रोगों से बचने के लिए कौन-से ज्योतिष उपाय नियमित करने चाहिए?
प्राचीन भारतीय ज्योतिष विज्ञान केवल भविष्यवाणी या ग्रह-नक्षत्रों की गणना तक सीमित नहीं है। यह हमारे स्वास्थ्य, मन, और जीवन शक्ति से भी गहरे रूप से जुड़ा हुआ है। जब हम नियमित रूप से बीमार पड़ते हैं या कोई रोग लंबे समय तक पीछा नहीं छोड़ता, तो उसके पीछे केवल शारीरिक या मानसिक कारण नहीं, बल्कि ग्रहों की अशुभ स्थिति भी हो सकती है।
इसलिए यह जानना आवश्यक है कि रोगों से बचने के लिए कौन-से ज्योतिष उपाय नियमित करने चाहिए, ताकि हम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकें, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त बन सकें।
ज्योतिष में स्वास्थ्य और रोगों का संबंध
ज्योतिष शास्त्र में छठा भाव ग्रहों की स्थिति, और दशा-अंतर्दशा हमें यह संकेत देती हैं कि किसी व्यक्ति को किस तरह के रोग होने की आशंका है और उनसे बचने का उपाय क्या हो सकता है।
प्रमुख ग्रह जो स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं:
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सूर्य: जीवन शक्ति, प्रतिरक्षा
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चंद्रमा: मानसिक स्थिति, भावनात्मक स्वास्थ्य
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मंगल: रक्त, ऊर्जा, अग्नि
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शनि: हड्डियाँ, पुरानी बीमारियाँ
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राहु-केतु: रहस्यमयी और दीर्घकालिक रोग
जब ये ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति बार-बार बीमार हो सकता है। इसलिए, यह जानना ज़रूरी हो जाता है कि रोगों से बचने के लिए कौन-से ज्योतिष उपाय करें।
रोगों से बचने के लिए कौन-से ज्योतिष उपाय नियमित करने चाहिए?
अब हम उन प्रभावशाली उपायों की चर्चा करेंगे जो ज्योतिष के अनुसार रोगों से बचने में सहायक होते हैं:
सूर्य को अर्घ्य देना – प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए सबसे शक्तिशाली उपाय
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प्रतिदिन प्रातःकाल उगते सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें।
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मंत्र: "ॐ घृणि सूर्याय नमः" 11 या 108 बार जप करें।
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इससे आपकी जीवन शक्ति, आत्मबल और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
- यह उपाय रोगों से बचने के लिए कौन-से ज्योतिष उपाय में सबसे सरल और प्रभावी माना गया है।
चंद्रमा की शांति – मानसिक रोगों से बचाव के लिए
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सोमवार के दिन सफेद वस्त्र धारण करें और शिव जी को जल चढ़ाएं।
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मंत्र: "ॐ सोमाय नमः"
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दही, चावल, दूध का दान करें।
यह उपाय चिंता, तनाव, अनिद्रा जैसी मानसिक समस्याओं से रक्षा करता है। जब मन स्थिर और शांत होगा, तभी शरीर भी रोगमुक्त रहेगा।
हनुमान जी की उपासना – बुरी ऊर्जा से सुरक्षा
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मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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सरसों के तेल का दीपक जलाएं और चमेली का तेल चढ़ाएं।
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यह उपाय भूत-प्रेत बाधा, काली ऊर्जा, और अनचाही बीमारियों से रक्षा करता है।
शनि की कृपा पाने के लिए उपाय
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शनि की दशा में व्यक्ति को हड्डियों, जोड़ों और पुरानी बीमारियों की समस्या हो सकती है।
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शनिवार को नीले वस्त्र पहनें, काली उड़द, तेल और लोहे का दान करें।
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मंत्र: "ॐ शं शनैश्चराय नमः"
यह उपाय रोगों से बचने के लिए कौन-से ज्योतिष उपाय में शनि संबंधित बाधाओं को दूर करता है।
तांत्रिक दोष और राहु-केतु शांति
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राहु-केतु जब कुंडली में छठे, आठवें या बारहवें भाव में अशुभ हों, तो व्यक्ति को अज्ञात रोग, त्वचा रोग, और मानसिक भ्रम हो सकता है।
