कुंडली दोष और उनके सरल ज्योतिष उपाय

कुंडली दोष और उनके सरल ज्योतिष उपाय

कुंडली दोष और उनके सरल ज्योतिष उपाय

हमारे जीवन की दिशा और दशा काफी हद तक हमारी जन्म कुंडली पर निर्भर करती है। जब किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति संतुलित होती है, तो जीवन में सफलता, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। लेकिन जब ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं या कुछ दोष उपस्थित होते हैं, तो व्यक्ति को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। यही दोष कुंडली दोष कहलाते हैं। इन दोषों का प्रभाव विवाह, करियर, स्वास्थ्य, धन, और मानसिक स्थिरता पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे — कुंडली दोष क्या होते हैं, उनके कारण, प्रभाव और उनसे मुक्ति पाने के सरल ज्योतिष शास्त्र उपाय जिन्हें इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी अक्सर अपने अनुभव के आधार पर सुझाते हैं।

कुंडली दोष क्या हैं?

कुंडली दोष तब बनते हैं जब ग्रह अपने नीच स्थान पर होते हैं, आपसी दृष्टि संबंध से अशुभ प्रभाव डालते हैं, या जब राहु-केतु जैसे ग्रह महत्वपूर्ण भावों को प्रभावित करते हैं।
उदाहरण के लिए —

  • मंगल जब चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में हो तो मांगलिक दोष बनता है।

  • राहु या केतु लग्न या चंद्र पर दृष्टि डालते हैं तो कालसर्प दोष का निर्माण होता है।

  • शनि और राहु के अशुभ योग से पित्र दोष बनता है।

 इंदौर  के ज्योतिष के अनुसार, इन दोषों का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है और इनसे बचने के लिए सही उपाय आवश्यक हैं।

प्रमुख कुंडली दोष और उनके प्रभाव

कालसर्प दोष

यह तब बनता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं।
प्रभाव: जीवन में अचानक रुकावटें, असफलता, मानसिक तनाव और भय की भावना बढ़ जाती है।
उपाय:

  • नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करें।

  • राहु-केतु के मंत्रों का जाप करें।

  • एस्ट्रोलॉजर मनोज साहू जी के अनुसार, कालसर्प दोष निवारण पूजा त्र्यंबकेश्वर (नासिक) या उज्जैन में करवाना अत्यंत शुभ रहता है।

पित्र दोष

जब कुंडली में सूर्य, राहु, केतु या शनि का अशुभ संबंध बनता है तो यह दोष उत्पन्न होता है।
प्रभाव: पारिवारिक कलह, आर्थिक रुकावटें और पूर्वजों की असंतुष्टि के संकेत।
उपाय:

  • अमावस्या या पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करें।

  • गाय को हरी घास और कौओं को भोजन दें।

  • “ॐ नमः भगवते वासुदेवाय” का नियमित जाप करें।

मांगलिक दोष (कुज दोष)

यह तब बनता है जब मंगल 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित हो।
प्रभाव: विवाह में देरी, वैवाहिक तनाव या दांपत्य जीवन में असंतुलन।
उपाय:

  • मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें।

  • लाल वस्त्र, मसूर दाल, तांबा, या मूंगा दान करें।

  • इंदौर  के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, मंगल दोष शांति के लिए शिव विवाह का प्रतीकात्मक आयोजन भी शुभ रहता है।

शनि दोष (साढ़ेसाती या ढैय्या)

शनि की अशुभ दृष्टि जीवन में संघर्ष और बाधाएं उत्पन्न करती है।
प्रभाव: आर्थिक हानि, स्वास्थ्य समस्याएं, और मानसिक अस्थिरता।
उपाय:

  • शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।

  • काले तिल, लोहा, या तेल का दान करें।

  • “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।

ग्रहण दोष

जब सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय जन्म होता है तो यह दोष बनता है।
प्रभाव: आत्मविश्वास में कमी, मानसिक भ्रम और निर्णय क्षमता में बाधा।
उपाय:

  • ग्रहण के समय ध्यान करें और बाद में स्नान करके दान करें।

  • सूर्य या चंद्र मंत्रों का जाप करें।

कुंडली दोषों से बचाव के सामान्य ज्योतिष उपाय

  • नियमित रूप से मंत्र जाप करें – ग्रहों के अनुसार विशेष मंत्रों का जप जीवन में स्थिरता लाता है।

  • दान और सेवा करें – ग्रहों के दोष को कम करने का यह सबसे सरल उपाय है।
  • रत्न धारण करें – योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर रत्न धारण करने से ग्रहों की ऊर्जा संतुलित होती है।
  • व्रत और उपवास रखें – ग्रह संबंधित वार पर उपवास करने से शुभ प्रभाव बढ़ता है।
  • वास्तु संतुलन रखें – घर या कार्यस्थल में वास्तु दोष भी ग्रहों के दोषों को बढ़ा सकता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी का परामर्श

कुंडली दोष जीवन का अंत नहीं, बल्कि सुधार का संकेत है। अगर आप सही दिशा में कदम उठाएं और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं, तो हर दोष का निवारण संभव है।
उनके अनुसार, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अपनी कुंडली का गहराई से विश्लेषण करवाना चाहिए ताकि सही ग्रहों की पहचान हो सके।

कुंडली में दोष होना सामान्य बात है, लेकिन उन्हें पहचानकर समय रहते सही उपाय करना सबसे बुद्धिमानी भरा कदम है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रह हमें जीवन के किसी न किसी क्षेत्र में सबक सिखाता है। यदि आप इन संकेतों को समझकर उनके अनुसार उपाय करते हैं, तो न केवल दोष शांत होते हैं, बल्कि जीवन भी नई दिशा प्राप्त करता है।

इंदौर  के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के मार्गदर्शन में किए गए सही उपाय आपको नकारात्मक प्रभावों से बचाकर जीवन में स्थिरता, सुख और समृद्धि प्रदान कर सकते हैं।

 गूगल में जाकर आप हमारे रिव्यू देख सकते हैं


Astrologer Sahu Ji
428, 4th Floor, Orbit Mall
Indore, (MP)
India
Contact:  9039 636 706  |  8656 979 221
For More Details Visit Our Website:


Suggested Post

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत?

 भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत? भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ...