क्या सट्टा खेलना कर्म और भाग्य को प्रभावित करता है?

क्या सट्टा खेलना कर्म और भाग्य को प्रभावित करता है? 

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क्या सट्टा खेलना कर्म और भाग्य को प्रभावित करता है? 

सट्टा खेलना, जिसे जुआ, लॉटरी या किसी भी प्रकार की जोखिम भरी वित्तीय गतिविधि कहा जाता है, न केवल व्यक्ति के आर्थिक जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि उसके कर्म और भाग्य पर भी गहरा प्रभाव डालता है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, किसी व्यक्ति का भाग्य और उसका व्यवहार (कर्म) एक-दूसरे से गहराई से जुड़े होते हैं। सट्टा खेलने की प्रवृत्ति, इससे मिलने वाला लाभ या हानि, और इसके दीर्घकालिक प्रभावों को समझने के लिए ज्योतिष एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक साबित हो सकता है।

सट्टा खेलने की प्रवृत्ति और कुंडली का संबंध

कुंडली में कुछ विशेष ग्रह स्थिति यह संकेत देती है कि व्यक्ति सट्टा या जोखिम भरे कार्यों की ओर आकर्षित हो सकता है। इसके पीछे निम्नलिखित ग्रह और भाव मुख्य भूमिका निभाते हैं:

पंचम भाव :

  • पंचम भाव को बुद्धि, सट्टा, और लॉटरी के लिए देखा जाता है। यदि पंचम भाव के स्वामी का संबंध लाभ स्थान (11वें भाव) से हो या शुक्र, बुध, और चंद्रमा इस भाव में हों, तो व्यक्ति सट्टा खेलने में रुचि ले सकता है।

  • पंचम भाव में राहु या केतु होने से व्यक्ति में अनावश्यक जोखिम उठाने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।

अष्टम भाव :
  • अष्टम भाव आकस्मिक लाभ और हानि का प्रतिनिधित्व करता है। यदि यह भाव मजबूत हो, तो व्यक्ति को अचानक बड़ा धन लाभ या हानि हो सकती है।

  • इस भाव में मंगल या राहु का प्रभाव सट्टा के प्रति आकर्षण बढ़ाता है।

एकादश भाव :
  • एकादश भाव को आय और लाभ का स्थान कहा जाता है। यदि यह भाव शुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो व्यक्ति सट्टा से लाभ उठा सकता है।

राहु और केतु का प्रभाव:
  • राहु भ्रम और अति महत्वाकांक्षा का प्रतीक है। कुंडली में यदि राहु पंचम, अष्टम या ग्यारहवें भाव में हो, तो व्यक्ति सट्टा खेलने की प्रवृत्ति रखता है।

  • केतु आध्यात्म और भ्रम का ग्रह है, जो कभी-कभी व्यक्ति को बिना सोचे-समझे जोखिम उठाने के लिए प्रेरित करता है।

शुक्र और बुध का प्रभाव:

  • शुक्र और बुध का पंचम या ग्यारहवें भाव में होना यह दर्शाता है कि व्यक्ति को सट्टा या जुए से धन लाभ हो सकता है।

  • हालांकि, इन ग्रहों पर राहु या शनि की दृष्टि हो, तो लाभ की संभावना कम हो जाती है।

सट्टा खेलना: कर्म और भाग्य का संघर्ष

सट्टा खेलना

सट्टा खेलना न केवल एक आर्थिक गतिविधि है, बल्कि यह हमारे कर्म और भाग्य को भी प्रभावित करता है।

कर्म का प्रभाव:
  • ज्योतिष के अनुसार, हमारे कर्म ही हमारे भाग्य का निर्माण करते हैं। सट्टा खेलना एक प्रकार का अनिश्चित कर्म है, जिसमें व्यक्ति अपने लाभ के लिए जोखिम उठाता है।

  • यदि यह कर्म लालच, धोखे, या दूसरों को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति से प्रेरित है, तो इसका नकारात्मक प्रभाव व्यक्ति के जीवन और भाग्य पर पड़ता है।

भाग्य का प्रभाव:
  • कुंडली में ग्रहोंकी स्थिति यह निर्धारित करती है कि व्यक्ति को सट्टा खेलने से लाभ होगा या हानि।

  • यदि भाग्य स्थान (9वां भाव) मजबूत हो और लाभ स्थान (11वां भाव) शुभ ग्रहों से प्रभावित हो, तो व्यक्ति को सट्टा से लाभ हो सकता है।

धन योग और उसकी भूमिका:
  • यदि कुंडली में धन योग बने हों और शुक्र, बुध, या चंद्रमा मजबूत स्थिति में हों, तो व्यक्ति सट्टा खेलकर धन अर्जित कर सकता है।

  • हालांकि, केवल धन योग होना पर्याप्त नहीं है। व्यक्ति को अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए।

सट्टा के नकारात्मक प्रभाव

आर्थिक नुकसान:

  • कुंडली में यदि राहु, केतु या शनि का प्रभाव अधिक हो, तो सट्टा में धन का नुकसान निश्चित है।

  • पंचम और अष्टम भाव कमजोर हों, तो व्यक्ति को सट्टा में बार-बार हानि हो सकती है।

मानसिक तनाव:

  • सट्टा में हानि के कारण मानसिक तनाव और अवसाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

कर्मों का क्षय:

  • सट्टा खेलना, यदि अनैतिक तरीकों से किया जाए, तो यह व्यक्ति के पुण्य कर्मों को क्षीण कर सकता है।

रिश्तों पर प्रभाव:

सट्टा खेलने से बचने के ज्योतिषीय उपाय

सट्टा खेलने से बचने के ज्योतिषीय उपाय

यदि कुंडली में सट्टा से हानि होने के संकेत हैं, तो निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

मंगल ग्रह को शांत करें:
    • मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल वस्त्र दान करें।

    • गरीबों को मसूर की दाल और गुड़ दान करें।

  • राहु दोष निवारण:

    • शनिवार के दिन राहु के लिए मंत्र "ॐ रां राहवे नमः" का 108 बार जाप करें।

    • काले कुत्ते को भोजन कराएँ।

  • गायत्री मंत्र का जाप:

    • प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जाप करने से मानसिक शांति और सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।

  • चंद्रमा को मजबूत करें:

    • सोमवार को सफेद कपड़े और चावल का दान करें।

    • पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल अर्पित करें।

  • नियमित रूप से गरीबों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें।

क्या सट्टा खेलना सही है?

ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखा जाए, तो सट्टा खेलना किसी भी व्यक्ति के लिए एक अनिश्चित और जोखिम भरा कार्य है। भले ही कुंडली में धन योग बने हों, यह समझना आवश्यक है कि सट्टा से अर्जित धन स्थायी नहीं होता। इसके अलावा, यह व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

सट्टा खेलने के बजाय, व्यक्ति को अपने कर्म और परिश्रम के माध्यम से धन अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए। ईमानदारी और निष्ठा से अर्जित धन ही जीवन में स्थायित्व और संतोष प्रदान करता है।

सट्टा खेलना न केवल व्यक्ति के आर्थिक जीवन को प्रभावित करता है, बल्कि उसके कर्म और भाग्य पर भी गहरा असर डालता है। ज्योतिष के अनुसार, सट्टा से जुड़ी प्रवृत्तियों को नियंत्रित करने के लिए ग्रहों की स्थिति को समझना और उचित उपाय करना आवश्यक है।

सच्चे कर्म और सकारात्मक सोच से भाग्य को बदला जा सकता है। सट्टा से दूरी बनाकर व्यक्ति अपने जीवन को अधिक स्थिर और सुखमय बना सकता है। यदि आपको अपने जीवन में सट्टा, धन हानि, या ग्रह दोषों से संबंधित कोई समस्या हो, तो अनुभवी ज्योतिष से परामर्श अवश्य लें।



दीपक शर्मा, राजेंद्र नगर
मैं लंबे समय से सट्टे में पैसा लगा रहा था, लेकिन कभी लाभ नहीं हुआ। हर बार नुकसान उठाना पड़ता था और आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही थी। जब मैंने एस्ट्रोलॉजर साहू जी से संपर्क किया, तो उन्होंने बताया कि मेरे कुंडली में राहु और केतु का प्रभाव अधिक है, जिससे गलत निर्णय हो रहे हैं। उनकी सलाह पर मैंने सट्टा छोड़कर ग्रहों को शांत करने के उपाय किए। अब मेरा जीवन संतुलित हो गया है और आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी है। सच में, कर्म और भाग्य का संतुलन जरूरी है!"

राजेश चौधरी
मैंने ज्योतिष को पहले ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब सट्टे में बार-बार हारने लगा, तो सोचा कि एस्ट्रोलॉजर साहू जी से सलाह लूँ। उन्होंने बताया कि मेरी कुंडली में चंद्र और मंगल ग्रह अशुभ स्थिति में हैं, जिससे गलत फैसले हो रहे हैं। उनकी सलाह पर मैंने लाल रंग का परहेज किया, मंगलवार का व्रत रखा और हनुमान जी की पूजा शुरू की। नतीजा यह हुआ कि मैंने सट्टे से दूरी बना ली और अब धन की स्थिति भी बेहतर हो गई है। ज्योतिषीय उपाय सच में जीवन बदल सकते हैं!"

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Astrologer Sahu Ji
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