क्या भक्ति और पूजा ग्रहों की दिशा बदल सकती है?
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| क्या भक्ति और पूजा ग्रहों की दिशा बदल सकती है? |
भारतीय संस्कृति में भक्ति, पूजा और आध्यात्मिक साधना का एक महत्वपूर्ण स्थान है। लोग अपने जीवन में आने वाली परेशानियों को कम करने और सुख, सफलता व शांति प्राप्त करने के लिए पूजा-पाठ, मंत्र-जप, व्रत और यज्ञ का सहारा लेते हैं। प्रश्न यह है कि क्या वास्तव में भक्ति और पूजा ग्रहों की दिशा बदल सकती है? क्या ईश्वर की उपासना से ग्रहों की नकारात्मक शक्ति शांत हो सकती है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मानव जीवन पर ग्रहों का गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रहों की स्थिति ही व्यक्ति के सुख-दुःख, सफलता-असफलता, स्वभाव और सोच को निर्धारित करती है। भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि भक्ति एक ऐसी दिव्य शक्ति है जो व्यक्ति की नियति में सुधार ला सकती है। वहीं इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि पूजा और आध्यात्मिक साधना ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है।
इस लेख में हम इसी महत्वपूर्ण विषय पर गहराई से चर्चा करेंगे कि भक्ति और पूजा का ग्रहों के प्रभाव से क्या संबंध है और क्या इनके माध्यम से ग्रहों की दिशा वास्तव में बदल सकती है।
ग्रहों का जीवन पर प्रभाव
हर मनुष्य के जन्म के समय ग्रहों की जो स्थिति होती है, वही उसकी जन्म कुंडली बनाती है।
यह कुंडली दर्शाती है
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स्वभाव
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विचार
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स्वास्थ्य
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शिक्षा
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विवाह
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आर्थिक स्थिति
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सामाजिक जीवन
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कर्मफल
जब ग्रह शुभ अवस्था में होते हैं तो व्यक्ति जीवन में सफलता की ओर बढ़ता है। लेकिन यदि ग्रह कमजोर, पाप ग्रहों से पीड़ित या प्रतिकूल स्थिति में हों, तो बाधाएँ, रुकावटें और कष्ट उत्पन्न होते हैं।
ऐसे समय में व्यक्ति मंत्र, ध्यान, पूजा, यज्ञ और साधना की शरण लेता है।
पूजा और भक्ति का ग्रहों पर क्या असर होता है
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार भक्ति एक ऐसे मानसिक और आध्यात्मिक परिवर्तन को जन्म देती है, जिसके प्रभाव से ग्रहों का नकारात्मक फल कम होने लगता है।
इसका प्रमुख कारण यह है कि
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पूजा व्यक्ति की ऊर्जा बढ़ाती है
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मन और भावनाएँ नियंत्रित होती हैं
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नकारात्मक विचार समाप्त होते हैं
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आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता बढ़ती है
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शुभ कर्मों की ओर प्रवृत्ति बढ़ती है
जब व्यक्ति अपने कर्मों और विचारों में सुधार लाता है, तो ग्रहों का प्रभाव भी धीरे-धीरे सकारात्मक बनने लगता है।
किन-किन पूजा और साधनाओं का ग्रहों से सीधा संबंध
सूर्य की पूजा
आत्मविश्वास, सत्ता, उच्च पद और सेहत पर सकारात्मक प्रभाव
सुबह सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है
चंद्र पूजा
मन, भावनाएँ और पारिवारिक जीवन
सोमवार सहित शिव पूजा चंद्र को संतुलित करती है
गुरु की पूजा
ज्ञान, धन और नैतिकता
गुरुवार को पीले रंग और व्रत का महत्व
शनि पूजा
धैर्य, नौकरी और कर्म
शनिवार को शनि पूजा और दान से संकट कम होते हैं
राहु-केतु शांति
अचानक हानि, भ्रम और मानसिक तनाव
विशेष यंत्र और मंत्र-जप का उपयोग
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि इनमें से प्रत्येक पूजा कुंडली के अनुसार भिन्न होती है। अतः व्यक्तिगत सलाह लेना अधिक लाभकारी होता है।
क्या भक्ति ग्रहों की दिशा बदल देती है या सिर्फ प्रभाव बदलता है
यह एक महत्वपूर्ण प्रश्न है।
ग्रह अपनी कक्षा में स्थिर रहते हैं, इसलिए उनके भौतिक स्थान को बदलना संभव नहीं।
लेकिन ज्योतिष शास्त्र इस बात को मानता है कि
ग्रहों का फल तो शुभ और अशुभ दोनों तरीके से प्राप्त होता है
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भक्ति, पूजा और अच्छे कर्म ग्रहों के अशुभ फल को घटाते हैं
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सकारात्मक फल को मजबूत बनाते हैं
अर्थात
ग्रहों की दिशा नहीं बदलती
बल्कि
ग्रहों के परिणामों की दिशा बदल जाती है
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार पूजा व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनाती है, जिससे वह संकटों के बावजूद आगे बढ़ने की क्षमता रखता है।
क्यों जरूरी है कर्म और पूजा का साथ
भगवान भी उन्हीं की मदद करता है जो स्वयं मेहनत करते हैं।
ज्योतिष में कर्म का सिद्धांत सर्वोपरि है।
भक्ति और पूजा तभी फल देती है जब
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प्रयास जारी हों
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मन में सच्चाई और श्रद्धा हो
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निष्ठा और अनुशासन हो
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दूसरों के प्रति सद्भावना हो
ग्रह तभी दिशा बदलते हैं जब हम अपने कर्मों को सुधारते हैं।
पूजा और भक्ति के वैज्ञानिक प्रभाव
मानसिक शक्ति बढ़ती है
मन शांत रहता है
तनाव कम होता है
आत्मबल में वृद्धि होती है
निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है
रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
यह सुधार सीधे व्यक्ति की जीवन स्थिति को बेहतर बनाता है।
प्रमुख ग्रहों के अनुसार उपाय
| ग्रह | उपाय | लाभ |
|---|---|---|
| सूर्य | सूर्य अर्घ्य, गायत्री मंत्र | सफलता और सम्मान |
| चंद्र | शिव पूजा, दूध दान | मानसिक शांति |
| मंगल | हनुमान चालीसा | ऊर्जा और सुरक्षा |
| बुध | गणेश पूजा | बुद्धिमत्ता में वृद्धि |
| गुरु | पीला दान और व्रत | ज्ञान और आर्थिक लाभ |
| शुक्र | सुगंधित वस्तुएँ दान | दांपत्य में सुधार |
| शनि | दान, तेल चढ़ाना | जीवन की रुकावटें दूर |
| राहु-केतु | विशेष मंत्र साधना | भय और भ्रम समाप्त |
भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि यह उपाय तभी अधिक फलदायक होते हैं जब सही कुंडली देखकर बताए जाएँ।
भक्ति और पूजा सिर्फ धार्मिक क्रिया नहीं है।
यह मन, आत्मा और ग्रहों के फल को संतुलित करने की दिव्य प्रक्रिया है।
ग्रहों को बदलना संभव नहीं,
लेकिन उनके प्रभावों को अवश्य बदला जा सकता है।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि
यदि सही पूजा, सही मंत्र और सही समय पर की जाए
तो ग्रहों का अशुभ असर कम होकर व्यक्ति का जीवन उन्नति के मार्ग पर चल पड़ता है।
इसलिए भक्ति, पूजा और कर्म तीनों का संतुलित होना बहुत आवश्यक है।
यदि आप अपने ग्रहों को संतुलित करना चाहते हैं
और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन चाहते हैं
तो एक अनुभवी ज्योतिष विशेषज्ञ से परामर्श लेना ही सर्वोत्तम उपाय है।

