क्या मोती पहनने से चंद्र दोष खत्म हो जाता है?
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| क्या मोती पहनने से चंद्र दोष खत्म हो जाता है? |
चंद्र ग्रह हमारे मानसिक स्वास्थ्य, भावनात्मक स्थिरता और जीवन में सुख-शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह को मन, भावनाएँ, मातृ प्रभाव, परिवारिक सुख और मानसिक संतुलन का कारक माना गया है। यदि जन्म कुंडली में चंद्र दोष हो, जिसे आमतौर पर “चंद्र दोष” कहा जाता है, तो व्यक्ति के जीवन में मानसिक अस्थिरता, तनाव, नींद की समस्या, पारिवारिक कलह और भावनात्मक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसे दोष का समाधान करना अत्यंत आवश्यक होता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी और इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मोती, जिसे अंग्रेज़ी में पर्ल कहा जाता है, चंद्र ग्रह का सबसे प्रभावशाली रत्न है और यह चंद्र दोष को संतुलित करने में अत्यंत सहायक माना जाता है।
चंद्र ग्रह और उसके प्रभाव
चंद्र ग्रह मानसिक स्वास्थ्य, भावनाएँ, मातृ प्रभाव और घर में सुख-शांति का प्रतीक है। जब चंद्र शुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति में संयम, धैर्य, संतुलन और संवेदनशीलता बढ़ती है। वहीं अशुभ स्थिति में यह मानसिक अस्थिरता, चिंता, क्रोध, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ और पारिवारिक कलह ला सकता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि चंद्र दोष का प्रभाव केवल मानसिक स्तर पर ही नहीं बल्कि व्यक्ति के स्वास्थ्य, भावनात्मक संतुलन और पारिवारिक जीवन पर भी गहरा पड़ता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का कहना है कि चंद्र दोष को संतुलित करने के लिए केवल पूजा या मंत्रों से काम नहीं चलता, बल्कि सही रत्न पहनना, वास्तु सुधार और उचित ज्योतिषीय उपाय करना आवश्यक होता है। ऐसे में मोती का पहनना अत्यंत लाभकारी उपाय साबित होता है।
मोती पहनने के लाभ
मोती पहनने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मोती पहनने से व्यक्ति में मानसिक संतुलन, धैर्य और सहनशीलता बढ़ती है। इसके अलावा, पारिवारिक जीवन में शांति, वैवाहिक संबंधों में मजबूती, आर्थिक स्थिति में स्थिरता और सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि देखने को मिलती है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि मोती का प्रभाव जल्दी दिखाई देने वाले रत्नों में से एक है, लेकिन इसका परिणाम व्यक्ति की जन्म कुंडली और चंद्र ग्रह की स्थिति के अनुसार भिन्न होता है। कुछ मामलों में मोती पहनने से तुरंत मानसिक शांति और कार्य में सफलता देखने को मिलती है, जबकि अन्य मामलों में इसके प्रभाव धीरे-धीरे प्रकट होते हैं।
मोती पहनने का सही समय और दिशा
मोती पहनने का समय और दिशा इसके प्रभाव को नियंत्रित करती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि सोमवार और गुरुवार को विशेष समय में मोती पहनना लाभकारी होता है। मोती को अंगूठी, पेंडेंट या हार के रूप में पहन सकते हैं। इसे चंद्र ग्रहग्रह की शुभ स्थिति में ही धारण करना चाहिए, क्योंकि अशुभ समय पर मोती पहनने से नकारात्मक प्रभाव भी प्रकट हो सकते हैं।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मोती पहनते समय व्यक्ति को शांत मन और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखनी चाहिए। रत्न को गंगाजल से धोकर, साफ कपड़े में बांधकर और मंत्रों का उच्चारण करते हुए पहनने से इसके प्रभाव अधिक स्पष्ट और सुरक्षित रहते हैं।
मोती और चंद्र ग्रह का संबंध
मोती, वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना गया है। यह रत्न भावनाओं, मानसिक शांति और पारिवारिक सुख को संतुलित करने में सहायता करता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि मोती पहनने से व्यक्ति में मानसिक तनाव कम होता है, नींद का संतुलन आता है और भावनात्मक उतार-चढ़ाव नियंत्रित होते हैं।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी भी मानते हैं कि मोती पहनना केवल चंद्र ग्रह की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है बल्कि अशुभ स्थिति में होने वाले नकारात्मक प्रभावों को भी कम करता है। मोती पहनने के परिणाम व्यक्ति की कुंडली ,चंद्र ग्रह की स्थिति और अन्य ग्रहों के योग पर निर्भर करते हैं। सही दिशा, समय और उपाय के अनुसार मोती पहनना अत्यंत आवश्यक है।
मोती पहनने से मानसिक और भावनात्मक लाभ
मोती पहनने से केवल ज्योतिषीय लाभ ही नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक लाभ भी मिलते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मोती पहनने से व्यक्ति में संयम, मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन आता है। यह नींद की समस्या, चिंता और तनाव को कम करता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि नियमित रूप से मोती पहनने से व्यक्ति में सहनशीलता बढ़ती है, पारिवारिक संबंध मजबूत होते हैं और जीवन में सुख-शांति का अनुभव होता है। मोती का प्रभाव केवल व्यक्तिगत जीवन पर ही नहीं बल्कि सामाजिक और व्यवसायिक जीवन में भी दिखाई देता है।
मोती पहनने से सावधानियाँ
मोती पहनने से लाभ तभी मिलता है जब इसे व्यक्ति की कुंडली और ग्रह स्थिति के अनुसार सही समय, दिशा और उपाय के साथ पहना जाए। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि गलत समय, गलत दिशा या बिना विशेषज्ञ मार्गदर्शन के मोती पहनना हानिकारक हो सकता है। अशुभ स्थिति में मोती पहनने से मानसिक अशांति, स्वास्थ्य संबंधी समस्या और पारिवारिक कलह उत्पन्न हो सकती है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी इस बात पर जोर देते हैं कि मोती पहनने से पहले व्यक्ति की जन्म कुंडली का अध्ययन, चंद्र ग्रह की स्थिति और अन्य ग्रह योगों का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि मोती का प्रभाव सकारात्मक और लाभकारी हो।
अंततः यह कहा जा सकता है कि मोती पहनना चंद्र दोष को संतुलित करने का एक प्रभावशाली उपाय है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी और इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मोती पहनने से मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता, पारिवारिक सुख और आर्थिक लाभ प्राप्त होते हैं।
मोती पहनना केवल सजावट या रत्न के रूप में नहीं बल्कि एक ज्योतिषीय उपाय और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक माना गया है। सही दिशा, समय और विशेषज्ञ मार्गदर्शन के साथ मोती पहनने से चंद्र दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और जीवन में सुख, सफलता और संतुलन बढ़ता है।
इस प्रकार, मोती न केवल चंद्र ग्रह की ऊर्जा को नियंत्रित करता है बल्कि व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में भी सहायक होता है। इसे पहनने से जीवन में मानसिक, भावनात्मक, पारिवारिक और आर्थिक क्षेत्रों में संतुलन और सफलता सुनिश्चित की जा सकती है।