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उपाय:
व्रत और तीज-त्योहारों का महत्व
व्रत विधि भी हमारे शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने और मन को संयमित करने में सहायक है।
एकादशी व्रत:
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पेट और मन दोनों को शुद्ध करता है।
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यह व्रत न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी रोगों से बचने में सहायक है।
प्रदोष व्रत:
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विशेष रूप से शिव उपासना से जुड़ा है।
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इसे करने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और रोगों से रक्षा मिलती है।
रत्न धारण करना – ज्योतिष उपाय के रूप में ऊर्जा का संतुलन
कई बार ग्रह दोषों को शांत करने के लिए योग्य रत्न धारण करने से भी रोगों से बचने में सहायता मिलती है:
ग्रह | रत्न | धारण विधि |
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सूर्य | माणिक्य | रविवार को तांबे में पहनें |
चंद्र | मोती | सोमवार को चांदी में |
मंगल | मूंगा | मंगलवार को तांबे में |
बुध | पन्ना | बुधवार को सोने/पंचधातु में |
शनि | नीलम | शनिवार को लोहे में |
राहु | गोमेद | शनिवार को चांदी में |
केतु | लहसुनिया | मंगलवार को चांदी में |
सावधानी: किसी भी रत्न को धारण करने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लें, क्योंकि गलत रत्न धारण करने से लाभ की बजाय हानि भी हो सकती है।
कुंडली के दोषों का निवारण
कई बार जन्म कुंडली में मौजूद दोष रोगों का कारण बनते हैं:
पितृ दोष:
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बार-बार बीमारियाँ, विशेषकर संतान को।
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उपाय: अमावस्या को पीपल पूजन और पितरों के लिए तर्पण करें।
नाड़ी दोष:
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वैवाहिक जीवन में स्वास्थ्य समस्याएँ।
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उपाय: नाड़ी दोष की शांति हेतु विशेष हवन।
ग्रहण योग:
इन सभी उपायों से आप अपने जीवन में रोगों से बचने के लिए कौन-से ज्योतिष उपाय को प्रभावी ढंग से लागू कर सकते हैं।
जीवनशैली के साथ संयोजन करें ज्योतिष उपाय
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योग और प्राणायाम: सूर्य नमस्कार, कपालभाति, अनुलोम-विलोम से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
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सात्त्विक आहार: ताजा फल, हरी सब्जियाँ, तुलसी, अदरक आदि को शामिल करें।
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सकारात्मक विचार और ध्यान: मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य का हिस्सा है।
यह स्पष्ट है कि केवल दवाइयाँ ही रोगों से मुक्ति नहीं दिलातीं। जब हम यह समझते हैं कि रोगों से बचने के लिए कौन-से ज्योतिष उपाय नियमित करने चाहिए, तो हम अपने जीवन में संतुलन, शुद्धता और शक्ति ला सकते हैं।
ग्रहों का प्रभाव केवल भाग्य नहीं, हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। अतः ज्योतिष को केवल भविष्य जानने का साधन न मानें, बल्कि इसे अपने स्वास्थ्य की रक्षा का माध्यम भी बनाएं।
सुमन वर्मा, विजय नगर, इंदौर
"मैं बार-बार बीमार पड़ती थी और कोई स्थायी समाधान नहीं मिल पा रहा था। फिर मुझे विजय नगर, इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य साहू जी के बारे में पता चला। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि राहु और चंद्रमा की स्थिति मेरे स्वास्थ्य पर असर डाल रही है। उन्होंने नियमित हनुमान चालीसा पाठ, नीले कपड़े से परहेज, और मंगलवार को विशेष उपाय करने की सलाह दी। अब मेरा स्वास्थ्य पहले से कहीं बेहतर है।"
अमित अग्रवाल,भंवरकुआं, इंदौर
"लगातार थकान, बुखार और कमजोरी से परेशान होकर मैंने भंवरकुआं, इंदौर में साहू जी से संपर्क किया। कुंडली विश्लेषण में पता चला कि सूर्य और शनि की युति से रोग बढ़ रहे हैं। उन्होंने सूर्य को जल अर्पित करने, गायत्री मंत्र का जाप और शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करने का सुझाव दिया। इन ज्योतिष उपायों को नियमित अपनाने से मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता में जबरदस्त सुधार आया है।"