कुंडली में ग्रह स्तम्भन दोष और उसका निवारण

कुंडली में ग्रह स्तम्भन दोष और उसका निवारण

कुंडली में ग्रह स्तम्भन दोष और उसका निवारण

वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन को कई दिशाओं में बदल सकता है। कुंडली में जब ग्रह अपनी उच्च स्थिति, शुभ भाव या शुभ दृष्टि के अनुसार फल नहीं देते, तो इसे ग्रह स्तम्भन दोष कहा जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में रुकावट, बाधाएँ, मानसिक तनाव और असफलता को बढ़ाता है।
अच्छे ग्रह होने के बावजूद सकारात्मक परिणाम न मिलना इस दोष की सबसे बड़ी पहचान है।

ग्रह स्तम्भन दोष क्या है

ग्रह स्तम्भन दोष एक ऐसी स्थिति है जब कुंडली में शुभ ग्रहों की ऊर्जा रुक जाती है और व्यक्ति को उसका फल नहीं मिलता।
इस कारण:

  • जीवन में तेजी से आने वाली उन्नति रुक जाती है

  • शुभ कार्यों में बाधाएँ आने लगती हैं

  • सफलता का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है

ग्रह स्तम्भन दोष कई बार बाहरी नकारात्मक शक्तियों, बुरी नजर, टोटकों या गलत कर्मों के कारण भी सक्रिय हो सकता है।

ग्रह स्तम्भन दोष के कारण

ग्रह स्तम्भन दोष के कुछ प्रमुख ज्योतिषीय कारण इस प्रकार हैं:

  • शुभ ग्रहों का दुष्ट ग्रहों के साथ स्थिति में होना
    जैसे राहु, केतु या शनि के साथ शुभ ग्रह युति या दृष्टि में हों।

  • ग्रहों का अस्त होना
    जब सूर्य के निकट आने से ग्रह अपना बल खो देते हैं।

  • शुभ ग्रहों का जन्मपत्रिका के कष्ट भावों में होना
    जैसे 6वें, 8वें और 12वें भाव में।

  • दशा-अन्तर्दशा का अशुभ प्रभाव
    अशुभ ग्रहों की दशा शुभ ग्रहों के फल को रोक देती है।

  • तांत्रिक या ऊपरी बाधा
    कभी-कभी नकारात्मक ऊर्जाएँ शुभ ग्रहों के फल को रोक देती हैं।

  • पूर्व जन्म कर्मों का प्रभाव
    कर्म सिद्धांत के अनुसार शुभ ग्रह भी फल देने में असमर्थ हो जाते हैं।

ग्रह स्तम्भन दोष के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह स्तम्भन दोष सक्रिय है, तो निम्न संकेत देखने को मिलते हैं:

  • मेहनत अधिक, परिणाम कम

  • बार-बार असफलता

  • योजना बनती है पर पूरी नहीं होती

  • धन रुकता है

  • व्यवसाय में बाधाएँ

  • प्रमोशन में अड़चन

  • परिवार और रिश्तों में टूटन

  • स्वास्थ्य समस्याएँ बिना कारण

  • शिक्षा में रुकावट

  • विवाह में देरी

  • मानसिक तनाव और डिप्रेशन

किस ग्रह के स्तम्भन से क्या प्रभाव होता है

ग्रह                                                    स्तम्भन होने पर प्रभाव                               
सूर्यसम्मान की हानि, पिता से समस्या, नेतृत्व क्षमता खत्म
चंद्रमानसिक तनाव, अस्थिरता, नींद की समस्या
मंगल                                                 ऊर्जा कम, दुर्घटना का डर, संघर्ष बढ़ता
बुधशिक्षा-व्यापार में नुकसान
बृहस्पतिधन और संतान में बाधा
शुक्रप्रेम-विवाह में असफलता
शनिलंबे समय तक कष्ट और विलंब
राहु-केतुभ्रम, कानूनी विवाद, अचानक नुकसान

ग्रह स्तम्भन दोष की पहचान कैसे करें

  • कुंडली में शुभ ग्रह होने के बावजूद जीवन में संघर्ष

  • शुभ दशा होने पर भी शुभ फल का अभाव

  • पूजा-पाठ के बाद भी लाभ नहीं मिलना

  • महत्वपूर्ण अवसर खोना

  • बार-बार बाधा और रुकावट

इसके लिए एक अनुभवी ज्योतिषी द्वारा कुंडली विश्लेषण अत्यंत आवश्यक है।

ग्रह स्तम्भन दोष का निवारण – प्रभावी ज्योतिषीय उपाय

नीचे दिए गए उपाय ग्रह स्तम्भन दोष को कम करने में अत्यंत उपयोगी माने गए हैं:

ग्रह शक्ति बढ़ाने वाले उपाय

  • शुभ ग्रह के मंत्र का जाप

  • ग्रहों के अनुकूल रत्न धारण

  • ग्रह बल शक्ति में वृद्धि हेतु हवन

महत्वपूर्ण मंत्र उदाहरण
  • सूर्य: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सूर्याय नमः

  • चंद्र: ॐ चंद्राय नमः

  • शुक्र: ॐ द्रां द्रीं द्रौं शुक्राय नमः

अशुभ ग्रहों का शमन

  • शनि, राहु और केतु के उपाय

  • दान, यंत्र और अनुष्ठान

  • पीपल व शाम की पूजा

नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति

  • हनुमान चालीसा पाठ

  • दुर्गा सप्तशती पाठ

  • हवन, नारियल तोड़ना, नींबू-मिर्च उपाय

वास्तु सुधार

  • घर या दुकान में वास्तु दोष निवारण

  • मुख्य द्वार की ऊर्जा बढ़ाना

कर्म सुधार उपाय

  • दान-पुण्य

  • गरीबों और पशुओं की सेवा

  • माता-पिता का आदर

विशेष उपाय: ग्रह स्तम्भन दोष निवारण पूजा

  • नवग्रह शांति पूजा

  • बृहस्पति वार व्रत

  • काल भैरव स्तुति

  • तांत्रिक स्तम्भन दोष निवारण

ये पूजा अनुभवी पुरोहित के मार्गदर्शन में ही करवाएँ।

कौन लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं

  • जिनकी कुंडली में राहु-केतु पीड़ित हों

  • जिनकी कुंडली में शुभ ग्रह 6, 8, 12 भाव में हों

  • शनि की ढैया या साढ़ेसाती में हों

  • विवाह योग्य उम्र में विवाह रुक रहा हो

  • नौकरी-पदोन्नति में बाधा हो

ग्रह स्तम्भन दोष एक ऐसा महत्वपूर्ण ज्योतिषीय दोष है जो जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
यह दोष उस समय बनता है जब कुंडली में शुभ ग्रह अपनी ऊर्जा का सकारात्मक परिणाम देने में असमर्थ हो जाते हैं।

परंतु सही ज्योतिषीय परामर्श, उपाय और कर्म सुधार को अपनाकर इस दोष के प्रभाव से मुक्ति पाई जा सकती है।
नियमित पूजा, दान-पुण्य, मंत्र और सही दिशा में प्रयास से शुभ ग्रहों के फल पुनः सक्रिय होने लगते हैं और जीवन में उन्नति का मार्ग खुल जाता है।

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