विवाह में देरी के ज्योतिष कारण और उपाय

विवाह में देरी के ज्योतिष कारण और उपाय 

विवाह में देरी के ज्योतिष कारण और उपाय 

विवाह जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय है और हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि शादी समय पर और सुखपूर्वक संपन्न हो। लेकिन कभी-कभी विभिन्न ज्योतिषीय कारणों और ग्रहों की स्थिति के कारण विवाह में देरी हो सकती है। विवाह में देरी केवल व्यक्तिगत तनाव ही नहीं लाती, बल्कि परिवार और सामाजिक जीवन पर भी असर डालती है।

ज्योतिष शास्त्र में विवाह और प्रेम संबंधों के लिए ग्रहों और कुंडली का महत्व अत्यधिक माना गया है। किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति, दोष या नकारात्मक प्रभाव विवाह में देरी का कारण बन सकते हैं। इस ब्लॉग में हम विवाह में देरी के ज्योतिष कारण और उपाय विस्तार से जानेंगे और साथ ही जैसे: विवाह में देरी का कारण, शादी में बाधा, कुंडली दोष और विवाह, शादी के उपाय, ज्योतिष अनुसार विवाह समाधान शामिल करेंगे।

विवाह में देरी के मुख्य ज्योतिष कारण

विवाह में देरी के कारण ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न पहलुओं से जुड़े होते हैं। इनमें ग्रह दोष, कुंडली का असंतुलन, नक्षत्र और दशा का प्रभाव प्रमुख हैं।

ग्रहों की अस्थिति

शुक्र, चंद्रमा, और बृहस्पति विवाह और वैवाहिक जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण ग्रह हैं। शुक्र विवाह का कारक ग्रह है और यह प्रेम, आकर्षण और वैवाहिक सुख का प्रतीक है। अगर जन्म कुंडली में शुक्र कमजोर हो या किसी नकारात्मक ग्रह से प्रभावित हो, तो विवाह में देरी हो सकती है। इसके साथ ही बृहस्पति और चंद्रमा का प्रभाव भी महत्वपूर्ण है। बृहस्पति ज्ञान, भाग्य और वैवाहिक जीवन के लिए शुभ ग्रह माना जाता है, और चंद्रमा मानसिक स्थिति और भावनाओं को नियंत्रित करता है।

 विवाह में देरी का कारण, कुंडली दोष और विवाह

सप्तर्षि दोष और राहु-केतु का प्रभाव

कुंडली में राहु और केतु की स्थिति विवाह में बाधा उत्पन्न कर सकती है। विशेषकर राहु का शुक्र पर प्रभाव या केतु का सप्तम भाव (विवाह भाव) पर प्रभाव विवाह में देरी का कारण बनता है। ऐसे समय में व्यक्ति को सही दिशा और उपाय अपनाने की आवश्यकता होती है।

शादी में बाधा, राहु-केतु और विवाह

सप्तम भाव का दोष

जन्म कुंडली का सप्तम भाव वैवाहिक जीवन और जीवन साथी का प्रतीक है। अगर सप्तम भाव में कोई ग्रह दोष, शनि  या राहु-केतु का प्रभाव हो, तो विवाह में विलंब हो सकता है। इसके अलावा सप्तम भाव का कमजोर होना विवाह में अनिश्चितता और असमय विवाह का कारण बन सकता है।

 कुंडली दोष और विवाह, सप्तम भाव दोष

नक्षत्र और ग्रह दशा

विवाह के समय नक्षत्र और ग्रह दशा भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी अशुभ नक्षत्र या चालू ग्रह दशा में विवाह की योजना बनाने पर देरी या बाधा उत्पन्न हो सकती है। ज्योतिष अनुसार विवाह के लिए शुभ नक्षत्र और मंगल की दशा अनुकूल होनी चाहिए।

 विवाह में देरी का ज्योतिष कारण, शुभ नक्षत्र विवाह

शनि और बुध के प्रभाव

शनिका प्रभाव विवाह में विलंब और बाधा उत्पन्न कर सकता है। यदि शनि सप्तम भाव या शुक्र के समीप है, तो विवाह में देरी होती है। इसके अतिरिक्त बुध का दोष भी वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। शनि और बुध के उपायों से इस देरी को कम किया जा सकता है।

