एकादशी व्रत का ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व

एकादशी व्रत का ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व

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 एकादशी व्रत का ज्योतिषीय और आध्यात्मिक महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यधिक शुभ और पवित्र माना गया है। यह व्रत हर चंद्र मास में दो बार आता है—एक शुक्ल पक्ष में और दूसरा कृष्ण पक्ष में। एकादशी व्रत केवल धार्मिक परंपरा का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह ज्योतिष और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

एकादशी व्रत का आध्यात्मिक महत्व

भगवान विष्णु की पूजा का पर्व

  • एकादशी व्रत का संबंध भगवान विष्णु से है, जो सृष्टि के पालनकर्ता हैं।

  • इस दिन विष्णु जी की आराधना से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  • यह व्रत आत्मा को शुद्ध करता है और व्यक्ति के आध्यात्मिक स्तर को ऊंचा उठाता है।

मन और आत्मा की शुद्धि

  • एकादशी व्रत के दौरान उपवास रखने से व्यक्ति के विचार और आत्मा शुद्ध होते हैं।

  • यह व्रत मन को संयमित करता है और ध्यान व साधना में सहायता करता है।

  • शास्त्रों में कहा गया है कि यह व्रत अनंत पुण्य की प्राप्ति कराता है।

पापों से मुक्ति

  • धर्मग्रंथों के अनुसार, एकादशी व्रत करने से पाप कर्मों का क्षय होता है।

  • यह व्रत जन्म-जन्मांतर के दोषों को समाप्त कर जीवन को शुभ बनाता है।

एकादशी व्रत का ज्योतिषीय महत्व

चंद्रमा और मन का संबंध

  • ज्योतिष में एकादशी का संबंध चंद्रमा से है, जो मन और भावनाओं को नियंत्रित करता है।

  • इस दिन उपवास रखने से चंद्रमा के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और मानसिक शांति प्राप्त होती है।

ग्रह दोषों का निवारण

सकारात्मक ऊर्जा का संचार

  • एकादशी के दिन उपवास और विष्णु पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

  • यह व्रत कुंडली में गुरु और चंद्रमा को बलवान बनाता है, जिससे शिक्षा, धन और संबंधों में लाभ होता है।

एकादशी व्रत करने के नियम और विधि

व्रत से एक दिन पहले

  • दशमी तिथि की रात को सात्विक भोजन करें।

  • मांस, मदिरा, और तामसिक भोजन से परहेज करें।

व्रत के दिन

  • प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु का स्मरण करें।

  • विष्णु सहस्त्रनाम और भगवद गीता का पाठ करें।

  • पूरे दिन उपवास रखें और केवल फलाहार ग्रहण करें।

  • शाम को विष्णु जी की आरती करें और तुलसी पत्र अर्पित करें।

व्रत का पारण

  • द्वादशी तिथि को व्रत का पारण करें।

  • ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान करें।

एकादशी व्रत से जुड़े लाभ

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य

  • उपवास के दौरान शरीर से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं।

  • यह व्रत मन को स्थिर करता है और तनाव को कम करता है।

आध्यात्मिक जागरूकता

  • एकादशी व्रत से व्यक्ति का ध्यान और साधना में वृद्धि होती है।

  • यह आत्मा को परमात्मा के समीप ले जाता है।

ग्रहों की शांति

  • एकादशी व्रत से कुंडली में चंद्रमा, गुरु और शनि  जैसे ग्रहों की शांति होती है।

  • यह जीवन में शुभ फल लाने का मार्ग प्रशस्त करता है।

एकादशी व्रत और पौराणिक कथाएं

पद्म पुराण की कथा

एक बार भगवान विष्णु ने धर्मराज युधिष्ठिर को एकादशी व्रत का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति इस व्रत को करता है, वह स्वर्ग के समान सुखों की प्राप्ति करता है।

पार्वती और शिव संवाद

शिव पुराण में बताया गया है कि माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि कौन-सा व्रत मोक्ष प्रदान करने वाला है। तब शिव जी ने कहा कि एकादशी व्रत करने से व्यक्ति पापों से मुक्त होकर परमधाम की प्राप्ति करता है।

प्रमुख एकादशी व्रत और उनका महत्व

प्रमुख एकादशी व्रत और उनका महत्व

निर्जला एकादशी

  • सभी एकादशियों में सबसे महत्वपूर्ण।

  • इसे बिना जल ग्रहण किए रखा जाता है।

मोहिनी एकादशी

  • मोह और भ्रम को दूर करने वाली।

  • भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा की जाती है।

वैकुंठ एकादशी

  • विष्णु लोक में जाने का मार्ग खोलने वाली।

  • दक्षिण भारत में इसे विशेष रूप से मनाया जाता है।

कामदा एकादशी

  • कामनाओं की पूर्ति और दांपत्य जीवन को मधुर बनाने वाली।

ज्योतिषीय उपाय एकादशी के दिन

  • विष्णु मंदिर में जाकर घी का दीपक जलाएं।

  • तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाकर विष्णु जी का ध्यान करें।

  • गरीबों को भोजन और वस्त्र का दान करें।

  • गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए चने और गुड़ का दान करें।

एकादशी व्रत केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह व्रत न केवल आत्मा को शुद्ध करता है, बल्कि ग्रह दोषों को शांत कर जीवन में शुभता लाता है।


अमित त्रिवेदी (राज मोहल्ला, इंदौर)

मैं कई सालों से उपवास करता था, लेकिन एकादशी व्रत के महत्व को सही मायने में एस्ट्रोलॉजर साहू जी से जानने के बाद ही समझ पाया। उन्होंने मुझे बताया कि एकादशी व्रत से चंद्रमा और बुध ग्रह मजबूत होते हैं, जिससे मानसिक शांति और आर्थिक स्थिरता आती है। उनकी सलाह पर मैंने नियमित रूप से एकादशी व्रत रखना शुरू किया और सच में मेरे जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी का मार्गदर्शन अचूक है!"

 कविता शर्मा (अन्नपूर्णा रोड, इंदौर)

मुझे हमेशा से व्रत रखने में श्रद्धा थी, लेकिन एकादशी व्रत का ज्योतिषीय प्रभाव क्या होता है, यह नहीं जानती थी। एस्ट्रोलॉजर साहू जी ने मुझे बताया कि यह व्रत हमारे ग्रहों को संतुलित करता है और पितृ दोष को भी शांत करता है। उनकी सलाह पर मैंने एकादशी व्रत के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करना शुरू किया और जीवन में अद्भुत परिवर्तन देखे। धन और स्वास्थ्य की समस्याएँ धीरे-धीरे कम होने लगीं। इंदौर में सबसे भरोसेमंद ज्योतिषी, साहू जी को मेरी सच्ची शुभकामनाएँ!"

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