कुंडली में बृहस्पति की कृपा कैसे बढ़ाएं?

कुंडली में बृहस्पति की कृपा कैसे बढ़ाएं?

कुंडली में बृहस्पति की कृपा कैसे बढ़ाएं?

(गुरु की शक्ति, लाभ, लक्षण और प्रभावकारी उपाय – विस्तृत ज्योतिषीय विश्लेषण)

भारतीय वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह (Jupiter) को देवगुरु कहा गया है।
यह ग्रह जीवन की समृद्धि, ज्ञान, संतान, भाग्य, करियर, अध्यात्म और विवाह का प्रमुख कारक है।
कुंडली में गुरु जितना मजबूत होगा, जीवन में सफलता, अच्छे अवसर और सम्मान उतनी ही तेज़ी से बढ़ते हैं।

बृहस्पति का महत्व — क्यों कहलाता है देवताओं का गुरु?

गुरु ग्रह:

  • धर्म और नैतिकता का प्रतीक
  • ज्ञान और शिक्षा का स्वामी
  • धन-संपत्ति और समृद्धि देने वाला
  • संतान और पारिवारिक सुख का कारक
  • अच्छे भाग्य और जीवन के विस्तार का ग्रह

बृहस्पति से जुड़ी प्रमुख चीज़ें

क्षेत्रप्रभाव
शिक्षाउच्च अध्ययन, धर्म-ग्रंथ ज्ञान
विवाहसुखद संबंध और संतान प्राप्ति
करियरप्रशासन, शिक्षा, बैंकिंग, आयुर्वेद
मानसिकतासकारात्मक सोच और आत्मविश्वास
आध्यात्मिकतागुरू, विद्वान और साधकों का ग्रह

जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु मजबूत होता है, वह:

  • बड़े निर्णय सही लेता है
  • समाज में सम्मान पाता है
  • अवसरों का लाभ उठाता है
  • जीवन में उच्च पद प्राप्त करता है

कब कमजोर होता है बृहस्पति?

गुरु ग्रह की नीच और पीड़ा स्थिति:

  • मकर राशि में नीच (Debilitated)

  • शनि, राहु, केतु, सूर्य की क्रूर दृष्टि

  • 6, 8, 12 भाव में स्थिति

  • दहन अवस्था में होना

  • अशुभ युति (विशेषकर राहु-गुरु = गुरु चांडाल दोष)

बृहस्पति पीड़ित होने के लक्षण

यह संकेत बताते हैं कि गुरु ग्रह कमजोर है:

  • विवाह में बार-बार समस्या

  • संतान सुख में बाधा

  • करियर में बेकार संघर्ष

  • बैंक बैलेंस बढ़ने के बजाय गिरना

  • मोटापा, लिवर या मधुमेह की परेशानी

  • जीवन में मार्गदर्शन की कमी

  • गलत लोगों की संगत

यदि आप इन परेशानियों से गुजर रहे हैं — तो यह गुरु ग्रह की चेतावनी है।

बृहस्पति शुभ होने पर चमत्कारी परिवर्तन

गुरु मजबूत हो जाए तो जीवन में:

  • अचानक भाग्य वृद्धि
  • पैसों की तंगी समाप्त
  • विवाह में खुशी और संतुलन
  • बच्चों का उज्ज्वल भविष्य
  • समाज में नाम और मान
  • आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति

ज्योतिष अनुसार गुरु ग्रह को कैसे मजबूत करें?

यहाँ वे उपाय हैं जो प्राचीन शास्त्रों में प्रमाणित माने गए हैं 

गुरुवार का विशेष महत्व

  • पीले वस्त्र पहनें

  • नमक रहित भोजन करें

  • विष्णु भगवान की पूजा

  • केले के पेड़ को जल चढ़ाएँ

इससे गुरु की ऊर्जा तेज़ी से बढ़ती है

मंत्र-जाप

दैनिक या कम से कम गुरुवार को 108 बार जपें:

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः
या
ॐ ब्रिम बृहस्पतये नमः

यह गुरु चांडाल दोष में भी लाभकारी है

पीली वस्तुओं का दान

गुरुवार को दें:

  • चना दाल

  • हल्दी

  • पीले वस्त्र

  • केला

  • सोने का दान (यदि संभव हो)

दान = गुरु प्रसन्न 

रत्न धारण

  • पुखराज (Yellow Sapphire)

  • सुनहरा टोपाज़ — किफायती विकल्प

रत्न धारण केवल कुंडली देखकर ही करें
(गलत धारण करने पर विपरीत फल मिलता है)

गुरुतुल्य व्यक्तियों का सम्मान

  • माता-पिता

  • शिक्षक

  • साधु-संत

  • गरीब और जरूरतमंद

जहाँ सम्मान — वहाँ गुरु की कृपा

ब्रह्मचर्य और सदाचार

गुरु का सीधा भाव:
➜ जितने शुद्ध विचार, उतना शक्तिशाली बृहस्पति

धर्म और सेवा

  • मंदिर और गौशाला सेवा

  • धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन

  • गरीब बच्चों की शिक्षा सहायता

गुरु सेवा से फल 10 गुना मिलता है

वास्तु और ऊर्जा सुधार

  • घर में पूर्व और उत्तर दिशा साफ रखें

  • अध्ययन और पूजा उसी दिशा में करें

गुरु की दिशा में अवरोध = भाग्य बंद 

भोजन में सात्त्विकता

  • पीला भोजन — दाल, हल्दी, केला

  • शराब, मांस, झूठ से दूरी
    यह गुरु को तेजस्वी बनाता है

किन चीज़ों से बचें?

  • गुरुवार को कटाई-छँटाई

  • दूसरों की अवमानना

  • अहंकार

  • अनुचित कार्य

  • जुआ और उधारी

बृहस्पति क्रोध में आ जाए —
तो जीवन में अंधेरा छा जाता है…

विशेष ज्योतिषीय उपाय (समस्या अनुसार)

समस्याउपाय
विवाह बाधागुरुवार व्रत + गुरु मंत्र
संतान समस्याविष्णु-लक्ष्मी पूजा + पुखराज
करियर रुकावटगरीब छात्रों को पुस्तक दान
आर्थिक तंगीकेले के पेड़ की पूजा व जल अर्पण
राहु/केतु पीड़ागुरु चांडाल दोष शांति पूजा

जीवन का असली मार्गदर्शक है बृहस्पति

गुरु ग्रह =

  • सफलता का मार्ग
  • धन-संपत्ति का द्वार
  • वैवाहिक और पारिवारिक सुख
  • आध्यात्मिक विकास

यदि जीवन में:

  • बार-बार संघर्ष

  • निर्णय गलत

  • अवसर हाथ से निकल जाएँ

तो समझिए — गुरु नाराज़ है
और जब गुरु प्रसन्न हो जाए —
सारा ब्रह्मांड आपके पक्ष में काम करने लगता है 

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