शनि और विवाह, बुध दोष और शादी

विवाह में देरी के प्रभाव

विवाह में देरी का प्रभाव केवल मानसिक तनाव पर ही नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक जीवन पर भी पड़ता है। व्यक्ति को मानसिक अशांति, परिवार में दबाव और समाज में चिंता का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा शादी न होने के कारण भावनात्मक और सामाजिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

ज्योतिष उपायों के माध्यम से इन प्रभावों को कम किया जा सकता है। समय पर सही उपाय अपनाने से ग्रहों की नकारात्मक स्थिति को संतुलित किया जा सकता है और विवाह की राह सुगम बनती है।

विवाह में देरी के ज्योतिष उपाय

ग्रह शांति और मंत्र जाप

ग्रह शांति और मंत्र जाप

शुक्र, बृहस्पति और चंद्रमा की शांति के लिए नियमित रूप से मंत्र जाप करें।

  • शुक्र के लिए “ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” मंत्र का जाप लाभकारी है।

  • बृहस्पति के लिए “ॐ ब्रं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप शुभ है।

  • चंद्रमा के लिए “ॐ सौं सोमाय नमः” का जाप करें।

शादी के उपाय, ग्रह शांति उपाय

पूजा और हवन

विवाह में देरी को दूर करने के लिए घर में शुक्र और बृहस्पति की पूजा करें। शुक्रवार को हल्दी या गुलाब के फूल से पूजा करना लाभकारी होता है। इसके अलावा राहु-केतु दोष को दूर करने के लिए हवन या विशेष यज्ञ कर सकते हैं।

 ज्योतिष अनुसार विवाह समाधान, शादी में बाधा दूर करने के उपाय

तांत्रिक और ज्योतिषीय उपाय

शनि और राहु के प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार को तेल, काले तिल और शनि मंत्र का जाप करें। केतु और राहु की शांति के लिए विशेष ताबीज या मोती पहन सकते हैं।

 विवाह में देरी के उपाय, शनि राहु दोष और शादी

वास्तु और स्थान का ध्यान

घर और पूजा स्थल की दिशा भी विवाह में सकारात्मक प्रभाव डालती है। उत्तर-पूर्व दिशा में देवी-देवताओं की मूर्ति या फोटो रखें। सप्तम भाव के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए सजावट और प्रकाश का ध्यान रखें।

 घर में सकारात्मक ऊर्जा, विवाह के लिए वास्तु उपाय

दान और समाज सेवा

ज्योतिष अनुसार विवाह में देरी दूर करने के लिए विशेष दान और सेवा भी लाभकारी है। गरीबों को कंबल, भोजन या शिक्षा संबंधी सहायता देने से ग्रहों की नकारात्मक स्थिति शांत होती है और विवाह की राह सुगम होती है।

विवाह में देरी दूर करने के उपाय, ज्योतिष अनुसार शादी

विवाह में देरी का कारण ज्योतिष शास्त्र में विभिन्न पहलुओं से जुड़ा होता है। जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति, सप्तम भाव का दोष, नक्षत्र और ग्रह दशा विवाह में देरी का प्रमुख कारण बन सकते हैं। लेकिन सही उपायों और नियमित पूजा, मंत्र जाप, हवन, तांत्रिक उपाय और दान-पुण्य से विवाह की राह को सुगम बनाया जा सकता है।

यदि आप इन उपायों को अपनाते हैं, तो विवाह में देरी की समस्या धीरे-धीरे कम होगी और जीवन साथी के साथ सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।

विवाह में देरी का कारण, शादी में बाधा, कुंडली दोष और विवाह, शादी के उपाय, ज्योतिष अनुसार विवाह समाधान


गूगल में जाकर आप हमारे रिव्यू देख सकते हैं

Astrologer Sahu Ji
428, 4th Floor, Orbit Mall
Indore, (MP)
India
Contact:  9039 636 706  |  8656 979 221
For More Details Visit Our Website:














Suggested Post

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत?

 भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत? भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ...