ग्रहों का राजनीति से संबंध:

ग्रहों का राजनीति से संबंध: 

ग्रहों का राजनीति से संबंध: 

भारतीय ज्योतिष में राजनीति से जुड़े योग को समझने के लिए नवग्रहों की स्थिति, उनकी दृष्टि, दशा-अंतर्दशा और भावों का महत्व अत्यधिक माना जाता है। राजनीति केवल सत्ता ही नहीं बल्कि प्रभाव, जनसमर्थन, नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता से जुड़ा क्षेत्र है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में ऐसे योगों का विस्तार से उल्लेख मिलता है जो किसी व्यक्ति को नेतृत्व और शासन की राह तक पहुंचाते हैं।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार, यदि ग्रह सही स्थान पर हों और शुभ फल प्रदान करें, तो साधारण व्यक्ति भी राजनीति के क्षेत्र में उच्च पद प्राप्त कर सकता है। इस लेख में हम ग्रहों और राजनीति के संबंध को गहराई से समझेंगे।

राजनीति में ज्योतिष का क्या महत्व है?

राजनीति में सफलता कई तत्वों का मिश्रण है: व्यक्तित्व, कौशल, जनता का विश्वास और समय का सहयोग। समय को समझने का सबसे प्रभावी माध्यमज्योतिष विद्या है।

ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी के अनुसारग्रहों की मजबूत स्थिति व्यक्ति को निम्न गुण प्रदान करती है:

  • नेतृत्व क्षमता

  • भाषण कौशल

  • निर्णय लेने की क्षमता

  • प्रबंधन और रणनीतिक सोच

  • जनता के साथ संबंध बनाने की कला

  • साहस और जोखिम लेने की क्षमता

इन सभी गुणों की अलग-अलग जिम्मेदारी अलग-अलग ग्रह निभाते हैं।

राजनीति में किन ग्रहों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण?

नीचे प्रमुख ग्रह और उनका राजनीतिक महत्व स्पष्ट किया जा रहा है:

सूर्य (Sun) – सत्ता और नेतृत्व का ग्रह

सूर्य राजा का प्रतिनिधित्व करता है।
राजनीति में:

  • नेतृत्व क्षमता देता है

  • सरकारी क्षेत्र में उन्नति

  • ऊंचे पद की प्राप्ति

  • सम्मान और ख्याति

यदि सूर्य 10वें, 1st, 5th या 9th भाव में हो तो व्यक्ति सत्ता के शिखर तक पहुंच सकता है।

चंद्र (Moon) – जनता का विश्वास

राजनीति में लोकप्रियता सबसे बड़ी ताकत है और चंद्रमा जनता का कारक है।

  • जनसमर्थन

  • भावनात्मक जुड़ाव

  • भीड़ का रुझान

यदि चंद्र मजबूत हो तो व्यक्ति का जनाधार कभी कम नहीं होता।

ग्रह गुरु (Jupiter) – ज्ञान व नैतिक राजनीति

गुरु धर्म, नीति, न्याय और मार्गदर्शन का ग्रह है।

  • आदर्श राजनीतिक छवि

  • बुद्धिमत्ता और परामर्श देने की क्षमता

  • बड़े संगठन का प्रमुख

गुरु + सूर्य मजबूत हो तो व्यक्ति बहुत उच्च राजनीतिक पद प्राप्त करता है।

मंगल (Mars) – साहस और संघर्ष का कारक

मंगल राजनीति में लड़ने और संघर्ष करने की शक्ति प्रदान करता है।

  • विजय का ग्रह

  • तेज दिमाग और निर्णायक व्यक्तित्व

  • विरोधियों पर विजय

मंगल यदि स्वगृही या उच्च का हो तो नेता हमेशा आगे रहता है।

शनि (Saturn) – जनता की सेवा और राजनीतिक स्थिरता

शनि जन-जन से जुड़ने वाला और बड़े वर्ग का प्रतिनिधि ग्रह है।

  • जनता के बीच गहरी पैठ

  • श्रमिक वर्ग का समर्थन

  • दीर्घकालिक सत्ता

शनि मजबूत = राजनीति में लंबी पारी।

बुध (Mercury) – वाणी और रणनीति का कारक

राजनीति में भाषण कौशल बहुत मायने रखता है।

  • मीडिया से तालमेल

  • डिबेट और समझदारी

  • चतुराई और बातचीत की क्षमता

बुध मजबूत होने से नेता अपनी बात जनता के दिल में बैठा देता है।

राहु (Rahu) – अचानक लाभ और जनता को प्रभावित करना

राहु असाधारण सफलता और करिश्मा देता है।

  • बड़े चुनावी चमत्कार

  • भीड़ पर नियंत्रण

  • नकारात्मक परिस्थितियों में भी लाभ

राहु राजनीति में “किंगमेकर” तक बना देता है।

केतु (Ketu) – रहस्य, सुरक्षा और रणनीति

निर्णय क्षमता और गुप्त रणनीतियों में मददगार।

  • पर्दे के पीछे पावर

  • राजा का सलाहकार

यदि केतु शुभ ग्रहों से संबद्ध हो तो व्यक्ति नीति-निर्धारण में माहिर।

राजनीति से जुड़े महत्वपूर्ण भाव (

ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी के अनुसार राजनीति देखने के लिए जन्मकुंडली में इन भावों का विशेष महत्व है:

