धन के लिए अपने राज योग को कैसे सक्रिय करें?

धन के लिए अपने राज योग को कैसे सक्रिय करें?

धन के लिए अपने राज योग को कैसे सक्रिय करें?

राज योग वैदिक ज्योतिष का वह अत्यंत शक्तिशाली योग है, जिसके सक्रिय होते ही व्यक्ति के जीवन में धन, प्रतिष्ठा, सफलता, अवसर और प्रगति निरंतर बढ़ने लगती है। भारतीय ज्योतिष मानता है कि हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में किसी न किसी रूप में राज योग मौजूद होता है, कुछ के पास छोटा राज योग होता है, कुछ के पास मध्यम और कुछ के पास अत्यंत प्रबल राज योग होता है। परंतु केवल राज योग का होना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे सक्रिय करना सबसे आवश्यक होता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि अधिकतर लोगों की कुंडली में राज योग छिपा होता है, लेकिन ग्रहों की स्थिति, भावों की बाधाएं, दशाओं की असमय सक्रियता और व्यवहारिक कर्मों की गलत दिशा के कारण वह जागृत नहीं हो पाता। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार जब तक व्यक्ति अपने ग्रहों को संतुलित नहीं करता, तब तक राज योग निष्क्रिय अवस्था में ही रहता है, चाहे कुंडली में योग कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो।

राज योग क्या है और यह धन से कैसे जुड़ा है?

राज योग का अर्थ सिर्फ राजा बनना नहीं होता, बल्कि जीवन में ऐसी परिस्थितियाँ बनना जिससे धन, सुख-सुविधा, सम्मान और सफलता लगातार मिलती रहे। राज योग का संबंध आर्थिक उन्नति, पावरफुल निर्णय क्षमता, उच्च पद, प्रतिष्ठा, धन वृद्धि और शुभ अवसरों के जन्म से होता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि जब किसी व्यक्ति के जीवन में राज योग सक्रिय होता है, तब उसकी मेहनत का परिणाम तुरंत मिलने लगता है। वहीं इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी मानते हैं कि राज योग सक्रिय होने पर अचानक बड़े अवसर, अप्रत्याशित धन लाभ, व्यापार में तेजी, नई दिशाएं और जीवन में बड़े परिवर्तन दिखाई देने लगते हैं।

कुंडली में बनने वाले प्रमुख राज योग

वैदिक ज्योतिष में अनेक प्रकार के राज योग बताए गए हैं, जैसे गजकेसरी योग, रुचक योग, भद्र योग, हंस योग, मालव्य योग, चन्द्र-मंगल योग, धनेश-भाग्येश योग, त्रिकोण-केन्द्र संबंध योग, पंचमहापुरुष योग, लक्ष्मी योग, अधियोग, राजसंयोग इत्यादि। इन सभी योगों का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली की स्थिति, ग्रहों की शक्ति, दृष्टि, भावाधिपत्य और दशा-अंतर्दशा पर निर्भर करता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि यदि राज योग शुभ दशा में सक्रिय हो जाए, तो व्यक्ति का जीवन बहुत तेजी से बदल जाता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी इसे और स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि जब ग्रह एक-दूसरे के साथ शुभ संबंध बनाते हैं, तब धन का प्रवाह मजबूत होता है, और व्यक्ति आर्थिक स्थिरता प्राप्त करता है।

क्या राज योग अपने आप सक्रिय हो जाता है?

साधारणत: यह एक आम भ्रम है कि राज योग अपने आप अपने समय पर सक्रिय हो जाएगा। वास्तविकता यह है कि राज योग को सक्रिय करने के लिए व्यक्ति के कर्म, ग्रह बल, दशाएं, सूर्य-चंद्र की स्थिति, चार्ट की शुद्धता और ग्रहों को प्रसन्न करना अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि बहुत बार राज योग मौजूद होते हुए भी व्यक्ति संघर्ष करता रहता है, क्योंकि योग कर्मों से जुड़ा होता है। यदि व्यक्ति गलत निर्णय लेता है, आलस्य में रहता है, ग्रहों को अनुकूल नहीं बनाता या जीवन में अनुशासन नहीं रखता, तो राज योग निष्क्रिय बना रहता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार अशुभ ग्रह, खराब दशाएं, राहु-केतु की बाधाएं, मंगल या शनि की विपरीत स्थिति, या गुरु का कमजोर होना राज योग को बंद अवस्था में ले आते हैं।

राज योग सक्रिय करने के ज्योतिषीय मार्ग

राज योग को सक्रिय करने के लिए वैदिक ज्योतिष कई प्रभावी और वैज्ञानिक उपाय बताता है। इन उपायों में ग्रहों का संतुलन, कर्म सुधार, यज्ञ-अनुष्ठान, विशेष मंत्र जाप, योग-ध्यान, रत्न धारण, दान, उपवास, अनुकूल ग्रहों को बल देना, और प्रतिकूल ग्रहों के दोषों को कम करना शामिल है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि ग्रहों की दशा को सही दिशा में लाने के लिए नियमित रूप से उपाय करना आवश्यक है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी मानते हैं कि उपाय करने से सिर्फ ग्रह ही नहीं, बल्कि व्यक्ति की सोच, निर्णय क्षमता, परिश्रम और आत्मविश्वास भी बदलने लगता है, जिससे राज योग सक्रिय होने लगता है।

