काला जादू के लक्षण, तंत्र, मंत्र और यंत्र

काला जादू के लक्षण, तंत्र, मंत्र और यंत्र

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काला जादू के लक्षण, तंत्र, मंत्र और यंत्र

काला जादू तांत्रिक विद्या का एक रहस्यमयी और नकारात्मक रूप है, जिसमें किसी व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, आर्थिक या सामाजिक रूप से नुकसान पहुँचाने के लिए विशेष तंत्र-मंत्र का प्रयोग किया जाता है। यह एक गुप्त क्रिया होती है, जिसमें ऊपरी शक्तियों और अदृश्य शक्तियों को सक्रिय किया जाता है। काला जादू का असर व्यक्ति के जीवन पर कई तरह से पड़ता है और यदि समय रहते इसका उपाय न किया जाए, तो यह धीरे-धीरे व्यक्ति को कमजोर कर देता है।

काला जादू के लक्षण


शारीरिक लक्षण
  • अचानक कमजोरी और थकान महसूस होना।
  • भूख न लगना या अचानक बहुत अधिक भूख लगना।
  • बिना किसी कारण शरीर पर निशान आना।
  • नींद न आना या डरावने सपने आना।
  • त्वचा पर जलन या खुजली होना, जिसका कोई कारण न हो।
मानसिक और भावनात्मक लक्षण
  • अचानक डर, घबराहट और बेचैनी महसूस होना।
  • मन में अजीब-अजीब विचार आना, आत्महत्या का विचार आना।
  • काम में मन न लगना और ध्यान भटकना।
  • पूजा-पाठ में अरुचि होना या मंदिर जाने से डर लगना।
  • अचानक से गुस्सा आना और चिड़चिड़ापन बढ़ जाना।

पारिवारिक और सामाजिक लक्षण

  • परिवार में अचानक झगड़े और तनाव बढ़ जाना।
  • घर में अजीब-सी दुर्गंध आना, बिना किसी कारण चीज़ों का हिलना-डुलना।
  • घर में बार-बार आर्थिक नुकसान होना।
  • व्यापार में अचानक गिरावट और नौकरी में समस्या आना।
  • घर के किसी सदस्य की लगातार तबीयत खराब रहना।

काला जादू के तंत्र

काला जादू के तंत्र

वशीकरण तंत्र

  • किसी व्यक्ति को अपने नियंत्रण में करने के लिए इस तंत्र का प्रयोग किया जाता है।
  • इसमें विशेष मंत्रों और यंत्रों का उपयोग किया जाता है।

श्मशान तंत्र

  • श्मशान में की जाने वाली साधनाएँ, जो बहुत ही शक्तिशाली और खतरनाक होती हैं।
  • इनका उपयोग आमतौर पर शत्रु को नुकसान पहुँचाने के लिए किया जाता है।
ऊपरी बाधा तंत्र
  • इसमें भूत-प्रेत और नकारात्मक शक्तियों का आह्वान किया जाता है।
  • व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है।

काला जादू के मंत्र

  • "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" – देवी काली का यह मंत्र काला जादू में बहुत शक्तिशाली माना जाता है।
  • "ॐ नमो भगवते चंडिकायै" – इस मंत्र का उपयोग नकारात्मक शक्तियों को जागृत करने के लिए किया जाता है।

काला जादू से सुरक्षा के लिए मंत्र

  • "ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः" – यह मंत्र देवी दुर्गा का है, जो नकारात्मक शक्तियों से बचाव करता है।
  • "ॐ नमः शिवाय" – भगवान शिव का यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने में सहायक होता है।
  • "ॐ हनुमते नमः" – यह मंत्र बुरी आत्माओं और ऊपरी बाधाओं से रक्षा करता है।

काला जादू से बचाव के लिए यंत्र

     हनुमान यंत्र
  • यह नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • इसे घर में स्थापित करने से बुरी नजर और काला जादू से बचाव होता है
     श्री यंत्र
  • यह धन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने वाला यंत्र है।
  • घर में इसे रखने से आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं।

     महाकाली यंत्र

  • यह शक्तिशाली देवी यंत्र है, जो शत्रुओं और काला जादू से रक्षा करता है।
  • इसे पूजा स्थान में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

काला जादू से बचने के अचूक उपाय

काला जादू से बचने के अचूक उपाय
  • हनुमान चालीसा का रोज़ पाठ करें और हर मंगलवार व शनिवार को हनुमान जी को सिंदूर और तेल चढ़ाएँ।
  • घर में गंगाजल और गोमूत्र का छिड़काव करें, इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
  • तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें गंगा जल मिलाएँ और रोज़ सूर्य को अर्घ्य दें।
  • किसी भी शुभ दिन घर में हवन करें, विशेष रूप से काली, दुर्गा या हनुमान जी की पूजा करें।
  • रात में सोने से पहले महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • अपने शरीर पर काला धागा बाँधें और नज़रबट्टू पहनें।
  • शनिवार को पीपल के पेड़ में सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
  • अगर घर में बार-बार समस्याएँ आ रही हों, तो किसी अनुभवी पंडित या तांत्रिक से पूजा कराएँ।

काला जादू से बचने के लिए आत्मिक शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का होना बहुत जरूरी है। नियमित पूजा-पाठ, मंत्रों का जाप और सही उपाय करने से आप नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रह सकते हैं।

रवि चौहान,

"मुझे लंबे समय से मानसिक तनाव और कामों में असफलता का सामना करना पड़ रहा था। साहू जी से परामर्श लेने के बाद पता चला कि मुझ पर नकारात्मक ऊर्जा और काला जादू का प्रभाव है। उन्होंने मुझे तंत्र-मंत्र से बचने के उपाय बताए और एक विशेष पूजा करवाई। पूजा के बाद मुझे शारीरिक और मानसिक शांति का अनुभव हुआ, और मेरे रुके हुए काम भी बनने लगे। साहू जी का मार्गदर्शन वास्तव में चमत्कारी है!"

संगीता मिश्रा

हमारे परिवार में लगातार बीमारियाँ और आर्थिक संकट चल रहे थे। जब साहू जी से मिले तो उन्होंने बताया कि किसी ने तंत्र-मंत्र कर नकारात्मक ऊर्जा भेजी है। उन्होंने हमें सुरक्षा कवच के रूप में विशेष यंत्र और मंत्र जाप करने की सलाह दी। कुछ ही समय में घर का माहौल बदलने लगा, और सकारात्मक ऊर्जा महसूस होने लगी। साहू जी का धन्यवाद!"

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हाथ में खुजली का क्या अर्थ है? ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जानिए

हाथ में खुजली का क्या अर्थ है? ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जानिए

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हाथ में खुजली का क्या अर्थ है

अक्सर लोग कहते हैं कि अगर आपके हाथ में खुजली हो रही है, तो इसका कोई विशेष संकेत हो सकता है। भारतीय ज्योतिष और परंपराओं में इसे शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के संकेतों से जोड़ा जाता है। यह मान्यता काफी समय से चली आ रही है और इसका संबंध भाग्य, धन और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं से होता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि हाथ में खुजली के पीछे क्या रहस्य छिपा है।

दाएं हाथ में खुजली का मतलब

अगर किसी व्यक्ति के दाएं हाथ की हथेली में खुजली होती है, तो इसे आमतौर पर शुभ संकेत माना जाता है।ज्योतिष में कहा जाता है कि दाईं हथेली में खुजली का अर्थ है कि धन आने वाला है। इसका मतलब यह हो सकता है कि कोई पुराना उधार चुका सकता है, वेतन में बढ़ोतरी हो सकती है या अचानक कोई वित्तीय लाभ हो सकता है।

बाएं हाथ में खुजली का मतलब

अगर किसी व्यक्ति के बाएं हाथ की हथेली में खुजली होती है, तो इसे सामान्यत: अशुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार, बाएं हाथ की खुजली का अर्थ है कि धन हानि हो सकती है। हो सकता है कि अनावश्यक खर्च बढ़ जाए, किसी निवेश में नुकसान हो, या अचानक कोई अप्रत्याशित खर्च आ जाए। हालांकि, कुछ परंपराओं में इसे धन मिलने का संकेत भी माना जाता है, खासकर महिलाओं के लिए।

पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग संकेत

पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग संकेत

ज्योतिष में यह भी माना जाता है कि पुरुषों और महिलाओं के लिए हाथ में खुजली के संकेत अलग-अलग होते हैं।

  • पुरुषों के लिए – दाएं हाथ में खुजली शुभ और बाएं हाथ में खुजली अशुभ मानी जाती है।

  • महिलाओं के लिए – बाएं हाथ में खुजली शुभ और दाएं हाथ में खुजली अशुभ मानी जाती है।

अन्य अंगों में खुजली के संकेत

हथेली के केंद्र में खुजली

अगर आपकी हथेली के बीचों-बीच खुजली हो रही है, तो यह दर्शाता है कि आपको कोई बड़ा लाभ होने वाला है। यह लाभ व्यापार, नौकरी या किसी अन्य वित्तीय स्रोत से आ सकता है।

उंगलियों में खुजली

अगर आपकी उंगलियों में खुजली होती है, तो इसका अर्थ है कि आपके हाथ में धन तो आएगा लेकिन जल्दी ही खर्च हो जाएगा।

हाथ के पीछे खुजली

अगर हाथ के पीछे खुजली होती है, तो यह संकेत करता है कि कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति आपके जीवन में प्रवेश करने वाला है या कोई बड़ा अवसर आपके पास आ सकता है।

हाथ में खुजली के वैज्ञानिक कारण

हाथ में खुजली के वैज्ञानिक कारण

हालांकि ज्योतिष में हाथ में खुजली को धन आगमन और हानि से जोड़ा जाता है, लेकिन इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हो सकते हैं:

  • एलर्जी – कुछ खाद्य पदार्थों, धूल या किसी अन्य तत्व से एलर्जी होने पर हाथों में खुजली हो सकती है।

  • ड्राई स्किन (सूखी त्वचा) – सर्दियों में या अत्यधिक साबुन के प्रयोग से हाथों में खुजली हो सकती है।

  • त्वचा रोग – अगर खुजली लगातार बनी रहती है, तो यह एक्जिमा या अन्य त्वचा रोगों का संकेत हो सकता है।

  • नसों की समस्या – कुछ मामलों में नसों से संबंधित समस्याओं के कारण भी हाथों में खुजली हो सकती है।

हाथ में खुजली को ज्योतिषीय दृष्टि से धन आगमन या हानि का संकेत माना जाता है, लेकिन इसका वैज्ञानिक पहलू भी ध्यान में रखना जरूरी है। यदि यह खुजली बार-बार होती है और लंबे समय तक बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना उचित रहेगा। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, अगर आप हाथ में खुजली के संकेतों को समझकर सही निर्णय लेते हैं, तो यह आपके लिए लाभदायक हो सकता है।

स्कीम 74, इंदौर के निवासी को ज्योतिषीय उपाय से आर्थिक लाभ मिला!

