वास्तु और ज्योतिष: घर को भाग्यशाली कैसे बनाएं

वास्तु और ज्योतिष: घर को भाग्यशाली कैसे बनाएं

वास्तु और ज्योतिष: घर को भाग्यशाली कैसे बनाएं

भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र दोनों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। वास्तु शास्त्र जहाँ हमारे घर और वातावरण की ऊर्जा को संतुलित करता है, वहीं ज्योतिष हमारे ग्रहों और कर्मों का विश्लेषण कर जीवन को दिशा प्रदान करता है। जब इन दोनों का सही मेल होता है, तो जीवन में सौभाग्य, सफलता और समृद्धि का प्रवाह बढ़ता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी कहते हैं — "घर केवल रहने की जगह नहीं होता, बल्कि यह आपकी ऊर्जा, भाग्य और मानसिक स्थिति का प्रतिबिंब होता है।" यदि घर का वास्तु और ग्रहों की स्थिति अनुकूल हो, तो जीवन में स्थिरता, शांति और प्रगति स्वतः आती है।

वास्तु और ज्योतिष का संबंध

वास्तु शास्त्र और ज्योतिष एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक दिशा किसी न किसी ग्रह से संबंधित होती है:

दिशासंबंधित ग्रहप्रभाव
पूर्वसूर्यआत्मविश्वास, नेतृत्व, सफलता
पश्चिमशनिकर्म, स्थिरता, मेहनत
उत्तरबुधबुद्धि, व्यापार, आर्थिक लाभ
दक्षिणमंगलसाहस, ऊर्जा, शक्ति
ईशान कोण (उत्तर-पूर्व)बृहस्पतिज्ञान, आध्यात्मिकता, धन
नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम)राहुस्थायित्व, सुरक्षा
आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व)अग्नि, शुक्रऊर्जा, स्वास्थ्य, सौंदर्य
वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम)चंद्रमन, संबंध, भावनाएँ

एस्ट्रोलॉजर साहू जी बताते हैं कि यदि घर की दिशाएँ ग्रहों के अनुसार संतुलित होती हैं, तो व्यक्ति का भाग्य खुलता है और जीवन में प्रगति के द्वार खुल जाते हैं।

वास्तु अनुसार घर को भाग्यशाली बनाने के उपाय

मुख्य द्वार  का महत्व

मुख्य द्वार घर का ‘मुख’ होता है। यह दिशा व्यक्ति की सफलता और ऊर्जा प्रवाह को निर्धारित करती है।

  • पूर्व दिशा का मुख्य द्वार सबसे शुभ माना जाता है — यह सूर्य की ऊर्जा देता है।

  • उत्तर दिशा का द्वार धन और व्यापार में लाभ देता है।

  • मुख्य द्वार पर स्वस्तिक, ॐ या गणेश जी का चिन्ह बनाना अत्यंत शुभ होता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी के अनुसार, मुख्य द्वार के पास कचरा, जूते-चप्पल या गंदगी न रखें — इससे सकारात्मक ऊर्जा रुक जाती है।

पूजा स्थान की दिशा

पूजा घर या मंदिर हमेशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में होना चाहिए।
यह स्थान बृहस्पति ग्रह से जुड़ा होता है, जो ज्ञान, धन और धर्म का प्रतीक है।

  • मंदिर में भगवान की मूर्तियाँ दीवार से कम से कम 1 इंच दूर रखें।

  • पूजन के समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।

  • रोज़ दीपक जलाना घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।

रसोईघर का शुभ स्थान

रसोई घर को वास्तु में अग्नि का स्थान माना गया है, इसलिए इसका स्थान दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) में शुभ होता है।

  • खाना बनाते समय मुंह पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

  • रसोई में काले या गहरे रंगों का प्रयोग न करें।

  • गैस चूल्हा और पानी का स्थान साथ नहीं होना चाहिए — इससे अग्नि और जल तत्वों में टकराव होता है।

शयन कक्ष  का सही स्थान

  • गृह स्वामी का शयन कक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए।

  • सिरहाना दक्षिण या पश्चिम की ओर रखकर सोएं।

  • बिस्तर के सामने दर्पण नहीं होना चाहिए, यह मानसिक तनाव और नींद की कमी लाता है।

एस्ट्रोलॉजर साहू जी बताते हैं कि यदि मंगल या राहु ग्रह अशुभ स्थिति में हों, तो शयन कक्ष की दिशा बदलने से वैवाहिक जीवन में सुधार होता है।

धन स्थान 

घर का धन स्थान उत्तर दिशा में शुभ होता है क्योंकि यह दिशा कुबेर देव की मानी गई है।

  • तिजोरी या लॉकर का मुंह दक्षिण की ओर होना चाहिए ताकि यह उत्तर दिशा की ओर खुले।

  • लॉकर के पास पीला कपड़ा या कुबेर यंत्र रखें, यह धन वृद्धि में सहायक होता है।

राहु-केतु और वास्तु दोष

यदि घर में बार-बार मतभेद, आर्थिक रुकावट या बीमारियाँ हो रही हैं, तो संभव है कि घर में वास्तु दोष या राहु-केतु दोष मौजूद हो।
ऐसे में निम्न उपाय लाभदायक होते हैं —

  • घर में नियमित रूप से गौमूत्र और गंगाजल का छिड़काव करें।

  • शनिवार के दिन पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

  • घर में काले और लाल रंग का अत्यधिक प्रयोग न करें।

ग्रहों के अनुसार वास्तु सुधार के उपाय

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी के अनुसार, हर ग्रह के लिए कुछ विशेष वास्तु उपाय हैं जो भाग्य को प्रबल बनाते हैं —

  • सूर्य: घर में सुबह-सुबह सूर्य की किरणें आने दें, लाल वस्त्र या पर्दे रखें।

  • चंद्र: शयनकक्ष में सफेद रंग या चांदी के वस्त्रों का उपयोग करें।

  • मंगल: घर में लाल रंग का दीपक जलाएं, मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।

  • बुध: घर में हरे पौधे लगाएं, तुलसी का पौधा उत्तर दिशा में रखें।

  • बृहस्पति: घर में पीला रंग शुभ है, गुरुवार को पीली वस्तुएँ दान करें।

  • शुक्र: घर में सुगंध और सुंदर सजावट रखें, शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा करें।

  • शनि: घर के नैऋत्य कोण को साफ रखें, काले तिल या तेल का दान करें।

  • राहु-केतु: नियमित रूप से हवन या शुद्धिकरण करें, नाग देवता की पूजा करें।

घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के ज्योतिषीय उपाय

  • घर में तुलसी का पौधा अवश्य रखें — यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में लक्ष्मी का आगमन कराता है।

  • नमक से पोछा लगाना — यह एक सरल परंतु शक्तिशाली उपाय है जो नकारात्मक तरंगों को हटाता है।

  • शंख या घंटी बजाना — प्रतिदिन सुबह-शाम शंख या घंटी बजाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है।

  • दीपक और धूप जलाना — यह ज्योतिषीय दृष्टि से ग्रहों को शांत करता है और वातावरण को शुभ बनाता है।

वास्तु दोष के ज्योतिषीय निवारण

यदि किसी कारणवश घर में वास्तु दोष है, तो आप निम्न उपायों से उसका निवारण कर सकते हैं —

  • वास्तु यंत्र की स्थापना करें।

  • नवग्रह शांति पाठ कराएं।

  • ग्रहों के अनुसार रत्न धारण करें (केवल योग्य ज्योतिषी की सलाह से)।

  • गृह प्रवेश या वास्तु पूजा कराना भी अत्यंत लाभकारी होता है।

जब घर का वातावरण ग्रहों के अनुरूप होता है, तो जीवन में स्थिरता, धन, और मानसिक शांति स्वतः प्राप्त होती है।

वास्तु और ज्योतिष का मेल आपके जीवन को भाग्यशाली और संतुलित बना सकता है। जहाँ ज्योतिष ग्रहों की ऊर्जा को दर्शाता है, वहीं वास्तु उस ऊर्जा को सही दिशा देता है।
यदि आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा, सफलता और सौभाग्य चाहते हैं, तो अपने घर के वास्तु और कुंडली दोनों का संतुलन सुनिश्चित करें।


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