कौन सा रंग आपके भाग्य को मजबूत करता है?
हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता, शांति और सौभाग्य की कामना करता है। कुछ लोग इसके लिए पूजा-पाठ करते हैं, कुछ विशेष रत्न धारण करते हैं और कुछ अपनी कुंडली के अनुसार ग्रहों को शांत करने के उपाय करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रंगों का हमारे जीवन पर सीधा और गहरा प्रभाव होता है? प्रत्येक रंग किसी न किसी ग्रह से जुड़ा होता है और वही ग्रह हमारे भाग्य, मनोभाव और कर्मों को प्रभावित करता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सही रंगों का चयन न केवल आपके व्यक्तित्व को निखारता है बल्कि आपके भाग्य को भी प्रबल बनाता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, रंग केवल देखने की वस्तु नहीं बल्कि ऊर्जा के रूप हैं। जब हम किसी रंग का उपयोग करते हैं, तो वह रंग उस ग्रह की कंपन ऊर्जा को हमारे जीवन में प्रवाहित करता है। इसलिए यदि हम अपने ग्रहों की स्थिति के अनुसार रंगों का चयन करें, तो हमारा भाग्य निश्चित रूप से मजबूत होता है।
रंगों का ज्योतिषीय महत्व
रंगों की दुनिया केवल सौंदर्य या फैशन तक सीमित नहीं है। प्रत्येक रंग किसी ग्रह से संबंधित होता है और उसके सकारात्मक या नकारात्मक प्रभावों को संतुलित करने में सहायता करता है। वैदिक ग्रंथों में कहा गया है कि सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु – ये सभी ग्रह अपने-अपने विशेष रंगों से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि ज्योतिष में कपड़ों, रत्नों, दीवारों के रंग और वाहनों के रंग तक का चयन भी ग्रहों के प्रभाव को ध्यान में रखकर किया जाता है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि जब व्यक्ति अपने जन्म कुंडली में कमजोर ग्रह से जुड़े रंगों का प्रयोग करता है, तो वह ग्रह सक्रिय होता है और व्यक्ति के भाग्य को मजबूत करता है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति गलत रंग चुन लेता है, तो वही रंग उसके जीवन में नकारात्मक प्रभाव भी ला सकता है।
सूर्य और लाल रंग – शक्ति और सफलता का प्रतीक
सूर्य ग्रह को ज्योतिष में आत्मबल, नेतृत्व, प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास का कारक माना गया है। सूर्य का प्रिय रंग है लाल। यह रंग ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर है या वह बार-बार सम्मान की हानि झेल रहा है, तो उसे लाल रंग का प्रयोग करना चाहिए। लाल कपड़े पहनना, घर में लाल रंग के वस्त्र रखना या लाल रत्न (माणिक्य) धारण करना सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है। यह रंग आपके आत्मविश्वास को मजबूत कर आपको नेतृत्व और सफलता की राह पर ले जाता है।
चंद्रमा और सफेद रंग – शांति और भावनात्मक संतुलन का रंग
चंद्रमा हमारे मन, भावनाओं और मानसिक शांति का कारक ग्रह है। इसका शुभ रंग है सफेद। सफेद रंग पवित्रता, सादगी और संतुलन का प्रतीक है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि जिन लोगों को मानसिक तनाव, नींद की कमी या अस्थिरता की समस्या रहती है, उन्हें सफेद रंग अपने जीवन में शामिल करना चाहिए। सफेद वस्त्र, मोती का रत्न या चंद्रमा के दिन (सोमवार) को सफेद प्रसाद चढ़ाना व्यक्ति के मन को शांत करता है और भाग्य को मजबूत बनाता है।
मंगल और लाल-नारंगी रंग – साहस और निर्णय शक्ति का रंग
मंगल ग्रह साहस, उत्साह और निर्णय शक्ति का प्रतीक है। इसका शुभ रंग है लाल और नारंगी। यह रंग जीवन में जोश और प्रेरणा लाता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल पीड़ित है या बार-बार प्रयासों के बावजूद सफलता नहीं मिल रही, तो उसे नारंगी या लाल रंग का उपयोग अधिक करना चाहिए। ये रंग मंगल की ऊर्जा को बढ़ाते हैं और व्यक्ति को संघर्ष में विजय दिलाते हैं।
बुध और हरा रंग – बुद्धिमत्ता और प्रगति का प्रतीक
बुध ग्रह बुद्धि, वाणी और तर्कशक्ति का कारक है। इसका प्रिय रंग है हरा। हरा रंग विकास, सौम्यता और सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि यदि किसी की कुंडली में बुध कमजोर हो, तो उसे बुधवार के दिन हरे कपड़े पहनने चाहिए या हरा रत्न (पन्ना) धारण करना चाहिए। हरा रंग व्यापार, शिक्षा, और संचार से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी होता है। यह रंग भाग्य को सक्रिय कर सफलता और समृद्धि की दिशा में अग्रसर करता है।
गुरु और पीला रंग – ज्ञान और समृद्धि का रंग