मेरा नाम सुमित शर्मा है, मैं इंदौर के स्कीम 74 में रहता हूँ। पिछले कुछ समय से मेरे बाएं हाथ की हथेली में बार-बार खुजली हो रही थी। मैंने इसे सामान्य समझा, लेकिन कुछ दिनों बाद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ा। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि हथेली में खुजली ग्रहों की चाल से जुड़ी होती है। बाएं हाथ की खुजली धन हानि का संकेत दे सकती है, जबकि दाएं हाथ की खुजली आर्थिक लाभ का संकेत होती है।

उन्होंने शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा करने, चावल का दान करने और हरे वस्त्र धारण करने की सलाह दी। इन उपायों के बाद मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और धन आगमन शुरू हुआ।

सुखलिया, इंदौर के निवासी को हथेली में खुजली का ज्योतिषीय समाधान मिला!

मेरा नाम आकाश वर्मा है, मैं इंदौर के सुखलिया इलाके में रहता हूँ। हाल ही में मेरे दाएं हाथ की हथेली में खुजली होने लगी, और कुछ दिनों बाद अचानक एक बड़ा धन लाभ हुआ। मैंने इसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण से समझने के लिए ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने समझाया कि दाएं हाथ की हथेली में खुजली आर्थिक लाभ का संकेत देती है, जबकि बाएं हाथ की खुजली खर्च या धन हानि का प्रतीक हो सकती है।

साहू जी ने सुझाव दिया कि इस संकेत को और अधिक शुभ बनाने के लिए नियमित रूप से गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें, पीपल के पेड़ की पूजा करें, और गाय को आटा खिलाएं। इन उपायों ने मेरे जीवन में और अधिक सकारात्मकता और स्थिरता लाई।

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कर्ज मुक्ति और आर्थिक संकट से उबरने के लिए कौन-सी पूजा करें?

कर्ज मुक्ति और आर्थिक संकट से उबरने के लिए कौन-सी पूजा करें?

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कर्ज मुक्ति और आर्थिक संकट 

आज के समय में आर्थिक तंगी और कर्ज का बोझ कई लोगों के जीवन की एक बड़ी समस्या बन गया है। कई बार व्यक्ति मेहनत करने के बावजूद आर्थिक स्थिरता प्राप्त नहीं कर पाता और कर्ज़ का बोझ बढ़ता जाता है। वेदिक ज्योतिष और हिंदू धर्मशास्त्रों में ऐसे कई पवित्र उपाय और पूजाएँ बताई गई हैं जो आर्थिक संकट से मुक्ति दिलाने और कर्ज़ चुकाने में मदद कर सकती हैं। यदि किसी की कुंडली में शनि, राहु, केतु या मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में हों, तो व्यक्ति को कर्ज़ और धन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में सही पूजा-पाठ और उपाय करने से धन संबंधित परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है।

इस लेख में हम कर्ज मुक्ति और आर्थिक संकट से उबरने के लिए प्रभावी पूजाओं और उपायों के बारे में विस्तार से जानेंगे।

भगवान गणेश की पूजा – ऋणहर्ता गणपति व्रत 

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है और उनकी कृपा से सभी बाधाएँ दूर होती हैं। गणपति ऋणहर्ता स्तोत्र का नियमित पाठ करने से कर्ज़ से मुक्ति और आर्थिक उन्नति होती है।

गणेश पूजा विधि:

बुधवार के दिन प्रातः स्नान कर गणपति जी को दूर्वा, मोदक और सिंदूर अर्पित करें
"ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें
ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र का पाठ करें।
 यदि संभव हो तो 21 बुधवार तक व्रत रखें और हरे रंग के वस्त्र धारण करें

लाभ: यह पूजा व्यापार, नौकरी और कर्ज से मुक्ति दिलाने में अत्यधिक प्रभावी है।

शनि देव की पूजा – कर्ज़ मुक्ति का अचूक उपाय 

शनि देव की पूजा

यदि कुंडली में शनि ग्रह पीड़ित हो, तो व्यक्ति को आर्थिक संकट, व्यापार में नुकसान और कर्ज़ के जाल में फँसने की समस्या हो सकती है। शनि देव की पूजा करने से कर्ज़ की समस्या और धन संबंधी बाधाएँ समाप्त होती हैं

शनि देव पूजा विधि:

शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
 "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें
 जरूरतमंदों और श्रमिकों को काले तिल, उड़द दाल और सरसों के तेल का दान करें
 यदि संभव हो तो शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी को गुड़-चना अर्पित करें

लाभ: शनि देव की कृपा से अचानक धन लाभ, व्यवसाय में वृद्धि और ऋण से छुटकारा मिलता है।

 माँ लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा – धन की बरकत के लिए 

माँ लक्ष्मी और भगवान कुबेर को धन, समृद्धि और वैभव का कारक माना जाता है। यदि किसी को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हो, तो इनकी पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है।

माँ लक्ष्मी और कुबेर पूजा विधि:

शुक्रवार के दिन माँ लक्ष्मी के चित्र या मूर्ति के सामने कमल का फूल, केसर, चावल और सफेद मिठाई अर्पित करें
"ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें
भगवान कुबेर के लिए "ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा" मंत्र का 108 बार जाप करें
 घर में श्री यंत्र स्थापित करें और नियमित रूप से इसकी पूजा करें।
 शुक्रवार को कन्याओं और गरीबों को भोजन कराएँ और सफेद वस्त्र दान करें

लाभ: इस पूजा से धन आगमन बढ़ता है, बचत बढ़ती है और कर्ज से मुक्ति मिलती है

ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ – मंगल ग्रह की शांति के लिए 

यदि कुंडली में मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को कर्ज, दुर्घटना और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मंगल ग्रह के दोष को शांत करने के लिए ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ अत्यंत लाभकारी होता है।

ऋणमोचन मंगल स्तोत्र पाठ विधि:

 मंगलवार के दिन लाल रंग के वस्त्र पहनकर हनुमान जी की पूजा करें
"ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें
"ऋणमोचन मंगल स्तोत्र" का नियमित पाठ करें।
हनुमान मंदिर में चोला चढ़ाएँ और हनुमान चालीसा का पाठ करें
 बंदरों को गुड़-चना और केले खिलाएँ

लाभ: इस उपाय से मंगल दोष शांत होता है, कर्ज का बोझ कम होता है और धन की स्थिति सुधरती है

महामृत्युंजय मंत्र जाप – कर्ज़ मुक्ति के लिए अचूक उपाय 

महामृत्युंजय मंत्र जाप

महामृत्युंजय मंत्र को अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र मंत्र माना गया है। यह न केवल कर्ज़ से मुक्ति दिलाता है, बल्कि जीवन की हर समस्या का समाधान करता है।

महामृत्युंजय मंत्र जाप विधि:

सोमवार को रुद्राक्ष की माला लेकर "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।" मंत्र का 108 बार जाप करें
शिवलिंग पर कच्चा दूध, गंगा जल और बेलपत्र चढ़ाएँ
यह जाप 11,000 या 1,25,000 बार करने से कर्ज़ से स्थायी रूप से मुक्ति मिल सकती है।
गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें

लाभ: यह उपाय ऋण मुक्ति, स्वास्थ्य, और जीवन की समस्त परेशानियों से छुटकारा दिलाता है।

आर्थिक संकट और कर्ज़ से मुक्ति पाने के लिए भगवान गणेश, शनि देव, माँ लक्ष्मी, कुबेर और हनुमान जी की पूजा अत्यंत लाभकारी होती है। साथ ही ऋणमोचन मंगल स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र और शनि पूजा भी कर्ज से छुटकारा दिलाने में सहायक होते हैं। इन पूजाओं और उपायों को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है और जीवन में धन, समृद्धि और स्थिरता बनी रहती है।


रवि शंकर त्रिपाठी,

साहू जी से परामर्श लेने के बाद, मैंने कर्ज मुक्ति के लिए विशेष पूजा करवाई। उन्होंने मुझे ऋणहर्ता गणपति और महालक्ष्मी अनुष्ठान करने की सलाह दी। पूजा के बाद मेरी आर्थिक स्थिति में सुधार आने लगा, रुका हुआ पैसा वापस मिला और कर्ज धीरे-धीरे खत्म होने लगा। साहू जी का मार्गदर्शन वाकई चमत्कारी है!"

संगीता मेहता,

"मेरी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी और कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा था। साहू जी से सलाह लेने के बाद मैंने धन प्राप्ति यज्ञ और शनि ग्रह की शांति पूजा करवाई। कुछ महीनों में ही सकारात्मक बदलाव दिखने लगे और आर्थिक संकट से राहत मिली। अब मैं आर्थिक रूप से स्थिर महसूस कर रहा हूँ। साहू जी का आभार!"

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वास्तु दोष निवारण के लिए घर में कौन-सी पूजा करनी चाहिए?

वास्तु दोष निवारण के लिए घर में कौन-सी पूजा करनी चाहिए? 

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वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि बनाए रखने के लिए वास्तु दोष मुक्त होना आवश्यक है। यदि घर में वास्तु दोष होता है, तो यह धन हानि, स्वास्थ्य समस्याएँ, पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति का कारण बन सकता है। वास्तु दोष उत्पन्न होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे गलत दिशा में मुख्य द्वार, रसोई या शौचालय का स्थान, भारी सामान का गलत स्थान पर होना, या घर में नकारात्मक ऊर्जा का संचार

वास्तु दोष निवारण के लिए कुछ विशेष पूजाएँ और उपाय करने से घर में सुख-शांति, धन-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। इस लेख में हम जानेंगे कि वास्तु दोष दूर करने के लिए कौन-सी पूजाएँ करनी चाहिए और कौन से उपाय लाभकारी होते हैं।

वास्तु दोष निवारण के लिए वास्तु पूजा 

पूजा विधि:

 घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में गंगाजल का छिड़काव करें
वास्तु पुरुष की मूर्ति या चित्र को हल्दी, चावल और फूल चढ़ाएँ
"ॐ वास्तु देवाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।
 पूजा के बाद घर में गौमूत्र और कपूर जल का छिड़काव करें

