ग्रहों के रहस्य जो सफलता रोकते हैं

ग्रहों के रहस्य जो सफलता रोकते हैं 

ग्रहों के रहस्य जो सफलता रोकते हैं 

सफलता जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है। हर व्यक्ति अपने प्रयासों और मेहनत के बावजूद कभी-कभी अपेक्षित सफलता प्राप्त नहीं कर पाता। ज्योतिष शास्त्र में यह माना जाता है कि ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल व्यक्ति के जीवन में आने वाली बाधाओं का प्रमुख कारण होती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, कुंडली में ग्रहों के अशुभ योग, उनके दोष और गोचर स्थिति कई बार व्यक्ति की मेहनत को निष्फल कर देते हैं। यह ब्लॉग उन रहस्यों को उजागर करेगा, जो ग्रहों की वजह से व्यक्ति की सफलता को रोकते हैं।

ग्रहों का व्यक्ति पर प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह का व्यक्तित्व और जीवन पर विशेष प्रभाव होता है। मंगलशनि, राहु और केतु जैसे ग्रह जीवन में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ उत्पन्न करते हैं, जबकि सूर्य, बुध, शुक्र और गुरु ग्रह सफलता और उन्नति के मार्ग दिखाते हैं।

सफलता रोकने वाले प्रमुख ग्रह:

  • शनि ग्रह – बाधाओं और विलंब का कारक
    शनि को कर्मफल का न्यायाधीश कहा गया है। यदि शनि कुंडली में नीच या अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को प्रयास के बावजूद परिणाम मिलने में देर होती है। यह ग्रह आलस्य, बाधा और मानसिक तनाव का कारण बनता है।
    उपाय: शनिवार को काले तिल दान करना, शनि मंत्र का जाप और जरूरतमंदों को सेवा करना लाभकारी होता है।

  • राहु और केतु – भ्रम और अनिश्चितता के ग्रह
    राहु और केतु अशुभ प्रभाव डालकर व्यक्ति को भ्रम और चिंता में डालते हैं। राहु अचानक बदलाव और अप्रत्याशित परिस्थितियों का कारण बनता है, जबकि केतु मानसिक उलझन और निर्णय में कठिनाई उत्पन्न करता है।
    उपाय: राहु-केतु बीज मंत्र का जाप, नीले और काले रंग का प्रयोग, और गुरुवार को दान करना लाभदायक होता है।
  • मंगल ग्रह – गुस्सा और विवाद का कारक
    मंगल ग्रह उग्र ग्रह है। यदि यह कुंडली में अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को क्रोध, विवाद और हठधर्मी प्रवृत्ति से सफलता में रुकावट मिलती है। यह ग्रह व्यापारिक और पेशेवर जीवन में भी समस्या पैदा करता है।
    उपाय: मंगलवार को लाल वस्त्र पहनकर हनुमान जी की पूजा करना और हनुमान मंत्र का जप करनामंगल दोष को कम करता है।
  • सूर्य ग्रह – आत्मविश्वास की कमी और प्रतिद्वंदिता
    सूर्य कमजोर होने पर व्यक्ति का आत्मविश्वास कम होता है और वह निर्णय लेने में असफल रहता है। प्रतियोगिताओं और उच्च पदों पर यह ग्रह प्रतिद्वंदिता और संघर्ष बढ़ाता है।
    उपाय: रविवार को सूर्य को जल अर्पित करना, सूर्य मंत्र का जाप करना और तांबे के बर्तन का प्रयोग करना लाभकारी होता है।

कुंडली में अशुभ योग जो सफलता रोकते हैं

  • पंचम भाव और नवम भाव में अशुभ ग्रह: ये भाव शिक्षा, ज्ञान और भाग्य के प्रतीक हैं। यदि इन भावों में शनिराहुया केतु का प्रभाव हो, तो व्यक्ति अपनी मेहनत का पूर्ण फल नहीं पा पाता।

  • ग्रह स्तम्भन दोष: जब किसी ग्रह का प्रभाव अत्यधिक मजबूत या कमजोर हो, तो सफलता में बाधाएँ उत्पन्न होती हैं।
  • मंगल-राहु युति: यह युति दुर्घटना और मानसिक तनाव का संकेत देती है, जिससे व्यक्ति के करियर और व्यवसाय में बाधा आती है।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, इन दोषों को समझकर समय पर उपाय करना अत्यंत आवश्यक है।

ग्रह दोषों के उपाय

  • सूर्य दोष: गरीबों को वस्त्र और अनाज दान करना, सूर्यमंत्र का जप।

  • चंद्र दोष: चंद्रमा को शांत करने के लिए सोमवार को उपवास, गाय को चारा देना और चंद्र मंत्र का जाप।
  • मंगल दोष: मंगलवार को हनुमान जी की पूजा, लाल वस्त्र का प्रयोग।
  • शनि दोष: शनिवार को तिल दान, शनि मंत्र का जप और सेवा कार्य।
  • राहु-केतु दोष: नीले और काले रंग के वस्त्र, राहु-केतु मंत्र का जाप, गुरुवार को दान।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि इन उपायों को सही समय पर करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है और व्यक्ति की सफलता के मार्ग खुलते हैं।

ग्रहों की चाल और सफलता का समय

ग्रहों की गोचर चाल व्यक्ति की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, गुरु ग्रह का शुभ गोचर शिक्षा और करियर में लाभ दिलाता है, जबकि शनि का प्रतिकूल गोचर बाधा उत्पन्न करता है।
ग्रहों की दशा और अंतरदशा भी सफलता में समय और परिणामों को प्रभावित करती है।

सफलता प्राप्त करने के लिए मानसिक और ज्योतिषीय संतुलन

सिर्फ ग्रहों पर निर्भर होना पर्याप्त नहीं है। व्यक्ति की मेहनत, धैर्य, और योजना भी सफलता का अहम हिस्सा हैं। ग्रह केवल दिशा दिखाते हैं, मार्गदर्शन करते हैं, लेकिन मंजिल तक पहुँचना व्यक्ति की जिम्मेदारी है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि ग्रहों का प्रभाव समझकर उपाय करना और मानसिक संतुलन बनाए रखना सफलता का वास्तविक सूत्र है।

सफलता रोकने वाले ग्रहों की स्थिति, अशुभ योग और गोचर जीवन में बाधाएँ उत्पन्न कर सकते हैं। शनिमंगलराहुऔर केतु प्रमुख रूप से व्यक्ति की सफलता में रुकावट डालते हैं। सही उपाय, ग्रहों की चाल को समझना और अपनी मेहनत के साथ संतुलन बनाए रखना ही व्यक्ति को सफलता दिलाता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, ग्रहों का रहस्य समझना और समय पर उपाय करना हर व्यक्ति की सफलता के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस प्रकार, ग्रहों की स्थिति केवल बाधा उत्पन्न करती है, लेकिन व्यक्ति की सतत मेहनत और उपाय के साथ सफलता निश्चित रूप से प्राप्त की जा सकती है। 

गूगल में जाकर आप हमारे रिव्यू देख सकते हैं

Astrologer Sahu Ji
428, 4th Floor, Orbit Mall
Indore, (MP)
India
Contact:  9039 636 706  |  8656 979 221
For More Details Visit Our Website:

Suggested Post

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत?

 भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत? भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ...