कौन-सा ग्रह व्यक्ति को अचानक प्रसिद्धि दिला सकता है?
प्रसिद्धि, सफलता और नाम की चाह हर व्यक्ति के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। कुछ लोग मेहनत के साथ धीरे-धीरे प्रसिद्धि पाते हैं, तो कुछ ऐसे भी होते हैं जिन्हें अचानक प्रसिद्धि मिल जाती है। यह अचानक मिलने वाली सफलता या शोहरत केवल कर्म का परिणाम नहीं होती, बल्कि इसके पीछे ग्रहों की एक सशक्त भूमिका होती है। भारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब कुछ विशेष ग्रह एक विशिष्ट स्थिति में आ जाते हैं, तब व्यक्ति को अप्रत्याशित प्रसिद्धि, पद, और सम्मान प्राप्त होता है। इस लेख में इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जानेंगे कि कौन-सा ग्रह व्यक्ति को अचानक प्रसिद्धि दिला सकता है और किन योगों से यह संभव होता है।
प्रसिद्धि का ज्योतिषीय आधार
ज्योतिष के अनुसार, किसी व्यक्ति की प्रसिद्धि उसके जन्म कुंडली के तीन मुख्य तत्वों पर निर्भर करती है –
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दशम भाव (10वां घर) – यह कर्म, पद, और समाज में प्रतिष्ठा का सूचक होता है।
- लग्न भाव (1वां घर) – यह व्यक्ति की पहचान और प्रभाव को दर्शाता है।
- पंचम और नवम भाव (5वां और 9वां घर) – ये भाग्य, सृजनशीलता और शुभ कर्मों से जुड़ते हैं।
जब इन भावों में शुभ ग्रहों की स्थिति बनती है, या इनसे संबंधित ग्रह अपनी दशा या गोचर में सक्रिय होते हैं, तो व्यक्ति को अचानक प्रसिद्धि मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
सूर्य – प्रसिद्धि और नेतृत्व का ग्रह
सूर्य ग्रह को आत्मा, प्रतिष्ठा, और नेतृत्व का प्रतीक माना जाता है। जब सूर्य मजबूत स्थिति में होता है, जैसे कि उच्च राशि (मेष) में या दशम भाव में स्थित होता है, तब व्यक्ति को समाज में पहचान और सम्मान प्राप्त होता है। सूर्य की दशा या महादशा चलने पर व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का विकास होता है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यदि सूर्य दशम भाव में बुध या गुरु के साथ हो, तो यह व्यक्ति को राजनीतिक, प्रशासनिक या सामाजिक क्षेत्र में प्रसिद्धि प्रदान कर सकता है।
चंद्र – जनप्रियता और जनसंपर्क का कारक
चंद्रमा मन और जनसंपर्क का ग्रह है। जिनकी कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में हो, विशेषकर लग्न या दशम भाव में, वे व्यक्ति आम जनता के बीच लोकप्रिय होते हैं। यह लोकप्रियता फिल्मों, मीडिया, या कला के क्षेत्र में अत्यधिक लाभ देती है।
जब चंद्रमा पर बृहस्पति या शुक्र की दृष्टि पड़ती है, तब व्यक्ति के आकर्षण और सार्वजनिक छवि में वृद्धि होती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, चंद्रमा की प्रबलता व्यक्ति को जनसमर्थन और भावनात्मक जुड़ाव दिलाती है, जिससे प्रसिद्धि स्वतः प्राप्त होती है।
बृहस्पति – ज्ञान और सम्मान का ग्रह
बृहस्पति को "गुरु" कहा गया है और यह ज्ञान, आशीर्वाद, और समाज में प्रतिष्ठा से संबंधित ग्रह है। यदि बृहस्पति पंचम या दशम भाव में स्थित हो और अपनी उच्च राशि (कर्क या धनु) में हो, तो व्यक्ति समाज में अपने ज्ञान, धर्म या शिक्षा से प्रसिद्धि अर्जित करता है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि बृहस्पति की महादशा या अंतर्दशा में व्यक्ति का नाम समाज में आदर्श और प्रेरणा का स्रोत बन जाता है।
शुक्र – कला और मनोरंजन से मिलने वाली प्रसिद्धि
शुक्र ग्रह सुंदरता, कला, संगीत, और विलासिता का कारक माना जाता है। जिनकी कुंडली में शुक्र पंचम, दशम या एकादश भाव में स्थित हो, वे व्यक्ति कला, अभिनय, फैशन, या मनोरंजन के क्षेत्र में प्रसिद्ध होते हैं।
यदि शुक्र पर राहु या चंद्र की दृष्टि हो, तो व्यक्ति को अचानक और बड़ी प्रसिद्धि मिलती है, विशेष रूप से फिल्म या ग्लैमर की दुनिया में। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, ऐसे लोग जीवन में विलासिता, शोहरत और ऐश्वर्य से भरा जीवन जीते हैं।
राहु – अचानक प्रसिद्धि और विदेशी पहचान का कारक
राहु को ‘मायाजाल’ और ‘भ्रम’ का ग्रह कहा गया है, लेकिन यह अचानक प्रसिद्धि और अप्रत्याशित उपलब्धियों का भी प्रतीक है। जब राहु दशम भाव में स्थित होता है या सूर्य, शुक्र या बुध के साथ युति बनाता है, तो व्यक्ति को अचानक और असामान्य प्रसिद्धि मिलती है।
यह प्रसिद्धि कभी-कभी विवादों के कारण भी हो सकती है, लेकिन इससे व्यक्ति का नाम चारों ओर फैल जाता है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, राहु आधुनिक तकनीक, सोशल मीडिया, और ग्लोबल स्तर पर प्रसिद्धि देने में सक्षम ग्रह है।
शनि – स्थायी प्रसिद्धि और कर्मफल का कारक
शनि को कर्म और न्याय का ग्रह कहा जाता है। यह व्यक्ति को मेहनत, धैर्य और संघर्ष के बाद स्थायी प्रसिद्धि देता है। जब शनि दशम भाव या एकादश भाव में होता है, तब व्यक्ति की सफलता धीरे-धीरे बढ़ती है लेकिन दीर्घकालिक होती है।
शनि की दशा में मिलने वाली प्रसिद्धि स्थायी और सम्मानजनक होती है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि जिनकी कुंडली में शनि उच्च (तुला) में होता है, वे व्यक्ति समाज में कार्य के प्रति समर्पण और ईमानदारी से महानता प्राप्त करते हैं।
बुध – संचार, बुद्धिमत्ता और मीडिया से जुड़ी प्रसिद्धि
बुध ग्रह वाणी, लेखन, संचार और व्यापार का कारक है। यदि यह ग्रह शुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति अपनी वाणी, लेखन या बुद्धिमत्ता से प्रसिद्धि प्राप्त करता है। मीडिया, पत्रकारिता, लेखन और व्यवसायिक जगत में बुध की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, बुध की दशा में व्यक्ति अपनी संवाद कला और तार्किक क्षमता से लोगों को प्रभावित करता है और समाज में मान्यता प्राप्त करता है।
प्रसिद्धि देने वाले विशेष योग
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राजयोग – जब दशम भाव के स्वामी और लग्नेश शुभ स्थिति में होते हैं।
- गजकेसरी योग – चंद्र और गुरु की युति व्यक्ति को आदरणीय और सम्मानित बनाती है।
- धन योग – यह व्यक्ति को न केवल आर्थिक लाभ बल्कि नाम और शोहरत भी दिलाता है।
- राहु–सूर्य योग – यह अचानक प्रसिद्धि और लोकप्रियता का योग बनाता है।
इन योगों की स्थिति और समय व्यक्ति की कुंडली के ग्रहों की दशा और गोचर के अनुसार प्रभाव डालती है।
कैसे जानें आपकी कुंडली में प्रसिद्धि के योग हैं या नहीं
यदि आप जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में प्रसिद्धि या पहचान प्राप्त करने के योग हैं या नहीं, तो एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना अत्यंत आवश्यक है। ग्रहों की स्थिति, उनकी दृष्टि और दशा—अंतर्दशा को देखकर ही सही विश्लेषण किया जा सकता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, हर व्यक्ति की कुंडली अलग होती है। इसलिए प्रसिद्धि का समय और तरीका भी अलग-अलग होता है।
प्रसिद्धि किसी एक ग्रह के कारण नहीं बल्कि पूरे ग्रहयोग के सम्मिलित प्रभाव से प्राप्त होती है। सूर्य व्यक्ति को नेतृत्व देता है, चंद्र उसे जनप्रिय बनाता है, राहु उसे अचानक प्रसिद्धि दिलाता है, और शनि उसे स्थायित्व प्रदान करता है।
अगर आपकी कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति मजबूत है, तो निश्चित रूप से जीवन में किसी न किसी समय आप प्रसिद्धि प्राप्त करेंगे।
यदि आप यह जानना चाहते हैं कि आपकी कुंडली में कौन-सा ग्रह प्रसिद्धि का कारण बनेगा, तो भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी से ज्योतिषीय परामर्श अवश्य लें।