 लाभ: यह पूजा घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।

गणपति पूजा – वास्तु दोष निवारण के लिए अचूक उपाय

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, और उनकी कृपा से सभी बाधाएँ दूर होती हैं। यदि घर में वास्तु दोष हो, तो गणपति की पूजा करने से वास्तु दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

पूजा विधि:

बुधवार को गणपति जी की प्रतिमा को हल्दी, चंदन और दूर्वा अर्पित करें
"ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें
 घर के मुख्य द्वार के ऊपर गणेश जी की प्रतिमा लगाएँ, जिससे नकारात्मक ऊर्जा अंदर प्रवेश न कर सके।
 यदि संभव हो तो गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें

लाभ: यह पूजा घर की ऊर्जा को संतुलित करती है और वास्तु दोष से होने वाली समस्याओं को समाप्त करती है।

वास्तु दोष निवारण के लिए रुद्राभिषेक (भगवान शिव की पूजा) 

रुद्राभिषेक

भगवान शिव की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा, ग्रह दोष और वास्तु दोष दूर होते हैं। यदि घर में किसी भी कारण से अशांति बनी रहती है, तो रुद्राभिषेक करना अत्यधिक लाभकारी होता है।

पूजा विधि:

सोमवार को शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र चढ़ाएँ
"ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें
 यदि संभव हो तो रुद्राभिषेक अनुष्ठान कराएँ
 घर के उत्तर-पूर्व कोण में शिवलिंग स्थापित करके नियमित जल अर्पित करें।

 लाभ: रुद्राभिषेक करने से ग्रह दोष और वास्तु दोष शांत होते हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

 वास्तु दोष निवारण के लिए नवग्रह पूजा 

यदि घर में वास्तु दोष के कारण धन हानि, व्यापार में रुकावट, या स्वास्थ्य समस्याएँ हो रही हैं, तो नवग्रह पूजा करने से सभी ग्रह शांत होते हैं और वास्तु दोष का नकारात्मक प्रभाव कम होता है।

पूजा विधि:

नवग्रह यंत्र को घर के पूजा स्थान में स्थापित करें
रविवार से शनिवार तक प्रत्येक दिन संबंधित ग्रह के मंत्र का जाप करें
नौ प्रकार के अनाज (नवधान्य) और नवग्रह दीप जलाएँ।
प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाएँ और "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।

लाभ: नवग्रह पूजा से ग्रहों की बाधा दूर होती है और वास्तु दोष से उत्पन्न समस्याएँ समाप्त होती हैं।

वास्तु दोष निवारण के लिए हनुमान पूजा 

हनुमान जी को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों को दूर करने वाला देवता माना जाता है। यदि घर में भूत-प्रेत बाधा, नकारात्मक ऊर्जा या लगातार क्लेश हो रहा हो, तो हनुमान जी की पूजा अत्यधिक प्रभावी होती है।

पूजा विधि:

 मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें
 हनुमान मंदिर में लाल सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएँ
"ॐ हं हनुमते नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें
 घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें

लाभ: यह पूजा नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है और घर को वास्तु दोष मुक्त बनाती है।

वास्तु दोष निवारण के लिए तुलसी और पीपल की पूजा

 
वास्तु दोष निवारण के लिए तुलसी और पीपल की पूजा

तुलसी और पीपल को शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। यदि घर में वास्तु दोष या वास्तु दोष के कारण नकारात्मकता बनी हुई है, तो इनकी पूजा करनी चाहिए।

पूजा विधि:

प्रतिदिन तुलसी के पौधे के पास दीप जलाएँ और "ॐ श्री तुलस्यै नमः" मंत्र का जाप करें।
शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएँ और "ॐ शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें।
प्रत्येक पूर्णिमा को तुलसी में गुड़ और कच्चा दूध अर्पित करें

 लाभ: तुलसी और पीपल की पूजा से वास्तु दोष समाप्त होता है, घर में सुख-शांति बनी रहती है और पितृ दोष का निवारण होता है।

अन्य महत्वपूर्ण वास्तु दोष निवारण उपाय 

मुख्य द्वार पर स्वस्तिक और मंगल कलश रखें – घर में शुभ ऊर्जा प्रवेश करती है।
घर में नमक और पानी का पोछा लगाएँ – नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
कपूर जलाकर पूरे घर में घुमाएँ – वास्तु दोष और नकारात्मकता समाप्त होती है।
दक्षिण दिशा में भारी सामान रखें और उत्तर-पूर्व दिशा खाली रखें – धन की वृद्धि होगी।
किसी को उधार देते समय बुधवार को ही दें और लौटाने के लिए मंगलवार का दिन चुनें।
घर में नियमित रूप से हवन करें – विशेष रूप से वास्तु दोष निवारण यज्ञ लाभकारी होता है।

घर में वास्तु दोष होने से धन हानि, मानसिक तनाव, रोग और पारिवारिक क्लेश की संभावना बढ़ जाती है। वास्तु दोष निवारण के लिए गणपति पूजा, रुद्राभिषेक, नवग्रह पूजा, हनुमान पूजा, तुलसी और पीपल की पूजा अत्यंत प्रभावी होती हैं। इन पूजाओं को श्रद्धा और नियमितता के साथ करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

"सही पूजा करें, वास्तु दोष से मुक्ति पाएँ और अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भरपूर बनाएँ!"



