क्या घर के रंग और सजावट ग्रहों की ऊर्जा बढ़ा सकते हैं

क्या घर के रंग और सजावट ग्रहों की ऊर्जा बढ़ा सकते हैं

क्या घर के रंग और सजावट ग्रहों की ऊर्जा बढ़ा सकते हैं

घर वह स्थान है जहाँ हम केवल रहते नहीं, बल्कि ऊर्जा ग्रहण करते हैं, मानसिक और शारीरिक संतुलन प्राप्त करते हैं और अपने जीवन के हर महत्वपूर्ण निर्णय का आधार तैयार करते हैं। वैदिक ज्योतिष में यह माना जाता है कि प्रकृति, रंग, दिशा, वास्तु और घर की आंतरिक सजावट का सीधा संबंध ग्रहों की ऊर्जा से होता है। हर ग्रह एक विशिष्ट रंग, आकृति, धातु और ऊर्जा से जुड़ा होता है, और जब हम उसी ऊर्जा के अनुरूप अपने घर का वातावरण बनाते हैं, तो ग्रहों की शुभता हमारे जीवन में कई प्रकार से प्रभाव डालती है। यही कारण है कि भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी हमेशा यह सलाह देते हैं कि घर की सजावट केवल सौंदर्य के लिए नहीं, बल्कि ऊर्जा संतुलन के लिए भी सोची-समझी होनी चाहिए। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि रंगों का प्रभाव मन, विचार, निर्णय, वातावरण और ग्रहों की दशा-दिशा तक को सक्रिय कर सकता है, इसलिए घर के रंग और सजावट को हल्के में लेना गलत है।

घर का वातावरण ग्रहों की ऊर्जा को क्यों प्रभावित करता है

ज्योतिष में नौ ग्रहों को जीवन का ऊर्जा स्रोत माना गया है। ये ग्रह केवल आकाश में घूमने वाले पिंड नहीं हैं बल्कि इनकी कंपन्न तरंगें मानव अस्तित्व को प्रभावित करती हैं। जब किसी घर में रंग, दिशा, प्रकाश, धातुएँ और सजावट सही प्रकार से व्यवस्थित होती है तो ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा घर में निरंतर प्रवाह बनाए रखती है। इसके विपरीत यदि घर में गलत रंग, अनुपयुक्त वस्तुएँ, अवांछित सजावट या ऊर्जा अवरोध पैदा करने वाले तत्व मौजूद हों तो ग्रहों की शुभता कम हो जाती है। यही कारण है कि भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी इस विषय पर विशेष शोध आधारित सुझाव देते हैं ताकि व्यक्ति अपने घर में ग्रहों का अधिकतम सकारात्मक प्रभाव अनुभव कर सके।इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी यह भी कहते हैं कि घर की ऊर्जा सीधे-सीधे मन की शांति, कार्य में सफलता, रिश्तों की स्थिरता और आर्थिक वृद्धि से जुड़ी होती है।

रंगों और ग्रहों का गहरा संबंध

वैदिक ग्रंथों में हर ग्रह से एक विशिष्ट रंग जुड़ा हुआ है। ये रंग ग्रहों की ऊर्जा को सक्रिय या शांत कर सकते हैं। उदाहरण के लिए सूर्य का रंग लाल और सुनहरा, चंद्रमा का सफेद, मंगल का गहरा लाल, बुध का हरा, बृहस्पति का पीला, शुक्र का हल्का पिंक व सफेद, शनि का नीला, राहु का धूम्र और केतु का भूरे-केसरी रंग से संबंध माना जाता है। जब घर की दीवारें इन ग्रहों के अनुकूल रंगों से सजाई जाती हैं तो उनका शुभ प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि व्यक्ति की कुंडली में यदि कोई ग्रह कमजोर हो, तो संबंधित ग्रह का रंग घर में प्रयोग करने पर ऊर्जा में सुधार देखा जा सकता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी यह भी कहते हैं कि रंग केवल वातावरण सुंदर नहीं बनाते, बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी अत्यंत प्रभाव डालते हैं।

घर के प्रत्येक कोने में रंगों का ज्योतिषीय महत्व

घर के विभिन्न कमरों और दिशाओं के लिए विशिष्ट रंगों का निर्धारण किया गया है। जैसे उत्तर दिशा बुध का स्थान है, इसलिए हरे या हल्के नीले रंग को शुभ माना गया है। पूर्व दिशा सूर्य की ऊर्जा से जुड़ी होने के कारण यहाँ हल्का पीला या सुनहरे आभा वाले रंग उत्तम माने जाते हैं। दक्षिण दिशा मंगल और शनि दोनों से जुड़ती है, इसलिए यहाँ गहरा या सॉफ्ट टोन उपयोगी होता है। पश्चिम दिशा में चंद्रमा और शुक्र का प्रभाव माना जाता है, इसलिए यहाँ सफेद, क्रीम और हल्का पिंक बहुत अच्छा फल देते हैं। यह ज्ञान केवल वास्तु का हिस्सा नहीं है बल्कि ग्रहों की ऊर्जा के समन्वय का भी प्रमुख आधार है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का कहना है कि यदि घर की दिशा और रंग संयोजन कुंडली के अनुसार किया जाए तो ग्रहों की शुभदृष्टि कई गुना अधिक प्राप्त की जा सकती है।

सजावट कैसे ग्रहों की ऊर्जा को सक्रिय करती है

घर की सजावट में रखी गई वस्तुएँ, धातुएँ, फोटो फ्रेम, पौधे, शोपीस, जल तत्व और प्रकाश व्यवस्था ग्रहों से तालमेल बनाते हैं। उदाहरण के लिए पीतल और तांबा सूर्य तथा बृहस्पति की ऊर्जा को बढ़ाते हैं। चांदी चंद्रमा को मजबूत करती है। लोहे की वस्तुएँ शनि से जुड़ी होती हैं, इसलिए इनका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए। हर कमरे का फर्नीचर, परदे, कालीन, दीवार कला और दिशा के अनुसार चुनी गई वस्तुएँ भवन में प्राकृतिक ऊर्जा का प्रवाह बनाती हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि घर में बेतरतीब वस्तुओं का ढेर, टूटी हुई चीजें, लीक होता पानी, खराब इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ और अंधेरे कोने ग्रहों की शुभ ऊर्जा को रोक देते हैं। इसलिए सजावट का उद्देश्य केवल सुंदरता नहीं बल्कि ऊर्जा संरक्षण भी है।

सूर्य ग्रह और घर की सजावट का संबंध

सूर्य को शक्ति, सम्मान, नेतृत्व और आत्मविश्वास का कारक माना जाता है। घर में पर्याप्त प्रकाश, विशेषकर प्राकृतिक प्रकाश सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। सुबह की धूप घर के मुख्य द्वार और बैठक कक्ष में अवश्य आनी चाहिए। यदि किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर हो तो वह दीवारों में हल्का पीला या सुनहरा टोन चुन सकता है, सूर्य की फोटो, लाल फूल, तांबे के पात्र तथा प्रकाश वाले शोपीस उपयोग कर सकता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि घर में अंधेरे कोने सूर्य के प्रभाव को दबाते हैं। इसलिए उज्ज्वल और खुले स्थान सूर्य के लिए सर्वोत्तम होते हैं।

चंद्रमा और घर की शांति

चंद्रमा मन, भावनाएँ, मानसिक संतुलन और पारिवारिक सुख का ग्रह है। चंद्रमा को बढ़ाने के लिए घर में सफेद, क्रीम और हल्के रंगों का प्रयोग किया जाता है। सुगंधित वातावरण, साफ-सफाई और शांत संगीत चंद्रमा की ऊर्जा को प्रबल बनाते हैं। विशेषकर बेडरूम में हल्का सफेद या हल्का नीला रंग मानसिक शांति प्रदान करता है।इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि घर में अव्यवस्था, गंदगी और तेज आवाजें चंद्र ऊर्जा को कमजोर कर देती हैं। इसलिए जो लोग मानसिक तनाव, अनिद्रा या भावनात्मक अस्थिरता से परेशान हों, उन्हें अपने घर में चंद्रमा के अनुकूल वातावरण बनाना चाहिए।

मंगल ग्रह की ऊर्जा और घर के मजबूत हिस्से

मंगल शक्ति, उत्साह, साहस और भूमि से जुड़ा ग्रह है। इसलिए घर की संरचना और सुरक्षा मंगल से प्रभावित होती है। लाल या गहरा ईंट जैसा रंग मंगल का संकेतक है। रसोईघर, जिम एरिया या घर के दक्षिण भाग में मंगल के रंगों का उपयोग अच्छा रहता है। धातु की वस्तुएँ, विशेषकर तांबा और लाल मिट्टी के शोपीस मंगल ऊर्जा को बढ़ाते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि यदि मंगल अशुभ हो तो घर में बार-बार दुर्घटनाएँ, गुस्सा, बहस या आग से संबंधित समस्या हो सकती है, इसलिए मंगल के अनुरूप रंग और सजावट रखें।

