पिता और संतान के रिश्ते पर सूर्य और शनि का प्रभाव


पिता और संतान के रिश्ते पर सूर्य और शनि का प्रभाव

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सूर्य और शनि का प्रभाव

भारतीय ज्योतिष में ग्रहों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव माना गया है। इन्हीं ग्रहों में सूर्य और शनि का विशेष स्थान है, क्योंकि ये दोनों ही हमारे जीवन के महत्वपूर्ण रिश्तों को प्रभावित करते हैं। विशेष रूप से पिता और संतान के संबंध में इनका प्रभाव अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि सूर्य और शनि ग्रह कैसे पिता और संतान के बीच संबंधों को प्रभावित करते हैं और इसके ज्योतिषीय उपाय क्या हैं।

सूर्य का प्रतीकात्मक महत्व

सूर्य का प्रतीकात्मक महत्व

सूर्य को आत्मा, आत्मविश्वास, नेतृत्व और पिता का कारक माना जाता है। सूर्य की स्थिति कुंडली में दर्शाती है कि व्यक्ति अपने पिता से कितना जुड़ा है और उनके साथ संबंध कैसे हैं।

मजबूत सूर्य के प्रभाव

  • सकारात्मक प्रभाव:
    • पिता और संतान के बीच मधुर संबंध

    • संतान को पिता का मार्गदर्शन और सहयोग मिलता है

    • जीवन में सफलता और सम्मान प्राप्त होता है

  • कमजोर सूर्य के प्रभाव:

    • पिता के साथ मतभेद और दूरियां

    • संतान को पिता का सहयोग कम मिलना

    • आत्मविश्वास की कमी और निर्णय लेने में कठिनाई

सूर्य के उपाय

  • रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य दें

  • लाल वस्त्र और तांबे के सामान का दान करें

  • आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें

शनि का प्रतीकात्मक महत्व

शनि का प्रतीकात्मक महत्व

शनिको कर्म, अनुशासन, न्याय और कठिनाइयों का कारक माना जाता है। शनि की स्थिति कुंडली में दिखाती है कि व्यक्ति को जीवन में कितनी संघर्ष और सबक मिलेंगे।

मजबूत शनि के प्रभाव

  • सकारात्मक प्रभाव:

    • पिता और संतान के बीच सम्मानजनक संबंध

    • अनुशासन और मेहनत से सफलता

    • दीर्घकालिक स्थिरता और समृद्धि

  • कमजोर शनि के प्रभाव:

    • पिता और संतान के बीच दूरियां और गलतफहमियां

    • जीवन में संघर्ष और देरी

    • रिश्तों में कठोरता और भावनात्मक दूरी

शनि के उपाय

  • शनि मंत्र का जाप करें (ॐ शं शनैश्चराय नमः)

  • काले तिल और लोहे का दान करें

  • जरूरतमंदों की सेवा करें

सूर्य और शनि के संयुक्त प्रभाव

जब सूर्यऔर शनि एक ही भाव में होते हैं या एक-दूसरे को दृष्टि देते हैं, तो पिता और संतान के संबंधों में तनाव बढ़ सकता है। इस स्थिति को  ज्योतिषीय में 'पितृ दोष' भी कहा जाता है।

इस दोष के लक्षण

  • पिता और संतान के बीच लगातार मतभेद

  • संतान को जीवन में संघर्ष का सामना

  • पारिवारिक कलह और असंतोष

इस दोष के उपाय

  • पीपल के वृक्ष की पूजा करें

  • सूर्यऔर शनि दोनों के मंत्रों का जाप करें

  • रुद्राभिषेक करवाएं

सूर्यऔर शनि दोनों ग्रह हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर पिता और संतान के संबंधों में। इन ग्रहों की स्थिति और उनके प्रभाव को समझकर हम उचित उपाय कर सकते हैं, जिससे रिश्तों में मधुरता और जीवन में सफलता प्राप्त हो सके। उचित  ज्योतिषीय परामर्श लेकर इन उपायों को अपनाना आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

बापट चौराहे इंदौर, के निवासी को सूर्य और शनि के उपायों से पारिवारिक संबंधों में सुधार!

मेरा नाम विनय चौहान है, मैं बापट चौराहा, इंदौर में रहता हूँ। मेरे और मेरे पिता के बीच हमेशा मतभेद बने रहते थे, चाहे कोई भी विषय हो, हमारी सोच कभी मेल नहीं खाती थी। घर में तनावपूर्ण माहौल रहता था। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली में सूर्य और शनि के संघर्ष को इसकी वजह बताया और विशेष उपाय करने की सलाह दी। जब मैंने सूर्य को जल अर्पित करना और शनि से जुड़े उपाय अपनाने शुरू किए, तो हमारे रिश्ते में सुधार आया, बातचीत सहज हुई और घर में शांति बनी।

स्कीम नंबर 78 इंदौर, के निवासी को ग्रहों के संतुलन से संतान सुख की प्राप्ति!

मेरा नाम अजय वर्मा है, मैं स्कीम नंबर 78, इंदौर में रहता हूँ। कई वर्षों से संतान प्राप्ति में बाधाएँ आ रही थीं। डॉक्टरों की सलाह लेने के बावजूद कोई समाधान नहीं मिल रहा था। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने कुंडली देखकर बताया कि शनि और राहु की दशा संतान सुख में बाधा डाल रही है। उन्होंने मुझे विशेष पूजा और ग्रह शांति के उपाय बताए। उपाय करने के कुछ महीनों बाद ही सकारात्मक परिणाम दिखने लगे और हमें संतान सुख की प्राप्ति हुई।

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Astrologer Sahu Ji
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