अजय वर्मा, इंदौर

"साहू जी से परामर्श लेने के बाद, मैंने अपने घर में वास्तु दोष निवारण के लिए विशेष पूजा करवाई। उन्होंने हमें नवग्रह शांति यज्ञ और वास्तु दोष निवारण हवन करने की सलाह दी। पूजा के बाद घर में शांति और सकारात्मक ऊर्जा महसूस हुई, पारिवारिक समस्याएँ भी धीरे-धीरे खत्म होने लगीं। साहू जी का मार्गदर्शन वास्तव में अद्भुत है!"

प्रीति शर्मा,

मेरे घर में लगातार परेशानियाँ आ रही थीं, जिससे मानसिक तनाव बढ़ रहा था। साहू जी ने हमें वास्तु दोष निवारण पूजा करने की सलाह दी और विशेष मंत्रों का जाप करवाया। पूजा के बाद हमारे घर में सुख-शांति का वातावरण बन गया और रुके हुए काम भी बनने लगे। साहू जी का बहुत-बहुत धन्यवाद!"

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वास्तु और ग्रहों का संबंध

वास्तु और ग्रहों का संबंध

वास्तु और ग्रहों का संबंध

वास्तु शास्त्र और ग्रहों का गहरा संबंध है। वास्तु शास्त्र प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो भवन निर्माण और उसके वातावरण को संतुलित करने की विधा है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव को दर्शाता है। जब दोनों का सही तालमेल होता है, तो व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है, लेकिन अगर वास्तु दोष और ग्रहों की अशुभ स्थिति हो, तो जीवन में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।

वास्तु और ज्योतिष में संबंध क्यों महत्वपूर्ण है?

वास्तु शास्त्र में दिशाओं और ग्रहों का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक दिशा किसी न किसी ग्रह से जुड़ी होती है, और उस दिशा में दोष होने से संबंधित ग्रह भी अशुभ फल देने लगते हैं। सही वास्तु नियमों का पालन करने से ग्रहों  का प्रभाव सकारात्मक बनता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।

दिशाएं और उनके स्वामी ग्रह

दिशाएं और उनके स्वामी ग्रह

पूर्व दिशा – सूर्य

  • पूर्व दिशा का संबंध सूर्य से होता है, जो आत्मविश्वास, सफलता और ऊर्जा का प्रतीक है।
  • यदि घर का मुख्य द्वार पूर्व में है और खुला, साफ-सुथरा है, तो व्यक्ति के आत्मविश्वास और मान-सम्मान में वृद्धि होती है।
  • यदि इस दिशा में कोई रुकावट या दोष हो, तो व्यक्ति को करियर और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

पश्चिम दिशा – शनि

  • पश्चिम दिशा के स्वामी शनि हैं, जो कर्म और न्याय के कारक माने जाते हैं।
  • इस दिशा में अधिक दोष होने पर व्यक्ति को करियर में बाधाएं, आलस्य और अस्थिरता का सामना करना पड़ता है।
  • इस दिशा को संतुलित रखने के लिए सफाई और उचित रोशनी का ध्यान रखना आवश्यक है।

उत्तर दिशा – बुध

  • उत्तर दिशा का स्वामी बुध ग्रह है, जो बुद्धिमत्ता, व्यापार और संचार से जुड़ा हुआ है।
  • इस दिशा में जल का स्रोत (जैसे जलकुंड, हैंडपंप) होना शुभ माना जाता है।
  • इस दिशा में दोष होने से मानसिक तनाव, व्यापार में नुकसान और रिश्तों में कड़वाहट बढ़ सकती है।

दक्षिण दिशा – मंगल

  • दक्षिण दिशा के स्वामी मंगल हैं, जो ऊर्जा, साहस और शक्ति के प्रतीक हैं।
  • यदि दक्षिण दिशा में भारी वास्तुदोष हो, तो व्यक्ति को क्रोध, दुर्घटनाएं और स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
  • इस दिशा में लाल रंग के तत्वों का उपयोग करना मंगल के सकारात्मक प्रभाव को बढ़ा सकता है।

ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) – गुरु

  • यह दिशा बृहस्पति ग्रह से संबंधित होती है, जो ज्ञान, धन और आध्यात्मिकता का कारक है।
  • इस दिशा में पूजा स्थल या जलस्रोत रखना शुभ माना जाता है।
  • इस दिशा में दोष होने से आर्थिक हानि, शिक्षा में बाधा और मानसिक अशांति हो सकती है।

नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) – राहु

  • इस दिशा का संबंध राहु ग्रह से होता है, जो छाया ग्रह होने के कारण रहस्यमयी और अप्रत्याशित परिणाम देने वाला माना जाता है।
  • इस दिशा में भारी वस्तुएं रखना शुभ माना जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो।
  • इस दिशा में दोष होने से दुर्घटनाएं, शत्रु बाधा और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।

वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) – चंद्रमा

  • इस दिशा का संबंध चंद्रमा से होता है, जो मन, भावनाओं और मानसिक शांति का प्रतीक है।
  • इस दिशा में दोष होने से व्यक्ति को मानसिक तनाव, अनिद्रा और पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ सकता है।

अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व) – शुक्र

  • इस दिशा का स्वामी शुक्र ग्रह है, जो सौंदर्य, विलासिता और भौतिक सुखों का कारक है।
  • इस दिशा में रसोईघर होना शुभ माना जाता है।
  • इस दिशा में दोष होने से विवाह जीवन में समस्याएं, स्वास्थ्य समस्याएं और धन हानि हो सकती है।

ग्रहों के अनुसार वास्तु दोष और समाधान

सूर्य दोष और उपाय

लक्षण:
  • घर में अशांति बनी रहती है।
  • सरकारी कार्यों में बाधाएं आती हैं।
  • उपाय:
  • तांबे के बर्तन में जल भरकर सूर्य को अर्घ्य दें।
  • घर के मुख्य द्वार को हमेशा साफ रखें।

चंद्रमा दोष और उपाय

लक्षण:

  • मानसिक तनाव और भावनात्मक अस्थिरता रहती है।
    उपाय:
  • घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में सफेद रंग का प्रयोग करें।
  • सोमवार को दूध और चावल का दान करें।

मंगल दोष और उपाय

लक्षण:

  • अनावश्यक क्रोध और दुर्घटनाओं की संभावना।
    उपाय:
  • मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें।
  • घर में लाल रंग के फूल लगाएं।

बुध दोष और उपाय

लक्षण:

  • व्यापार में हानि और वाणी में कठोरता।
    उपाय:
  • हरे रंग के कपड़े पहनें और बुधवार को हरे मूंग का दान करें।
  • घर की उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा लगाएं।

गुरु दोष और उपाय

लक्षण:

  • धन और शिक्षा में बाधा।
    उपाय:
  • पीले रंग के वस्त्र पहनें और गुरुवार को पीली चीजों का दान करें।
  • ईशान कोण को हमेशा स्वच्छ और हल्का रखें।

शुक्र दोष और उपाय

लक्षण:

  • वैवाहिक जीवन में समस्याएं और भौतिक सुखों की कमी।
    उपाय:
  • शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें और चावल, दूध का दान करें।
  • घर के दक्षिण-पूर्व में चमकीले और सुंदर सजावट करें।

शनि दोष और उपाय

लक्षण:

  • करियर में बाधाएं, आलस्य और स्वास्थ्य समस्याएं।
    उपाय:
  • शनिदेव की पूजा करें और सरसों का तेल दान करें।
  • पश्चिम दिशा को साफ और व्यवस्थित रखें।

राहु-केतु दोष और उपाय

लक्षण:

  • अचानक समस्याएं आना, भय और मानसिक अशांति।
    उपाय:
  • नारियल और काले तिल का दान करें।
  • घर के नैऋत्य और वायव्य कोण में सफाई रखें।
वास्तु और ग्रहों का सीधा संबंध हमारे जीवन से होता है। जब वास्तु दोष और ग्रहों की नकारात्मकता मिलती है, तो जीवन में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। लेकिन सही वास्तु उपायों और ज्योतिषीय उपायों से इन दोषों को कम किया जा सकता है। यदि किसी को जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, तो उसे एक योग्य वास्तु और ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। सही दिशा और सकारात्मक ऊर्जा के माध्यम से हम अपने जीवन को सुख-समृद्धि और सफलता की ओर ले जा सकते हैं।

स्कीम नंबर 78, इंदौर के निवासी को वास्तु और ग्रहों के संतुलन से सफलता मिली!

मेरा नाम राहुल शर्मा है, मैं इंदौर, स्कीम नंबर 78 में रहता हूँ। घर में लगातार आर्थिक समस्याएँ बनी हुई थीं, धन आता था लेकिन टिकता नहीं था। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि मेरे घर का मुख्य दरवाजा और रसोई गलत दिशा में है, जिससे शुक्र और बुध ग्रह प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने मुख्य द्वार पर स्वस्तिक बनाने, तुलसी का पौधा लगाने और घर के उत्तर-पूर्व को साफ रखने की सलाह दी। उपाय करने के बाद आर्थिक स्थिति में सुधार आया और घर में सकारात्मकता बनी।

बिचोली मर्दाना, इंदौर के निवासी को वास्तु और ग्रहों के सही संतुलन से उन्नति मिली!

मेरा नाम विवेक अग्रवाल है, मैं इंदौर, बिचोली मर्दाना में रहता हूँ। पिछले कुछ वर्षों से घर में कलह बढ़ गई थी और बिज़नेस में नुकसान हो रहा था। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से परामर्श लिया। उन्होंने मेरी कुंडली और घर का वास्तु निरीक्षण कर बताया कि दक्षिण-पश्चिम दिशा में दोष है, जिससे मंगल और शनि ग्रह प्रभावित हो रहे हैं।

उन्होंने घर के दक्षिण-पश्चिम कोने में पीला बल्ब लगाने, हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने और तांबे का पिरामिड रखने की सलाह दी। उपाय करने के बाद घर का माहौल शांत हुआ और बिज़नेस में भी सुधार आया।

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क्या आपकी हथेली में संतान सुख के संकेत हैं?

क्या आपकी हथेली में संतान सुख के संकेत हैं?