सूर्य को मजबूत करें क्योंकि धन और प्रतिष्ठा सूर्य से आते हैं

राज योग का सबसे महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य है क्योंकि यह आत्मविश्वास, प्रशासनिक क्षमता, प्रतिष्ठा, सरकारी कार्य, पद, अधिकार और नेतृत्व दर्शाता है। कमजोर सूर्य होने पर राज योग निष्क्रिय हो जाता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार सूर्य को मजबूत करने के लिए सुबह सूर्य अर्घ्य, गायत्री मंत्र, रविवार उपवास, लाल रंग का उपयोग और पिता का सम्मान करना अत्यंत प्रभावी है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि सूर्य मजबूत होते ही व्यक्ति की पहचान समाज में बढ़ती है और आर्थिक अवसर तेजी से खुलने लगते हैं।

गुरु ग्रह राज योग का मूल स्तंभ

धन, ज्ञान, भाग्य, अवसर, उच्च शिक्षा और शुभ फल गुरु ग्रह से देखे जाते हैं। गुरु कमजोर हो तो राज योग निष्क्रिय रहता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि पीले वस्त्र, गुरुवार व्रत, केसर-चने का दान, गुरू मंत्र जाप, और ब्रह्मचर्य का पालन गुरु को मजबूत करते हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार गुरु ग्रह बलवान होते ही भाग्य खुलता है, अटके हुए कार्य पूरे होने लगते हैं और जीवन में सचमुच राज योग सक्रिय हो जाता है।

चंद्र का स्थिर होना राज योग की आत्मा है

राज योग के लिए मन का स्थिर रहना अत्यंत आवश्यक है। चंद्र कमजोर हो तो कोई भी राज योग सक्रिय नहीं होता। चंद्र को मजबूत करने के लिए ध्यान, सफेद वस्तुओं का दान, चंद्र मंत्र जाप और रात्रि में चंद्र दर्शन उपयोगी है।भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि मानसिक शांति आने पर निर्णय सही होते हैं, और यही राज योग को सक्रिय करता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी भी कहते हैं कि चंद्र की स्थिरता आर्थिक स्थिरता को जन्म देती है।

शनि अनुशासन देता है और बिना अनुशासन राज योग अधूरा है

शनि कर्म, परिश्रम, धैर्य और न्याय का ग्रह है। कमजोर शनि राज योग का प्रभाव रोक देता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार काला तिल, सरसों का तेल दान, शनि मंत्र जाप और शनिवार के दिन सेवा करना शनि को प्रसन्न करता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि जैसे ही शनि अनुकूल होता है, व्यक्ति का कर्म मजबूत होता है और राज योग स्वयं सक्रिय होने लगता है।

राहु-केतु की बाधाएं हटाना आवश्यक

राहु-केतु भ्रम, रुकावट, भय और अचानक समस्याएं पैदा करते हैं। राहु-केतु के दोष होने पर राज योग सक्रिय नहीं होता, चाहे ग्रह कितने भी शक्तिशाली हों। राहु-केतु को शांत करने के लिए नारियल दान, काले तिल, मंत्र जाप और धूप-दीप अर्पण अत्यंत प्रभावी माना गया है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि इन ग्रहों की बाधा हटते ही राज योग तुरंत प्रभाव दिखाने लगता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार राहु-केतु का संतुलन आर्थिक जीवन में स्थायित्व प्रदान करता है।

कर्म सुधार और राज योग का गहरा संबंध

राज योग सिर्फ ग्रहों से नहीं, बल्कि व्यक्ति के कर्म से सक्रिय होता है। अच्छे कर्म करने पर ग्रह अनुकूल हो जाते हैं और खराब कर्म करने पर शुभ ग्रह भी निष्क्रिय हो जाते हैं। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि समय पर जागना, माता-पिता की सेवा, मेहनत, सत्य बोलना, नकारात्मक आदतों से दूर रहना और जरूरतमंदों की मदद करना ऐसे कर्म हैं जो ग्रहों को तुरंत अनुकूल बना देते हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि अच्छे कर्म करने वाले व्यक्ति की कुंडली में राज योग तेजी से प्रकट होता है।

धन के लिए राज योग को सक्रिय करना किसी एक उपाय या एक ग्रह से संभव नहीं है। इसके लिए ग्रहों का सामूहिक संतुलन, सही कर्म, सही दिशा में प्रयास, गुरु का आशीर्वाद, अनुकूल दशा और मजबूत मानसिक स्थिति इन तत्वों की आवश्यकता होती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि यदि व्यक्ति ईमानदारी से उपाय करे और अपने जीवन में अनुशासन बनाए रखे, तो उसकी कुंडली में मौजूद राज योग निश्चित रूप से सक्रिय होता है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार राज योग सक्रिय होने पर व्यक्ति के जीवन में धन, प्रतिष्ठा, अवसर, सम्मान और सफलता अत्यधिक तेजी से बढ़ते हैं और वह जीवन में वास्तविक समृद्धि प्राप्त करता है।

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