वास्तु और ज्योतिष से नकारात्मक ऊर्जा का निवारण

वास्तु और ज्योतिष से नकारात्मक ऊर्जा का निवारण

वास्तु और ज्योतिष से नकारात्मक ऊर्जा का निवारण

घर या कार्यस्थल में जब वातावरण भारी, उदास या अस्थिर महसूस होने लगे, जब बिना कारण मन चिड़चिड़ा हो या बार-बार विवाद और आर्थिक समस्याएँ आने लगें, तो समझ लीजिए कि वहाँ नकारात्मक ऊर्जा  का प्रभाव बढ़ गया है।

ऐसी स्थिति में सिर्फ सजावट या सफाई से समाधान नहीं होता, बल्कि वास्तु और ज्योतिष के संयुक्त उपायों से ही वास्तविक शुद्धि संभव होती है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी के अनुसार —

वास्तु शास्त्र ऊर्जा का विज्ञान है और ज्योतिष ग्रहों की ऊर्जा का। जब दोनों का संतुलन बिगड़ता है, तब नकारात्मक शक्तियाँ सक्रिय होती हैं। लेकिन सही दिशा, रंग, मंत्र और ग्रह उपायों से हम इस ऊर्जा को सकारात्मक बना सकते हैं।”

नकारात्मक ऊर्जा के लक्षण

नकारात्मक ऊर्जा घर में होते ही धीरे-धीरे वातावरण को प्रभावित करने लगती है। इसके कुछ स्पष्ट संकेत इस प्रकार हैं —

  • घर में बार-बार झगड़े या तनाव।

  • नींद न आना या बेचैनी रहना।

  • अचानक धन की हानि या व्यापार में नुकसान।

  • बच्चों का मन पढ़ाई में न लगना।

  • स्वास्थ्य समस्याएँ बार-बार आना।

  • घर में अजीब-सा डर या उदासी का माहौल।

अगर ये लक्षण लगातार बने रहें, तो यह संकेत है कि घर की ऊर्जा असंतुलित हो चुकी है। अब समय है वास्तु और ज्योतिषीय उपायों को अपनाने का।

वास्तु के अनुसार नकारात्मक ऊर्जा का निवारण

वास्तु शास्त्र का सीधा संबंध दिशाओं और पंचतत्वों (जल, अग्नि, वायु, पृथ्वी, आकाश) से है।
यदि किसी दिशा में दोष होता है, तो वहाँ से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

मुख्य द्वार का संतुलन

मुख्य द्वार घर का ऊर्जा प्रवेश द्वार होता है।
अगर यह गंदा, टूटा या अव्यवस्थित है, तो नकारात्मकता प्रवेश करती है।

  • मुख्य द्वार पर श्री यंत्र या स्वस्तिक का चिन्ह बनाएं।

  • दरवाजे के दोनों ओर दीपक जलाएं और नमक के पानी से सप्ताह में एक बार पोछा लगाएँ।

  • दरवाजे के ऊपर तुलसी या आम के पत्तों का तोरण लगाना शुभ होता है।

उत्तर-पूर्व दिशा को शुद्ध रखें

ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में जल तत्व होता है। यह दिशा भगवान और पूजन के लिए मानी जाती है।

  • इस दिशा में मंदिर, जल का बर्तन या पूजा स्थल रखें।

  • इस स्थान को हमेशा साफ, उजला और सुगंधित रखें।

दक्षिण दिशा में अग्नि तत्व का संतुलन

यदि रसोई घर दक्षिण-पूर्व में है, तो यह अत्यंत शुभ है।
लेकिन यदि रसोई गलत दिशा में बनी हो, तो वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

  • रसोई में लाल रंग का उपयोग करें।

  • गैस चूल्हा दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें और पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन बनाएं।

नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के सरल उपाय

  • कपूर जलाएं — यह सबसे प्रभावी शुद्धिकरण तत्व है।

  • हर शनिवार को नमक मिले पानी से पूरे घर में पोछा लगाएं।

  • सुबह और शाम को शंख और घंटी बजाएं, यह तरंगों को सकारात्मक बनाता है।

  • दरवाजे पर नींबू-मिर्च लटकाना बुरी नजर से रक्षा करता है।

ज्योतिष के अनुसार नकारात्मक ऊर्जा के ग्रह कारण

कई बार नकारात्मकता केवल घर में नहीं, बल्कि ग्रहों की प्रतिकूल स्थिति से भी उत्पन्न होती है।
जैसे —