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हथेली में संतान सुख के संकेत हैं

हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार, हमारी हथेली में मौजूद रेखाएं और चिन्ह हमारे जीवन की विभिन्न घटनाओं का संकेत देती हैं। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पहलू संतान सुख से जुड़ा होता है। संतान रेखा, भाग्य रेखा, चंद्र पर्वत और अन्य हस्तरेखा संकेतों के माध्यम से यह जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त होगा या नहीं।

संतान सुख की प्रमुख रेखाएं और संकेत

संतान सुख की प्रमुख रेखाएं और संकेत

संतान रेखा

संतान रेखा छोटी, सीधी रेखाएं होती हैं जो कनिष्ठा (छोटी उंगली) के नीचे शुक्र पर्वत या विवाह रेखा के पास उभरती हैं। इन रेखाओं का स्पष्ट, गहरी और सीधी होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति को संतान सुख मिलेगा। यदि यह रेखाएं टूटी, पतली या अस्पष्ट हैं, तो संतान प्राप्ति में कठिनाई हो सकती है।

भाग्य रेखा का प्रभाव

भाग्य रेखा यदि स्पष्ट, बिना कटाव वाली और मस्तिष्क रेखा को पार करती हो, तो यह संकेत देता है कि व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त होगा। यदि यह रेखा टूटी हुई हो या उस पर द्वीप या अन्य चिन्ह हों, तो संतान प्राप्ति में विलंब या कठिनाइयां आ सकती हैं।

सूर्य रेखा और संतान सुख

सूर्य रेखा यदि स्पष्ट और गहरी हो, तो यह व्यक्ति के जीवन में खुशहाली और संतान सुख का संकेत देती है। यदि सूर्य रेखा में रुकावटें या जाल बने हुए हों, तो संतान से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

शुक्र पर्वत का महत्व

शुक्र पर्वत का पूर्ण रूप से उभरा और मजबूत होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति को संतान सुख मिलेगा। यदि यह पर्वत दबा हुआ हो या इस पर जाल या क्रॉस का निशान हो, तो संतान प्राप्ति में कठिनाइयां आ सकती हैं।

चंद्र पर्वत का प्रभाव

चंद्र पर्वत व्यक्ति की कल्पनाशीलता और प्रजनन क्षमता का प्रतीक है। यदि यह पर्वत उभरा हुआ हो और इस पर कोई कटाव या द्वीप न हो, तो यह संतान सुख के लिए शुभ संकेत देता है।

संतान सुख में बाधा के संकेत

  • विवाह रेखा पर द्वीप या टूटी हुई रेखाएं संतान सुख में बाधा का संकेत देती हैं।

  • मस्तिष्क रेखा पर कोई कटाव संतान प्राप्ति में मानसिक तनाव या बाधा को दर्शाता है।

  • शनि पर्वत पर जाल, क्रॉस या द्वीप का निशान संतान सुख में देरी या समस्या का कारण बन सकता है।

  • जीवन रेखा पर किसी प्रकार का कटाव संतान से जुड़ी परेशानियों की ओर इशारा करता है।

संतान सुख प्राप्त करने के उपाय

  • प्रतिदिन शिवलिंग पर जल अर्पित करें और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।

  • संतान प्राप्ति के लिए शुक्र और चंद्र ग्रह की शांति के उपाय करें।

  • बृहस्पति ग्रह मजबूत करने के लिए हर गुरुवार पीले वस्त्र पहनें और केले के पेड़ की पूजा करें।

  • गौ माता को हरा चारा खिलाएं और गरीब बच्चों को भोजन कराएं।

  • पुखराज या मोती धारण करना संतान सुख में वृद्धि कर सकता है।

हस्तरेखा ज्योतिष  के अनुसार, हथेली की विभिन्न रेखाएं और पर्वत व्यक्ति के जीवन में संतान सुख का संकेत देते हैं। यदि हाथ में शुभ संकेत हैं, तो संतान सुख प्राप्ति में कोई बाधा नहीं आती, लेकिन यदि कुछ नकारात्मक चिन्ह हैं, तो उचित ज्योतिषीय उपाय अपनाकर इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। संतान सुख प्राप्ति के लिए सकारात्मक सोच और धार्मिक उपायों का पालन करना भी आवश्यक है।

स्नेहलता गंज, इंदौर के निवासी को हथेली की रेखाओं से संतान सुख का संकेत मिला!

मेरा नाम सुनील शर्मा है, मैं इंदौर, स्नेहलता गंज में रहता हूँ। शादी के कई साल बाद भी संतान सुख नहीं मिल रहा था, जिससे मानसिक तनाव बढ़ रहा था। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी हथेली की संतान रेखा देखकर बताया कि शनि और चंद्रमा के प्रभाव से देरी हो रही है

उन्होंने शिवलिंग पर कच्चा दूध अर्पित करने, पीला चंदन लगाने और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने की सलाह दी। उपाय करने के बाद कुछ महीनों में सकारात्मक परिणाम मिले और संतान योग बना

महालक्ष्मी नगर, इंदौर के निवासी को अंक ज्योतिष से सही मार्गदर्शन मिला!

मेरा नाम अमित वर्मा है, मैं इंदौर, महालक्ष्मी नगर में रहता हूँ। करियर में सही दिशा नहीं मिल रही थी, बार-बार असफलता हाथ लग रही थी। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरा मूलांक निकाला और बताया कि अंक 4 के प्रभाव से बाधाएँ आ रही हैं।

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