भावमहत्व
1st भावव्यक्तित्व और लोकप्रियता
3rd भावसाहस और संचार
5th भावबुद्धिमानी, रणनीति, जनता पर प्रभाव
7th भावसाझेदारी और सार्वजनिक संबंध
9th भावभाग्य, बड़े पदों का योग
10th भावकरियर, सरकारी पद
11th भावलाभ और राजनीतिक नेटवर्क

यदि इन भावों के स्वामी ग्रह मजबूत हों तो राजनीतिक करियर सफल होता है।

राजनीति में राजयोग और सत्ता योग

नीचे कुछ प्रमुख राजनीतिक योग:

सूर्य-गुरु योग (राजसमृद्धि योग)

व्यक्ति को सरकार में उच्च स्थान मिलता है।

शनि-चंद्र योग (जनता का नेता)

जनता से भावनात्मक नाता।

दशमेश और लग्नेश का संबंध

करियर की उन्नति और सत्ता का सहयोग।

पंचमेश + एकादशेश का संबंध

समर्थक और बड़े वोट बैंक का योग।

राहु-शनि-गुरु के योग

चमत्कारिक राजनीतिक सफलता।

बलवान सूर्य व मंगल

सैन्य या प्रशासनिक पृष्ठभूमि वाले राजनेता।

राजनीति में दशा और गोचर का प्रभाव

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसारग्रहों की दशा-अंतर्दशा चुनावी सफलता के समय को निर्धारित करती है।

  • सूर्य की दशा: सम्मान और पद

  • मंगल की दशा: विजय

  • शनि की दशा: जनता का सहयोग

  • राहु  की दशा: अचानक सत्ता

यदि चुनाव के समय गोचर मंगल, गुरु या सूर्य बल प्रदान करें तो परिणाम प्रबल होते हैं।

राजनीति में असफलता कब मिलती है?

नीचस्थ या अशुभ ग्रह:

  • जनसमर्थन में कमी

  • आरोप-प्रत्यारोप

  • चुनाव में हार

  • राजनीतिक विरोधियों की बढ़त

विशेषत: कमजोर चंद्र या शनि, व्यक्ति को जनता से दूर कर देते हैं।

राजनीति से जुड़े विशेष नक्षत्र

नक्षत्र        विशेषता        
मघा                   शाही सोच, सत्ता की प्राप्ति
उत्तराभाद्रपद                  दूरदर्शिता
स्वाति                  करिश्मा और सार्वजनिक समर्थन
रोहिणी                  जनता को आकर्षित करने की क्षमता
उत्तरा फाल्गुनी                  नेतृत्व और न्यायप्रियता

राजनीति में सफलता के ज्योतिषीय उपाय

  • प्रत्येक रविवार सूर्य को जल अर्पित करें

  • लाल रंग के कपड़ों का उपयोग बढ़ाएं (मंगल को मजबूत करने हेतु)

  • शनि के लिए सेवा और दान — विशेषकर गरीबों को भोजन

  • चंद्र कमजोर हो तो मोती पहनना लाभकारी

  • गुरु मजबूत करने हेतु पीले चावल का दान

  • राहु  से पीड़ित हों तो नारियल प्रवाहित करना शुभ

  • प्रतिदिन गायत्री और हनुमान चालीसा का पाठ

इन उपायों से ग्रह संतुलन होता है और राजनीति की राह मजबूत होती है।

राजनीति केवल जमीन की लड़ाई नहीं बल्कि आकाश में ग्रहों की चाल का भी खेल है।
यदि जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति अनुकूल हो तो निरंतर प्रयास और सही समय पर उचित निर्णय व्यक्ति को शिखर तक ले जाते हैं।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं कि—
“राजनीति में सफलता का मार्ग ग्रहों की दिशा से ही प्रभावित होता है। सही मार्गदर्शन और समय विश्लेषण से राजनीतिक जीवन में चमत्कारिक सफलता प्राप्त हो सकती है।”

गूगल में जाकर आप हमारे रिव्यू देख सकते हैं

Astrologer Sahu Ji
428, 4th Floor, Orbit Mall
Indore, (MP)
India
Contact:  9039 636 706  |  8656 979 221
For More Details Visit Our Website:

Suggested Post

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत?

 भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत? भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ...