क्या 'चंद्र-मंगल योग' धन का सबसे बड़ा कारण है?

क्या 'चंद्र-मंगल योग' धन का सबसे बड़ा कारण है? 

क्या 'चंद्र-मंगल योग' धन का सबसे बड़ा कारण है?

ज्योतिष शास्त्र में चंद्र और मंगल ग्रह का विशेष महत्व माना गया है। चंद्र ग्रह व्यक्ति की मानसिक स्थिति, भावनाएं और संवेदनशीलता नियंत्रित करता है जबकि मंगल साहस, ऊर्जा और निर्णय शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है। जब ये दोनों ग्रह किसी कुंडली में विशेष योग बनाते हैं, तो उसे चंद्र-मंगल योग कहा जाता है। यह योग व्यक्ति की मानसिक शक्ति, साहस और कार्यक्षमता में वृद्धि करता है और अक्सर इसे धन, वैभव और सफलता के कारक के रूप में देखा जाता है। हालांकि, यह धारणा कि केवल चंद्र-मंगल योग होने से व्यक्ति धन प्राप्ति में सबसे आगे रहेगा, पूरी तरह सही नहीं है। धन योग के लिए कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति, दशा-अंतरदशा और भावों की स्थिति भी अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि चंद्र-मंगल योग का प्रभाव व्यक्ति के व्यवसायिक निर्णय, आर्थिक स्थिरता और संपत्ति के निर्माण में दिखाई देता है। लेकिन यह योग तभी पूर्ण रूप से फलदायी होता है जब चंद्र और मंगल के साथ अन्य ग्रहों का सहयोग भी मौजूद हो। अगर कुंडली में शनि, राहु या केतु जैसे ग्रह अशुभ दृष्टि डालते हैं, तो इस योग का प्रभाव अपेक्षित रूप से कम हो सकता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि चंद्र-मंगल योग केवल धन अर्जन तक सीमित नहीं है। यह योग व्यक्ति के व्यक्तित्व में आत्मविश्वास, साहस और निर्णय लेने की क्षमता लाता है। यही कारण है कि जिन लोगों की कुंडली में यह योग शुभ रूप में होता है, वे जोखिम लेने और नए अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम होते हैं।

चंद्र-मंगल योग की उत्पत्ति और महत्व

ज्योतिष शास्त्र में चंद्र और मंगल ग्रह के संयोग को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। जब जन्म कुंडली में चंद्र और मंगल किसी भी भाव में संयोग बनाते हैं, तो यह व्यक्ति में साहस, ऊर्जा और तर्कसंगत सोच का विकास करता है।चंद्र की संवेदनशीलता और मंगल की साहसी प्रवृत्ति मिलकर व्यक्ति को निर्णय क्षमता, मानसिक संतुलन और आर्थिक जोखिम उठाने की शक्ति देती हैं।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि चंद्र-मंगल योग व्यक्ति की सोच को तीव्र और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत बनाता है। यह योग व्यवसाय, निवेश, नौकरी और अन्य आर्थिक गतिविधियों में तेज निर्णय लेने में मदद करता है। वहीं, यदि मंगल या चंद्र अशुभ स्थिति में हों, तो योग का प्रभाव उल्टा भी पड़ सकता है और व्यक्ति को आर्थिक नुकसान या मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का कहना है कि चंद्र-मंगल योग व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा, आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि करता है। यह योग किसी भी आर्थिक या सामाजिक चुनौती का सामना करने की क्षमता प्रदान करता है। इसलिए इसे केवल धन के योग तक सीमित नहीं समझना चाहिए।

चंद्र-मंगल योग और धन का सम्बन्ध

चंद्र-मंगल योग को धन योग माना जाता है, लेकिन इसका प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में अन्य ग्रहों और भावों की स्थिति पर निर्भर करता है। 7वें भाव और 11वें भाव, जो वैवाहिक जीवन और आर्थिक लाभ के मुख्य भाव हैं, इनकी स्थिति चंद्र-मंगल योग की शक्ति को बढ़ाती या घटाती है। गुरु और शुक्र की स्थिति भी धन प्राप्ति और वैभव के लिए निर्णायक होती है।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि केवल चंद्र-मंगल योग होने से व्यक्ति की आर्थिक सफलता सुनिश्चित नहीं होती। यदि कुंडली में शनि दोष, राहु या केतु की अशुभ दृष्टि या अन्य ग्रह दोष मौजूद हैं, तो योग का प्रभाव अपेक्षाकृत कम हो जाता है। इसलिए कुंडली का सम्पूर्ण विश्लेषण आवश्यक है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि चंद्र-मंगल योग व्यक्ति को साहसी और कार्यकुशल बनाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति जोखिम उठाने में सक्षम होता है और सही समय पर आर्थिक निर्णय ले पाता है, जो धन और सफलता के लिए अनिवार्य है।

चंद्र-मंगल योग के सकारात्मक प्रभाव

चंद्र-मंगल योग का सबसे प्रमुख लाभ व्यक्ति की मानसिक शक्ति, साहस और आर्थिक निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि करना है। यह योग व्यक्ति में तेज बुद्धि, साहसिक प्रवृत्ति और कार्य करने की ऊर्जा लाता है। इसके प्रभाव से व्यक्ति अपने व्यवसाय, नौकरी या निवेश में लाभ अर्जित कर सकता है।

साथ ही यह योग व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान में भी वृद्धि करता है। जिन लोगों की कुंडली में यह योग शुभ स्थिति में होता है, वे समाज में सम्मानित होते हैं और उनके निर्णयों का सम्मान किया जाता है। इसके अतिरिक्त चंद्र-मंगल योग व्यक्ति में आत्मविश्वास और साहस बढ़ाकर उसे जीवन की कठिन परिस्थितियों का सामना करने योग्य बनाता है।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि इस योग के प्रभाव से व्यक्ति आर्थिक निर्णयों में स्थिरता बनाए रख सकता है और मानसिक संतुलन बनाए रखते हुए आर्थिक चुनौतियों का समाधान कर सकता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, चंद्र-मंगल योग न केवल धन अर्जन में बल्कि व्यक्ति के नेतृत्व कौशल, सामाजिक प्रतिष्ठा और मानसिक स्वास्थ्य में भी सहायक होता है।

कब चंद्र-मंगल योग कमजोर या नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है

चंद्र-मंगल योग हमेशा धन या सफलता सुनिश्चित नहीं करता। कई बार यह योग अपेक्षित परिणाम नहीं देता, इसका कारण ग्रहों की दोषयुक्त स्थिति, अशुभ दशा और अन्य ग्रहों की दृष्टि होती है। यदि चंद्र या मंगल अशुभ भाव में हों, तो योग का प्रभाव कमजोर पड़ता है।

शनि, राहु, केतु या सूर्य की दृष्टि योग के प्रभाव को कम कर सकती है। इसके अलावा कुंडली में अन्य दोष जैसे शनि दोष, राहु-केतु दोष या 8वें भाव के अशुभ ग्रह योग की शक्ति को प्रभावित कर सकते हैं।

भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि चंद्र-मंगल योग का प्रभाव बढ़ाने के लिए कुंडली में दोषों का निवारण और उचित उपाय करना आवश्यक है। इसके बिना केवल योग का होना व्यक्ति को अपेक्षित धन या सफलता नहीं दिला सकता।

उपाय और सिफारिशें

चंद्र-मंगल योग का शुभ प्रभाव बढ़ाने और आर्थिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय सुझाए गए हैं। मंगलवार और सोमवार को व्रत करना, हवन और गुरु मंत्र तथा चंद्र मंत्र का जाप करना लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा पवित्र जल दान, धार्मिक कार्यों में भाग लेना और नवग्रह शांति पूजा के माध्यम से दोष निवारण करना भी उपयोगी होता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी यह मानते हैं कि उपायों से चंद्र-मंगल योग का प्रभाव अधिकतम किया जा सकता है और व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक स्थिरता, सामाजिक प्रतिष्ठा और मानसिक संतुलन प्राप्त कर सकता है।

चंद्र-मंगल योग व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव, साहस और निर्णय क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह योग व्यक्ति को जोखिम लेने और सही समय पर आर्थिक निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। हालांकि, यह हर व्यक्ति के लिए समान रूप से धन का कारण नहीं होता। योग का प्रभाव कुंडली में अन्य ग्रहों की स्थिति, दशा-अंतरदशा और दृष्टि पर निर्भर करता है।

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