल और प्रभावी ज्योतिषीय उपायों से कम किया जा सकता है:
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मंगल मंत्र का जाप:
“ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः मंगलाय नमः” मंत्र का नियमित जाप मंगल दोष को कम करता है और जीवनसाथी के साथ संबंधों में सामंजस्य बढ़ाता है। मंगल के लिए पूजा और व्रत:
मंगलवार का व्रत, हनुमान पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ करने से मंगल ग्रह का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।-
रत्न धारण करना:
मंगल दोष को संतुलित करने के लिए माणिक्य रत्न धारण करना लाभकारी होता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, रत्न पहनने से जीवन में स्थायित्व और मानसिक शांति आती है। -
दान और सेवा:
लाल वस्त्र, लाल तिल या खाध्य पदार्थ का दान मंगल दोष को कम करने में मदद करता है। -
ध्यान और मानसिक संतुलन:
योग, प्राणायाम और ध्यान के अभ्यास से व्यक्ति का क्रोध नियंत्रण में रहता है और विवाह जीवन में समझदारी और धैर्य बढ़ता है।
व्यवहारिक उपाय और जीवन में सामंजस्य
मंगल दोष का प्रभाव केवल ग्रहों और उपायों तक सीमित नहीं है। व्यक्ति की सोच, व्यवहार और जीवनशैली भी विवाह जीवन में सामंजस्य लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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आपसी संवाद और समझ बनाए रखें।
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झूठ, अहंकार और आत्मकेंद्रित दृष्टिकोण से बचें।
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आर्थिक निर्णय सोच-समझकर लें।
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परिवार और जीवनसाथी के प्रति सम्मान और धैर्य बनाए रखें।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि इन व्यवहारिक उपायों के साथ ज्योतिषीय उपाय करने से मंगल दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और विवाह जीवन में स्थायित्व आता है।
मंगल दोष व्यक्ति के विवाह जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। जन्म कुंडली में मंगल दोष होने पर विवाह में देरी, असहमति, मानसिक तनाव और सामाजिक संघर्ष संभव हैं। लेकिन इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, सही उपाय, मंत्र, पूजा, रत्न और जीवनशैली में सुधार से मंगल दोष के प्रभाव को संतुलित किया जा सकता है।
यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष के संकेत हैं और विवाह जीवन में कठिनाइयाँ आ रही हैं, तो भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी से मार्गदर्शन लें।इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी आपके ग्रहों का विश्लेषण कर उचित उपाय बताएंगे, जिससे विवाह जीवन में प्रेम, सामंजस्य और स्थायित्व आएगा।

