ग्रहों के अनुसार बच्चों की परवरिश का सही तरीका

ग्रहों के अनुसार बच्चों की परवरिश का सही तरीका

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ग्रहों के अनुसार बच्चों की परवरिश

बच्चों के स्वभाव, बुद्धिमत्ता, व्यवहार और भविष्य को आकार देने में ग्रहों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हर बच्चे की जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति उसके मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक विकास को प्रभावित करती है। यदि माता-पिता अपने बच्चों की कुंडली के अनुसार उनकी परवरिश करें, तो वे उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन देकर एक सफल और सुखद भविष्य प्रदान कर सकते हैं।

सूर्य के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे आत्मविश्वासी, नेतृत्व क्षमता से भरपूर, महत्वाकांक्षी और सम्मानप्रिय होते हैं। वे हमेशा आगे बढ़ने की इच्छा रखते हैं और किसी के अधीन काम करना पसंद नहीं करते।

परवरिश का सही तरीका:

  • बच्चे को अनुशासन और आत्मनिर्भरता सिखाएँ।
  • उन्हें अहंकार से बचने और दूसरों की भावनाओं को समझने की सीख दें।
  • नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करवाएँ और तांबे के बर्तन में पानी पिलाएँ।
  • माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को सार्वजनिक जीवन और नेतृत्व में भाग लेने के लिए प्रेरित करें।

चंद्रमा के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे भावुक, संवेदनशील, कल्पनाशील और दयालु होते हैं। इनका मन जल्दी बदलता है और ये जल्दी प्रभावित होते हैं।

परवरिश का सही तरीका:

  • बच्चों को भावनात्मक स्थिरता प्रदान करें और उनका आत्मविश्वास बढ़ाएँ।
  • उन्हें कला, संगीत और लेखन जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में बढ़ावा दें।
  • माता के साथ अच्छा संबंध बनाए रखने के लिए उन्हें माँ के साथ अधिक समय बिताने दें।
  • हर सोमवार को दूध और सफेद मिठाई का सेवन कराएँ और चंद्रमा मंत्र का जाप करवाएँ।

मंगल के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे ऊर्जावान, साहसी, जुझारू और खेल-कूद में रुचि रखने वाले होते हैं। कभी-कभी ये जल्दी गुस्सा भी कर सकते हैं।

परवरिश का सही तरीका:

  • बच्चे की अतिरिक्त ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए उन्हें खेल और व्यायाम में व्यस्त रखें।
  • उन्हें धैर्य और संयम का महत्व सिखाएँ।
  • मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करवाएँ और उन्हें लाल रंग के कपड़े पहनाएँ।
  • भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए उन्हें सिखाएँ कि झगड़े से बचना चाहिए।

बुध के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे बुद्धिमान, तर्कशील, बातचीत में कुशल और नई चीजें सीखने के इच्छुक होते हैं। इनकी स्मरण शक्ति बहुत तेज होती है।

परवरिश का सही तरीका:

  • पढ़ाई में रुचि बढ़ाने के लिए बच्चों को पहेलियाँ, पठन-पाठन और मानसिक खेलों में व्यस्त करें।
  • उनकी वाणी को मधुर बनाए रखने के लिए उन्हें दूसरों के साथ विनम्रता से बात करना सिखाएँ।
  • बुधवार को हरे वस्त्र पहनाएँ और उन्हें तुलसी के पौधे की सेवा करने के लिए प्रेरित करें।
  • गणेश जी की पूजा करवाएँ और उन्हें गणेश मंत्र "ॐ गं गणपतये नमः" का जाप कराएँ।

गुरु के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे धार्मिक, ज्ञानप्रिय, आध्यात्मिक और नैतिकता में विश्वास रखने वाले होते हैं। ये बड़े होकर अच्छे शिक्षक, दार्शनिक या मार्गदर्शक बन सकते हैं।

परवरिश का सही तरीका:

  • बच्चों को अच्छे संस्कार और नैतिक शिक्षा दें।
  • उन्हें धार्मिक ग्रंथों, श्लोकों और ध्यान-योग की आदत डालें।
  • गुरुवार को पीले रंग के वस्त्र पहनाएँ और केले के वृक्ष की पूजा करवाएँ।
  • माता-पिता को खुद अनुशासित और नैतिक होना चाहिए, क्योंकि ये बच्चे अपने माता-पिता से बहुत कुछ सीखते हैं।

शुक्र के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे सुंदरता, कला, संगीत, फैशन और विलासिता की चीजों में रुचि रखते हैं। ये मिलनसार होते हैं और दूसरों से जल्दी घुल-मिल जाते हैं।

परवरिश का सही तरीका:

  • बच्चों को कला, नृत्य, संगीत और अन्य रचनात्मक क्षेत्रों में आगे बढ़ाएँ।
  • उन्हें संयम और बचत की आदत डालें, ताकि वे भौतिक सुखों में ज्यादा न उलझें।
  • शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनाएँ और माँ लक्ष्मी की पूजा करवाएँ।
  • संतुलित जीवन जीने की आदत डालने के लिए उन्हें सादा और सरल जीवन जीने का महत्व समझाएँ।

शनि के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

शनि के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे गंभीर, मेहनती, आत्मनिर्भर और अनुशासनप्रिय होते हैं। ये अपने जीवन में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त करते हैं और धैर्य के साथ काम करने में विश्वास रखते हैं।

परवरिश का सही तरीका:

  • बच्चों को धैर्य और कड़ी मेहनत का महत्व समझाएँ।
  • उन्हें जिम्मेदारी और कर्तव्य का पाठ पढ़ाएँ।
  • शनिवार को काले तिल, तेल और लोहे का दान करवाएँ।
  • हनुमान जी की पूजा करने की आदत डालें और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करवाएँ।

राहु के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे अनिश्चित स्वभाव के होते हैं और जीवन में जल्दी परिवर्तन चाहते हैं। कभी-कभी ये बहुत बुद्धिमान होते हैं, लेकिन कभी-कभी गलत संगति में भी पड़ सकते हैं।

परवरिश का सही तरीका:

  • बच्चों को ध्यान और योग की आदत डालें, ताकि उनका मन शांत रहे।
  • उन्हें अनुशासन और सही दिशा में कार्य करने की प्रेरणा दें।
  • बुधवार को काले कुत्ते को रोटी खिलाएँ और माँ सरस्वती की पूजा करवाएँ।
  • घर में तुलसी का पौधा लगाएँ और बच्चों को उसका ध्यान रखने के लिए कहें।

केतु के प्रभाव में पले-बढ़े बच्चे

लक्षण: ऐसे बच्चे आध्यात्मिक, रहस्यप्रिय और आत्मनिरीक्षण करने वाले होते हैं। इनकी रुचि विज्ञान, गणित और ज्योतिष में हो सकती है।

परवरिश का सही तरीका:

  • बच्चों को ध्यान और प्राणायाम की आदत डालें, ताकि वे मानसिक रूप से मजबूत बनें।
  • उन्हें हमेशा सच बोलने और ईमानदारी से जीवन जीने की प्रेरणा दें।
  • शनिवार को कुत्तों को भोजन कराएँ और बच्चों को आध्यात्मिक शिक्षा दें।
  • माँ दुर्गा की पूजा करवाएँ और प्रतिदिन दुर्गा चालीसा का पाठ करने के लिए प्रेरित करें।

ग्रहों के अनुसार बच्चों की परवरिश करने से वे अपने स्वभाव और प्रवृत्ति के अनुसार सही दिशा में बढ़ सकते हैं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की जन्म कुंडली के आधार पर उनकी रुचियों और स्वभाव को समझें और उसी के अनुसार उनका मार्गदर्शन करें। सही दिशा में दी गई परवरिश बच्चों को एक बेहतर इंसान बनाने में मदद करती है और उनका भविष्य उज्जवल बनाती है।

गाली स्क्वायर, इंदौर के निवासी को ग्रहों के अनुसार बच्चों की परवरिश में मदद मिली!

मेरा नाम सुमन शर्मा है, मैं इंदौर, बंगाली स्क्वायर में रहती हूँ। मेरे बेटे का स्वभाव बहुत चंचल था, वह पढ़ाई में मन नहीं लगाता था और जल्दी गुस्सा हो जाता था। उसकी इन आदतों से मैं चिंतित थी। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरे बेटे की कुंडली का विश्लेषण कर बताया कि मंगल और चंद्रमा का प्रभाव उसके स्वभाव और एकाग्रता को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करवाने, चांदी का कड़ा पहनाने और नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप कराने से उसका स्वभाव संतुलित होगा।

इन उपायों को अपनाने के बाद मेरे बेटे के स्वभाव में सकारात्मक बदलाव आया। वह अब शांत रहता है, पढ़ाई में मन लगाता है और आत्मविश्वास भी बढ़ा है। ग्रहों के अनुसार परवरिश के इन उपायों ने हमारे जीवन को बेहतर बनाया।

विजय नगर, इंदौर के निवासी को बच्चों की परवरिश में ज्योतिषीय मार्गदर्शन से मदद मिली!

मेरा नाम दीपक वर्मा है, मैं विजय नगर, इंदौर में रहता हूँ। मेरे बेटे में आत्मविश्वास की कमी थी और वह सामाजिक गतिविधियों से बचता था। ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी ने बेटे की कुंडली का विश्लेषण कर बताया कि शनि और राहु के प्रभाव से ऐसा हो रहा है। उन्होंने शनिवार को शनि पूजा और मोती रत्न धारण करने की सलाह दी। इन उपायों से मेरे बेटे का आत्मविश्वास बढ़ा और उसका व्यवहार सकारात्मक हो गया।

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