बुध ग्रह और व्यवसायिक सफलता

बुध ग्रह व्यापार, बुद्धि, संचार और शिक्षा से जुड़ा हुआ ग्रह है। इसलिए अध्ययन कक्ष, ऑफिस रूम, बच्चों के कमरे और उत्तर दिशा में हरा रंग अत्यंत शुभ माना जाता है। पौधे भी बुध ग्रह को मजबूत बनाते हैं। कांच की वस्तुएँ, साफ-सुथरी जगह, हल्की खुशबू और सीमित सजावट बुध ग्रह के लिए अनुकूल रहती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि यदि बुध कमजोर हो तो व्यक्ति का निर्णय कमजोर होता है और गलत फैसले बढ़ जाते हैं। इसलिए बुध को संतुलित करने के लिए घर में हरे तत्वों का उपयोग बेहद उत्तम परिणाम देता है।

बृहस्पति ग्रह और घर का समृद्धि क्षेत्र

बृहस्पति ज्ञान, सौभाग्य, धन, धार्मिकता और विस्तार का ग्रह है। इसके लिए घर में पीला, सुनहरा, हल्का क्रीम या भूरे रंगों का उपयोग अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजा घर, अध्ययन कक्ष, पूर्वोत्तर दिशा तथा गुरु ग्रह संबंधित दिशाओं में पीले रंग, धार्मिक चित्र, तांबे या पीतल की वस्तुएँ रखना शुभ फल देता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि बृहस्पति मजबूत होने पर घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और मानसिक शांति बनी रहती है।

शुक्र ग्रह और सौंदर्य का संबंध

शुक्र सौंदर्य, प्रेम, कला, विलासिता और सामंजस्य का ग्रह है। घर की सजावट में शुक्र की ऊर्जा का सबसे अधिक प्रभाव देखा जाता है। घर में सफेद, हल्का पिंक, क्रीम, रोशनी भरा वातावरण, सुगंधित मोमबत्तियाँ, सुंदर परदे, साफ-सुथरी डिजाइन, आकर्षक शोपीस और अच्छा इंटीरियर शुक्र की ऊर्जा को अत्यधिक बढ़ाता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि जिन दंपतियों के रिश्ते में तनाव हो, उन्हें बेडरूम में शुक्र अनुकूल सजावट करनी चाहिए ताकि सामंजस्य बढ़े।

शनि ग्रह और सादगीपूर्ण वातावरण

शनि को कर्म, अनुशासन, धैर्य और जीवन के वास्तविक पहलुओं का ग्रह माना जाता है। शनि के लिए घर में गहरा नीला, काला, ग्रे या भूरा रंग संयम और स्थिरता प्रदान करता है। शनि के अनुकूल सजावट में लोहे की वस्तुएँ, सरल फर्नीचर, न्यूनतम सजावट और व्यवस्थित स्थान शामिल हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का कहना है कि जब घर में साफ-सुथरा और व्यवस्थित वातावरण होता है तो शनि शुभ फल देता है, जबकि अव्यवस्था शनि की अशुभता को बढ़ा देती है।

राहु-केतु और आधुनिक सजावट

राहु आधुनिकता, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएँ, तकनीक और रहस्यमय ऊर्जा से जुड़ा होता है, जबकि केतु अध्यात्म, त्याग और आत्मज्ञान का सूचक है। घर में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, आधुनिक डिजाइन, मैट ब्लैक या धूमिल रंग राहु को सक्रिय करते हैं। वहीं केतु के लिए ध्यान कक्ष, शांत रंग, धार्मिक प्रतीक और साधारण सजावट उत्तम मानी जाती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि राहु-केतु के प्रभाव को संतुलित रखना आवश्यक है, वरना ऊर्जा अस्थिरता बढ़ जाती है।

क्या केवल रंग और सजावट से ग्रहों को बदला जा सकता है

ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की ऊर्जा को पूरी तरह बदला नहीं जा सकता, लेकिन उनका प्रभाव कम या अधिक किया जा सकता है। रंग, सजावट, वस्तुएँ, दिशा और वातावरण ग्रहों की ऊर्जा को प्रबल या शांत करने में मदद करते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि यह कोई चमत्कारिक उपाय नहीं, बल्कि एक प्राकृतिक ऊर्जा विज्ञान है, जो व्यक्ति की कुंडली और वातावरण के संतुलन पर आधारित है।

घर के रंग और सजावट ग्रहों की ऊर्जा पर गहरा प्रभाव डालते हैं। जिस प्रकार भोजन शरीर को पोषण देता है, उसी प्रकार सही रंग और सजावट मन, विचार और ग्रहों की ऊर्जा को पोषण प्रदान करते हैं। यदि किसी व्यक्ति को जीवन में अस्थिरता, तनाव, आर्थिक परेशानी या संबंधों में उतार-चढ़ाव महसूस हो रहा हो तो उसे अपने घर का वातावरण अवश्य सुधारना चाहिए। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी दोनों ही इस विषय पर सटीक और व्यावहारिक मार्गदर्शन देते हैं। ज्योतिषीय दृष्टि से घर की सजावट को सही दिशा में बदलने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अनुभव किए जा सकते हैं।

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