मूलांक और आंखों की रोशनी:
संख्याओं का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। अंक ज्योतिष के अनुसार, हर व्यक्ति का एक मूलांकहोता है, जो उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है। मूलांक से यह भी जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति की आंखों की रोशनी कैसी होगी और उसे दृष्टि से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं या नहीं। यदि किसी व्यक्ति की दृष्टि कमजोर होती है, तो मूलांक के आधार पर कुछ विशेष उपाय करके इसे सुधारा जा सकता है।
मूलांक कैसे निकालें?
आपके जन्म की तारीख के अंकों को जोड़कर मूलांक निकाला जाता है।
उदाहरण:
यदि आपका जन्म 15 मई 1990 को हुआ है, तो मूलांक इस प्रकार निकलेगा:
1+5 = 6 (मूलांक 6)
यदि जन्मतिथि दो अंकों में है (जैसे 29), तो दोनों अंकों को जोड़ें:
2+9 = 11, फिर 1+1 = 2 (मूलांक 2)
अब जानते हैं कि हर मूलांक का आंखों की रोशनी से क्या संबंध है और कौन से उपाय करने चाहिए।
मूलांक 1 (सूर्य का प्रभाव) - तेज दृष्टि लेकिन अधिक स्क्रीन समय से खतरा
प्रभाव:
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ऐसे लोग आमतौर पर अच्छी दृष्टि वाले होते हैं।
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मोबाइल, कंप्यूटर और टीवी स्क्रीन का अधिक उपयोग करने से आंखों में थकावट और ड्राईनेस हो सकती है।
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सूर्य के तेज प्रकाश के कारण माइग्रेन और आंखों में जलन हो सकती है।
उपाय:
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सुबह उठकर सूर्य को जल चढ़ाएँ और लाल रंग के कपड़े पहनें।
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आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए गाजर, टमाटर और बादाम का सेवन करें।
सूर्य मंत्र "ॐ घृणिः सूर्याय नमः" का जाप करें।
मूलांक 2 (चंद्रमा का प्रभाव) - कमजोर दृष्टि और जलयुक्त आंखें
प्रभाव:
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ऐसे लोगों की आंखें आकर्षक होती हैं लेकिन इनमें जलन और धुंधलापन की समस्या हो सकती है।
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अधिक रोशनी या धूप में जाने से आंखों में पानी आ सकता है।
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तनाव और अधिक चिंता से दृष्टि कमजोर हो सकती है।
उपाय:
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चंद्रमा को मजबूत करने के लिए सोमवार का व्रत करें और सफेद वस्त्र पहनें।
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रोज़ रात को गुलाब जल या ठंडे पानी से आंखें धोएं।
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"ॐ चं चंद्राय नमः" मंत्र का जाप करें।
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रोज़ दूध और सौंफ का सेवन करें।
मूलांक 3 (गुरु का प्रभाव) - पढ़ने में रुचि लेकिन चश्मा लगने का खतरा
प्रभाव:
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ऐसे लोग पढ़ाई और शोध में अधिक समय बिताते हैं, जिससे आंखों पर जोर पड़ता है।
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उम्र बढ़ने के साथ चश्मा लगने की संभावना अधिक रहती है।
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लंबे समय तक किताबें पढ़ने से आंखें जल्दी थक सकती हैं।
उपाय:
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सुबह उठकर ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान करें और गुरुवार को पीले रंग के वस्त्र पहनें।
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त्रिफला चूर्ण को रात में भिगोकर सुबह उस पानी से आंखें धोएं।
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"ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें।
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आंवला, केला और हल्दी का सेवन करें।
मूलांक 4 (राहु का प्रभाव) - अचानक दृष्टि कमजोर होने की संभावना
प्रभाव:
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ऐसे लोगों को अचानक आंखों से धुंधला दिखने की समस्या हो सकती है।
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यदि ग्रह नकारात्मक हों, तो चश्मा जल्दी लग सकता है।
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देर रात जागने और गलत आदतों से आंखों की सेहत खराब हो सकती है।
उपाय:
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शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएँ और काले कपड़े पहनें।
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प्रतिदिन त्राटक साधना करें जिससे आंखों की शक्ति बढ़ेगी।
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"ॐ रां राहवे नमः" मंत्र का जाप करें।
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हरी पत्तेदार सब्जियाँ और गिलोय का सेवन करें।
मूलांक 5 (बुध का प्रभाव) - कंप्यूटर यूज़र्स के लिए सतर्कता जरूरी
प्रभाव:
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ये लोग अक्सर कंप्यूटर और मोबाइल का अधिक उपयोग करते हैं, जिससे आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है।
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लगातार स्क्रीन देखने से आंखों में दर्द और जलन हो सकती है।
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मानसिक तनाव से आंखों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
उपाय:
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हरी मूंग की दाल और धनिया का सेवन करें।
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सोने से पहले गुलाब जल डालें और आंखों पर ठंडी पट्टी रखें।
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"ॐ बुं बुधाय नमः" मंत्र का जाप करें।
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कंप्यूटर उपयोग के दौरान 20-20-20 नियम अपनाएँ (हर 20 मिनट बाद 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें)।
मूलांक 6 (शुक्र का प्रभाव) - सुंदर आंखें लेकिन आंखों में एलर्जी की संभावना
प्रभाव:
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ऐसे लोगों की आंखें सुंदर होती हैं लेकिन इनमें जलन, लालिमा और एलर्जी की समस्या हो सकती है।
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बहुत अधिक सजावट या कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग नुकसानदायक हो सकता है।
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चमकदार रोशनी में देखने से आंखों में दर्द हो सकता है।
उपाय:
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शुक्रवार को सफेद वस्त्र धारण करें और श्रीसूक्त का पाठ करें।
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रोज़ गुलाब जल और ठंडे पानी से आंखें धोएं।
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"ॐ शुक्राय नमः" मंत्र का जाप करें।
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दूध, दही और मक्खन का सेवन करें।
मूलांक 7 (केतु का प्रभाव) - आंखों की बीमारियों का खतरा
प्रभाव:
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ऐसे लोगों को आंखों से जुड़ी बीमारियाँ जल्दी हो सकती हैं।
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धूल, धुएँ और रसायनों से आंखों में जलन और खुजली हो सकती है।
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रात्रि में दृष्टि कमजोर होने की संभावना रहती है।
उपाय:
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शनिवार को गाय को भोजन कराएँ और ध्यान करें।
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आँखों की सुरक्षा के लिए नारियल तेल से सिर की मालिश करें।
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"ॐ कें केतवे नमः" मंत्र का जाप करें।
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काजल और आयुर्वेदिक आई ड्रॉप्स का उपयोग करें।