कुंडली दोष के कारण शादी के बाद रिश्तों में तनाव: समाधान और उपाय
शादी के बाद वैवाहिक जीवन में प्रेम, सामंजस्य और खुशहाली हर जोड़े का सपना होता है। लेकिन कई बार अनचाहे कारणों से वैवाहिक संबंधों में तनाव उत्पन्न हो जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली दोष (जैसे मंगल दोष, कालसर्प दोष, पितृ दोष, ग्रहों की अशुभ स्थिति आदि) वैवाहिक जीवन में समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इस लेख में हम कुंडली दोष के कारण उत्पन्न होने वाले वैवाहिक तनाव, उनके समाधान और ज्योतिषीय उपायों पर चर्चा करेंगे।
शादी के बाद रिश्तों में तनाव के प्रमुख कारण
वैवाहिक जीवन में तनाव के पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं, लेकिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
मंगल दोष: यदि कुंडली में मंगल अशुभ स्थान पर हो तो यह विवाह में संघर्ष, झगड़े और गलतफहमी पैदा कर सकता है।
कालसर्प दोष: यह दोष व्यक्ति के जीवन में मानसिक तनाव, अस्थिरता और रिश्तों में दरार उत्पन्न कर सकता है।
पितृ दोष: पूर्वजों के अशुभ कर्मों का प्रभाव दांपत्य जीवन में कष्ट का कारण बन सकता है।
शनि और राहु का प्रभाव: यदि शनि या राहु सप्तम भाव (वैवाहिक जीवन का घर) में हो, तो यह रिश्तों में गलतफहमी और कड़वाहट ला सकता है।
कुंडली मिलान न होना: विवाह से पहले अगर कुंडली का सही मिलान न किया जाए, तो शादी के बाद जीवनसाथी के साथ तालमेल बैठाना मुश्किल हो सकता है।
ग्रहों की महादशा: यदि विवाह के समय अशुभ ग्रहों की दशा या अंतरदशा चल रही हो, तो दांपत्य जीवन प्रभावित हो सकता है।
कुंडली दोषों के ज्योतिषीय समाधान
यदि विवाह के बाद कुंडली दोषों के कारण दांपत्य जीवन में समस्याएं आ रही हैं, तो निम्नलिखित ज्योतिषीय उपाय अपनाए जा सकते हैं:
मंगल दोष निवारण उपाय
हर मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
मंगल ग्रह के उपाय के रूप में मसूर दाल, गुड़ और लाल वस्त्र का दान करें।
मंगल ग्रह की शांति के लिए ‘ऊं अंगारकाय नमः’ मंत्र का जाप करें।
नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा करें और रुद्राभिषेक करवाएं।
प्रत्येक शनिवार को शिवलिंग पर काले तिल और दूध चढ़ाएं।
राहु-केतु शांति मंत्र का जाप करें और राहु-केतु यंत्र धारण करें।
पितृ दोष निवारण
हर अमावस्या को पीपल के पेड़ की पूजा करें और अपने पूर्वजों के नाम से तर्पण करें।
सोमवार को शिवजी की पूजा करें और ‘महा मृत्युंजय मंत्र’ का जाप करें।
अनाथ बच्चों को भोजन कराएं और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करें।
शनि और राहु के प्रभाव को कम करने के उपाय
शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
जरूरतमंदों को काले तिल, काले कपड़े और उड़द दाल का दान करें।
हर शनिवार को शनि मंदिर में जाकर दर्शन करें और शनिदेव के मंत्र का जाप करें।
कुंडली मिलान न होने की स्थिति में उपाय
यदि कुंडली मिलान में दोष आ रहा है, तो विवाह से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से उपाय करवाएं।
विवाह से पहले ‘गणेश पूजन’ और ‘नवग्रह शांति पाठ’ करवाएं।
सप्तपदी विवाह संस्कार को पूर्ण विधि-विधान से करें।
अशुभ ग्रहों की दशा शांत करने के उपाय
नवग्रहों की शांति के लिए हवन और यज्ञ करवाएं।
नियमित रूप से भगवान विष्णु और शिव की आराधना करें।
नवरात्रि, शिवरात्रि और एकादशी का व्रत रखें।
अन्य सरल उपाय जो वैवाहिक जीवन को सुखी बना सकते हैं
रोज सुबह तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें और “ऊं नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
पति-पत्नी को अपने शयनकक्ष में राधा-कृष्ण की तस्वीर लगानी चाहिए।
हर शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा करें और सुहाग सामग्री (सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि) का दान करें।
पति-पत्नी को हमेशा अपनी वाणी में मधुरता रखनी चाहिए और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
रोजाना एक-दूसरे को कोई न कोई उपहार दें, चाहे वह छोटा ही क्यों न हो, इससे रिश्ते में प्रेम बना रहेगा।
सोने से पहले अपने इष्ट देवता का ध्यान करें और दिनभर की गलतियों के लिए क्षमा मांगें।
शादी के बाद वैवाहिक जीवन में यदि तनाव उत्पन्न हो रहा है, तो इसका कारण कुंडली दोष भी हो सकता है। ज्योतिषीय दृष्टि से मंगल दोष, कालसर्प दोष, पितृ दोष और शनि-राहु का प्रभाव वैवाहिक जीवन में परेशानियां ला सकता है। लेकिन सही ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर और संयम रखते हुए इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
रश्मि शुक्ला (विजयनगर, इंदौर)
शादी के बाद मेरे और मेरे पति के बीच लगातार तनाव बना रहता था। छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते थे और आपसी समझ भी कम होती जा रही थी। तब मैंने एस्ट्रोलॉजर साहू जी से परामर्श लिया। उन्होंने मेरी और मेरे पति की कुंडली देखकर बताया कि मंगल दोष और राहु-केतु की दशा के कारण यह समस्या हो रही थी। उनकी सलाह से मैंने कुछ सरल उपाय किए और अब हमारे रिश्ते में पहले से ज्यादा प्यार और सामंजस्य है। इंदौर में अगर कोई अपने वैवाहिक जीवन में शांति चाहता है, तो साहू जी से जरूर मिलें!"
अमित त्रिवेदी (पलासिया, इंदौर)
मेरी शादी के कुछ महीनों बाद ही रिश्तों में तनाव बढ़ने लगा। घर में लगातार कलह रहने लगी थी। फिर मुझे किसी ने एस्ट्रोलॉजर साहू जी के बारे में बताया। जब मैंने उनसे कुंडली दिखवाई, तो उन्होंने बताया कि मेरे ग्रहों की स्थिति वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं थी। उन्होंने मुझे कुछ विशेष मंत्र जाप और पूजा-पाठ करने को कहा। उनके उपाय अपनाने के बाद हमारे रिश्ते में सुधार हुआ और अब हमारा वैवाहिक जीवन खुशहाल है। जो लोग शादी के बाद रिश्तों में समस्याओं से जूझ रहे हैं, उन्हें एक बार साहू जी से सलाह जरूर लेनी चाहिए।"