  • राहु और केतु का अशुभ प्रभाव मानसिक भ्रम और असंतुलन लाता है।

  • नि की ढैय्या या साढ़ेसाती से वातावरण में तनाव बढ़ सकता है।

  • चंद्रमा कमजोर होने पर मन उदास और ऊर्जा शिथिल होती है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि –

“ग्रहों की ऊर्जा व्यक्ति के विचारों और भावनाओं को प्रभावित करती है। जब विचार नकारात्मक होते हैं, तो घर की ऊर्जा भी वैसी ही हो जाती है।”

इसलिए ग्रहों को शांत करने और शुभ बनाने के लिए मंत्र, दान और यंत्र साधना बहुत उपयोगी होती है।

नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के ज्योतिषीय उपाय

  • शनिवार को शनि पूजा करें – काले तिल, तेल, और लोहे का दान करें।

  • राहु-केतु दोष के लिए – मंगलवार या शनिवार को शिवलिंग पर दूध, जल और काले तिल अर्पित करें।

  • चंद्रमा को मजबूत करने के लिए – सोमवार को चांदी का दान करें और चंद्र मंत्र “ॐ सोम सोमाय नमः” का जाप करें।

  • घर में श्री यंत्र स्थापित करें – यह नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करके धन और शांति बढ़ाता है।

  • दुर्गा सप्तशती या हनुमान चालीसा का पाठ करें – यह सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा देता है।

मनोज साहू जी के अनुसार —

“मंत्रों की ध्वनि तरंगें घर के वातावरण को ऊर्जावान बनाती हैं। हर सुबह ‘ॐ नमः शिवाय’ या गायत्री मंत्र का जप करें।”

घर की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के उपाय


  • तुलसी का पौधा लगाएं – यह घर की ऊर्जा को पवित्र बनाता है।

  • गंगा जल का छिड़काव करें – प्रत्येक पूर्णिमा को गंगा जल से शुद्धिकरण करें।

  • घी का दीपक जलाएं – सूर्यास्त के बाद घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है।

  • संगीत और मंत्र ध्वनि चलाएं – यह मन और घर दोनों की तरंगें बदल देता है।

  • नियमित रूप से घर की सजावट में पीले और सफेद रंगों का प्रयोग करें – यह शुभता बढ़ाते हैं।

ग्रह और वास्तु का संयुक्त प्रभाव

जब वास्तु दोष और ग्रह दोष दोनों एक साथ होते हैं, तब नकारात्मक ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है।
जैसे —

  • दक्षिण दिशा में दरवाजा और शनि अशुभ स्थिति में हो, तो व्यक्ति को करियर और स्वास्थ्य दोनों में बाधाएँ मिलती हैं।

  • उत्तर दिशा बंद और बुध कमजोर हो, तो धन की कमी बनी रहती है।

ऐसे में वास्तु सुधार और ग्रह शांति दोनों उपाय साथ में करने चाहिए।
इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी बताते हैं कि –

“यदि घर की दिशा और ग्रहों की दशा दोनों ठीक कर ली जाएँ, तो जीवन में सुख, समृद्धि और शांति अपने आप लौट आती है।”

नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव केवल घर के वातावरण पर नहीं, बल्कि हमारे मन और कर्म पर भी पड़ता है।
वास्तु और ज्योतिष दोनों ही ऐसे प्राचीन विज्ञान हैं जो हमें इस ऊर्जा को समझने और संतुलित करने में मदद करते हैं।
यदि व्यक्ति अपने घर की दिशा, रंग और ग्रहों की स्थिति का ध्यान रखे, तो वह हर प्रकार की नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदल सकता है।

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी कहते हैं —

“सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बाहर नहीं, बल्कि हमारे विचारों और घर की ऊर्जा में छिपा है। यदि वास्तु सही हो और ग्रह अनुकूल हों, तो जीवन में हर ओर प्रकाश फैल जाता है।”

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