चैत्र नवरात्रि में नवग्रह शांति के लिए विशेष पूजा के उपाय
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चैत्र नवरात्रि में नवग्रह शांति |
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली पर्व है, जब माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। यह समय सकारात्मक ऊर्जा, नई शुरुआत, और ग्रहों को अनुकूल बनाने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस दौरान किए गए विशेष पूजा, हवन, और उपाय से नवग्रह दोष शांत होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
अगर आपकी कुंडली में शनि, राहु, केतु, मंगल, या किसी और ग्रह का दोष है, तो चैत्र नवरात्रि के दौरान सही उपाय करने से इन ग्रहों की शांति और अनुकूलता मिल सकती है।
आइए जानते हैं, नवग्रहों की शांति के लिए चैत्र नवरात्रि के विशेष उपाय ।
सूर्य: की शांति के लिए उपाय
लक्षण: अहंकार, आत्मविश्वास की कमी, करियर में बाधा
उपाय:
- नवरात्रि के दौरान रोज़ सुबह सूर्य को अर्घ्य दें (जल में लाल फूल और गुड़ मिलाकर)।
- लाल कपड़े, गेहूं, और गुड़ का दान करें।
- “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: सरकारी नौकरी, मान-सम्मान, और नेतृत्व क्षमता में वृद्धि।
चंद्रमा:की शांति के लिए उपाय
लक्षण: मानसिक तनाव, अस्थिरता, भावनात्मक समस्याएँ
उपाय:
- सोमवार को शिवलिंग पर दूध अर्पित करें।
- सफ़ेद कपड़े, चावल, और दूध का दान करें।
- “ॐ चं चंद्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: मानसिक शांति, भावनात्मक स्थिरता, और परिवार में सुख-शांति।
मंगल:की शांति के लिए उपाय
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मंगल की शांति |
लक्षण: गुस्सा, दुर्घटनाएँ, रक्त से जुड़ी बीमारियाँ
उपाय:
- मंगलवार को हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएँ।
- मसूर दाल, गुड़, और लाल वस्त्र का दान करें।
- “ॐ भौमाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: ऊर्जा, साहस, और स्वास्थ्य में सुधार।
बुध:की शांति के लिए उपाय
लक्षण: संचार में समस्या, शिक्षा में बाधा, तर्कशक्ति की कमी
उपाय:
- बुधवार को गणेश जी को दूर्वा चढ़ाएँ।
- हरी मूँग, पन्ना, और हरी सब्जियों का दान करें।
- “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: बुद्धि, संवाद कौशल, और शिक्षा में सफलता।
गुरु:की शांति के लिए उपाय
लक्षण: शिक्षा में रुकावट, संतान सुख में देरी, भाग्य में बाधा
उपाय:
- गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें।
- पीले कपड़े, चने की दाल, और हल्दी का दान करें।
- “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: शिक्षा, संतान सुख, और भाग्य में वृद्धि।
शुक्र:की शांति के लिए उपाय
लक्षण: वैवाहिक जीवन में समस्या, भौतिक सुखों की कमी
उपाय:
- शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की पूजा करें।
- सफ़ेद वस्त्र, चावल, और मिठाई का दान करें।
- “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: वैवाहिक सुख, भौतिक सुख, और आर्थिक समृद्धि।
शनि:की शांति के लिए उपाय
लक्षण: देरी, बाधाएँ, नौकरी में अस्थिरता
उपाय:
- शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएँ।
- काले तिल, लोहे, और सरसों के तेल का दान करें।
- “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: करियर में स्थिरता, बाधाओं से मुक्ति, और लंबी उम्र।
राहु:की शांति के लिए उपाय
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राहु की शांति के लिए उपाय |
लक्षण: भ्रम, मानसिक तनाव, अचानक समस्याएँ
उपाय:
- राहु काल के समय दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
- काले तिल, नारियल, और सरसों का दान करें।
- “ॐ राहवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति, और सही निर्णय लेने की शक्ति।
केतु:की शांति के लिए उपाय
लक्षण: अचानक नुकसान, आध्यात्मिक रुकावट, असंतोष
उपाय:
- केतु की शांति के लिए शिवलिंग पर जल चढ़ाएँ।
- नीला कपड़ा, कंबल, और सात प्रकार के अनाज का दान करें।
- “ॐ केतवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
लाभ: आध्यात्मिक विकास, निर्णय क्षमता, और शांति।
विशेष उपाय: नवग्रह शांति के लिए हवन
हवन सामग्री:
- गुड़, तिल, घी, हल्दी, कपूर, चंदन, लौंग, और कपूर।
- नवग्रह मंत्रों का उच्चारण करें और हर ग्रह के लिए उसकी प्रिय सामग्री अर्पित करें।
हवन मंत्र:
“ॐ नवग्रहाय नमः”
लाभ: सभी ग्रहों के दोष शांत, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
चैत्र नवरात्रि एक अत्यंत शुभ समय है, जब माँ दुर्गा की कृपा से ग्रहों के दोषों को शांत किया जा सकता है। सही मंत्र जाप, दान, और हवन करने से नवग्रहों की अनुकूलता बढ़ती है और जीवन में सफलता, समृद्धि, और शांति आती है।
इस नवरात्रि पर सच्ची श्रद्धा और सही विधि से नवग्रह शांति के उपाय करें और अपने जीवन को सकारात्मकता, सौभाग्य, और सुख से भर दें।
रीमा गुप्ता, वाराणसी
चैत्र नवरात्रि में साहू जी ने मुझे नवग्रह शांति के लिए अलग-अलग ग्रहों के मंत्रों का जाप करने को कहा। उनके बताए इस सरल उपाय से मेरे पारिवारिक जीवन में शांति और सुख बढ़ा। साहू जी का मार्गदर्शन अमूल्य है।"
निखिल वर्मा, भोपाल
साहू जी ने मुझे चैत्र नवरात्रि में नवग्रह शांति के लिए विशेष पूजा करने की सलाह दी। उनके बताए उपायों में लाल वस्त्र, फूल और घी का दीपक अर्पण करना शामिल था। पूजा के बाद मेरी कुंडली के दोष शांत हुए और जीवन में सकारात्मकता आई।"