गुरु ग्रह को धन, ज्ञान और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है। इसका शुभ रंग है पीला। पीला रंग व्यक्ति के भाग्य को प्रबल बनाता है और उसके जीवन में स्थिरता लाता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, पीले रंग का संबंध भगवान विष्णु से है और यह ग्रहों की स्थिति को संतुलित करता है। जो लोग शिक्षा, अध्यात्म या सरकारी क्षेत्र में कार्यरत हैं, उन्हें पीले रंग का अधिक प्रयोग करना चाहिए। पीला वस्त्र, पुखराज रत्न और गुरुवार को पीली वस्तुओं का दान करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है और भाग्य प्रबल बनता है।
शुक्र और गुलाबी या सफेद रंग – आकर्षण और सौंदर्य का रंग
शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य, भोग और कलात्मकता का कारक है। इसका प्रिय रंग है गुलाबी या सफेद। जब शुक्र शुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति का व्यक्तित्व निखरता है, जीवन में प्रेम और सुख की वृद्धि होती है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति के जीवन में प्रेम, दांपत्य या आर्थिक अस्थिरता हो, तो शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने के लिए गुलाबी रंग का प्रयोग शुभ होता है। शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनना और सुगंधित इत्र का प्रयोग करना भी शुक्र को मजबूत करता है।
शनि और नीला रंग – स्थिरता और अनुशासन का रंग
शनि ग्रह कर्म, न्याय और अनुशासन का प्रतीक है। इसका शुभ रंग है नीला। नीला रंग धैर्य, एकाग्रता और कर्मशीलता को बढ़ाता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि जिन लोगों की कुंडली में शनि पीड़ित है या जीवन में बार-बार विलंब, रुकावटें और निराशा आती है, उन्हें नीला रंग धारण करना चाहिए। यह रंग शनि की ऊर्जा को संतुलित करता है और व्यक्ति को कर्म के मार्ग पर स्थिर रखता है।
राहु और धूसर रंग – परिवर्तन और रहस्य का रंग
राहु ग्रह भ्रम, रहस्य और आधुनिकता का प्रतिनिधि है। इसका शुभ रंग है धूसर (ग्रे)। यह रंग व्यक्ति को विवेकशील बनाता है और उसे मानसिक संतुलन प्रदान करता है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, जब राहु की दशा चल रही हो या व्यक्ति अत्यधिक भ्रमित महसूस कर रहा हो, तो ग्रे रंग के वस्त्र धारण करना लाभकारी होता है। यह रंग राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करता है और जीवन में स्थिरता लाता है।
केतु और भूरे रंग – आध्यात्मिकता और आत्मचिंतन का प्रतीक
केतु ग्रह मोक्ष, अध्यात्म और आत्मचिंतन का कारक है। इसका शुभ रंग है भूरा या केसरिया। यह रंग व्यक्ति को आध्यात्मिक दृष्टि से प्रगति करने में सहायता करता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि जिन लोगों को जीवन में दिशा नहीं मिल रही या जो मानसिक बेचैनी का अनुभव कर रहे हैं, उन्हें केसरिया या भूरे रंग का उपयोग करना चाहिए। यह रंग आत्मबल और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
कुंडली अनुसार रंगों का चयन कैसे करें
हर व्यक्ति के लिए एक ही रंग शुभ नहीं होता। यह पूरी तरह उसकी जन्म कुंडली और ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि व्यक्ति की राशि, लग्न और दशा देखकर यह तय किया जाता है कि कौन सा रंग उसके लिए भाग्यशाली सिद्ध होगा।
उदाहरण के लिए, मेष राशि वालों के लिए लाल और नारंगी रंग शुभ होते हैं, जबकि वृषभ राशि वालों के लिए सफेद और गुलाबी रंग लाभकारी होते हैं। तुला राशि वालों के लिए हल्का नीला या गुलाबी रंग भाग्यशाली होता है, जबकि मकर राशि वालों के लिए गहरा नीला या काला रंग स्थिरता लाता है।
रंग केवल देखने की वस्तु नहीं, बल्कि जीवन की ऊर्जा का स्रोत हैं। जब हम अपने ग्रहों और राशि के अनुसार सही रंगों का चयन करते हैं, तो हमारा आत्मबल, भाग्य और सकारात्मकता बढ़ती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रंगों का प्रभाव हमारे मन और कर्म दोनों को प्रभावित करता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, सही रंगों का प्रयोग व्यक्ति के जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला सकता है। इसलिए यदि आप अपने भाग्य को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो अपनी कुंडली के अनुसार रंगों का चयन अवश्य करें। यह न केवल आपकी ऊर्जा को संतुलित करेगा, बल्कि जीवन में सफलता, शांति और सौभाग्य के नए द्वार खोलेगा।

