क्या आपकी कुंडली में छुपा है संन्यास योग?

क्या आपकी कुंडली में छुपा है संन्यास योग?

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कुंडली में छुपा है संन्यास योग

संन्यास योग एक अत्यंत दुर्लभ और महत्वपूर्ण ज्योतिषीय योग है, जो किसी व्यक्ति के जीवन में त्याग, आध्यात्मिकता और संसार से दूर रहने की प्रवृत्ति को दर्शाता है। कुंडली में संन्यास योग होने का अर्थ यह नहीं है कि व्यक्ति को संन्यासी ही बनना है, बल्कि यह संकेत देता है कि व्यक्ति का झुकाव भौतिक सुखों की बजाय आत्मिक शांति और ईश्वर की खोज की ओर अधिक रहेगा। आइए जानते हैं संन्यास योग से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी।

संन्यास योग क्या है?

संन्यास योग वह ज्योतिषीय स्थिति है, जब किसी व्यक्ति की  कुंडली  में ग्रहों की विशेष स्थिति उसे संसार के मोह से दूर करके आध्यात्मिक जीवन की ओर अग्रसर करती है। यह योग व्यक्ति को भौतिक सुखों और इच्छाओं से मुक्त करके उसे ध्यान, साधना और आत्मज्ञान की ओर ले जाता है।

संन्यास योग बनने के ज्योतिषीय संकेत

संन्यास योग बनने के ज्योतिषीय संकेत

चतुर्थ और द्वादश भाव का प्रभाव

चतुर्थ भाव घर, परिवार और सुख-सुविधाओं का प्रतिनिधित्व करता है। द्वादश भाव मोक्ष, त्याग और आत्मज्ञान का प्रतीक है। यदि इन भावों में पाप ग्रहों की स्थिति हो और शुभ ग्रह कमजोर हों, तो संन्यास योग बनने की संभावना बढ़ जाती है।

शनि और केतु का प्रभाव

शनि संयम, अनुशासन और कठिनाइयों का कारक है, जबकि केतु मोक्ष और आध्यात्मिकता को दर्शाता है। यदि ये दोनों ग्रह केंद्र या त्रिकोण भावों में मजबूत स्थिति में हों, तो व्यक्ति का झुकाव संन्यास की ओर बढ़ता है।

गुरु ग्रह की भूमिका

गुरु ज्ञान, धर्म और उच्च शिक्षा का प्रतीक है। यदि गुरु ग्रह बलवान होकर नवम या द्वादश भाव में स्थित हो, तो संन्यास योग को बल मिलता है।

सूर्य और चंद्रमा की स्थिति

सूर्य आत्मा और चंद्रमा मन के प्रतिनिधि हैं। यदि ये दोनों ग्रह पाप ग्रहों से पीड़ित हों और कमजोर स्थिति में हों, तो व्यक्ति को सांसारिक सुखों से मोहभंग होने की संभावना रहती है।

संन्यास योग के लक्षण

  • सांसारिक भोग-विलास में रुचि न होना

  • एकांत में समय बिताने की इच्छा

  • ध्यान और साधना की ओर झुकाव

  • भौतिक संपत्ति और पैसे में रुचि की कमी

  • समाज सेवा और परोपकार में रुचि

संन्यास योग से जुड़े लाभ

  • गहरी आत्मिक शांति और संतोष

  • मानसिक तनाव से मुक्ति

  • उच्च आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति

  • मोक्ष की ओर अग्रसरता

संन्यास योग को संतुलित कैसे करें?


संन्यास योग हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं होता। यदि यह योग बहुत प्रबल हो, तो व्यक्ति सांसारिक जिम्मेदारियों से दूर भाग सकता है। इसे संतुलित करने के लिए:

  • गुरु ग्रह की उपासना करें

  • ध्यान और साधना को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएं

  • संतुलित जीवन जीने की कोशिश करें, जहां भौतिक और आध्यात्मिक पक्ष संतुलित रहें

संन्यास योग एक अद्वितीय और दुर्लभ योग है, जो व्यक्ति को आत्मज्ञान और मोक्ष की ओर ले जाता है। यदि आपकी  कुंडली  में यह योग है, तो यह जरूरी नहीं कि आप संन्यासी बनें, लेकिन यह संकेत है कि आपका जीवन आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए उपयुक्त है। किसी भी निर्णय से पहले एक अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य करें।

महालक्ष्मी नगर इंदौर, के निवासी को ज्योतिष से संन्यास योग का पता चला!

मेरा नाम संदीप वर्मा है, मैं महालक्ष्मी नगर, इंदौर में रहता हूँ। बचपन से ही मेरा मन सांसारिक चीज़ों से दूर रहता था, लेकिन कभी कारण समझ नहीं आया। परिवार वाले मेरी एकाग्रता और आध्यात्मिक झुकाव को लेकर चिंतित थे। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली में संन्यास योग होने की पुष्टि की और बताया कि यह मेरे पिछले जन्म के कर्मों का परिणाम है। उनके मार्गदर्शन से मैंने सही दिशा में ध्यान और साधना शुरू की, जिससे मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव हुआ।

स्कीम नंबर 54 इंदौर, के निवासी को ज्योतिष से संन्यास योग की जानकारी!

मेरा नाम अमित तिवारी है, मैं स्कीम नंबर 54, इंदौर में रहता हूँ। जीवन में हमेशा वैराग्य की भावना रही, कोई भी भौतिक सुख ज्यादा समय तक नहीं बांध सका। यह समझ नहीं पा रहा था कि क्यों मन बार-बार ध्यान और साधना की ओर आकर्षित होता है। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली में संन्यास योग की पुष्टि की और बताया कि यह मेरे पूर्व जन्म के आध्यात्मिक कर्मों का प्रभाव है। उनके मार्गदर्शन में मैंने ध्यान और साधना को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाया, जिससे आंतरिक शांति और स्थिरता का अनुभव हुआ।

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