काउंसलिंग फील्ड में सफलता के लिए ज़रूरी ग्रहों की स्थिति और उपाय

काउंसलिंग फील्ड में सफलता के लिए ज़रूरी ग्रहों की स्थिति और   उपाय 

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काउंसलिंग फील्ड में सफलता

काउंसलिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ संवेदनशीलता, संवाद कला, समझदारी और मार्गदर्शन की ज़रूरत होती है। एक सफल काउंसलर बनने के लिए धैर्य, सकारात्मक सोच, सुनने की कला और दूसरों की भावनाओं को समझने की क्षमता बेहद आवश्यक है।

वेदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में ग्रहों की स्थिति यह तय करती है कि आप काउंसलिंग फील्ड में कितने सफल होंगे। सही ग्रहों की अनुकूलता अच्छी संवाद कला, मनोवैज्ञानिक समझ, और दूसरों को मार्गदर्शन देने की योग्यता प्रदान करती है। वहीं, कुछ ग्रहों की अशुभ स्थिति रुकावटें, आत्मविश्वास की कमी और भ्रम पैदा कर सकती है।

इस ब्लॉग में जानिए:

  • काउंसलिंग फील्ड में सफलता दिलाने वाले ग्रह और उनका प्रभाव
  • कुंडली के कौन-से भाव काउंसलिंग से जुड़े हैं?
  • सफल काउंसलर बनने के लिए कुंडली में बनने वाले शुभ योग
  • काउंसलिंग फील्ड में सफलता के ज्योतिषीय उपाय

काउंसलिंग फील्ड में सफलता दिलाने वाले ग्रह और उनका प्रभाव 

चंद्रमा : संवेदनशीलता और भावनाओं का कारक

  • काउंसलिंग में दूसरों की भावनाओं को समझना और सही मार्गदर्शन देना ज़रूरी है — यह गुण चंद्रमा से जुड़ा है।
  • चंद्रमा की शुभ स्थिति व्यक्ति को करुणा, संवेदनशीलता और सहानुभूति देती है।
  • चंद्रमा पंचम (5वें) या नवम (9वें) भाव में हो, तो व्यक्ति को मनोविज्ञान और काउंसलिंग में गहरी समझ मिलती है।

बुध : संवाद कला और तर्कशक्ति का ग्रह

  • काउंसलिंग में स्पष्ट संवाद, प्रभावशाली बोलने की कला और तर्कशील सोच आवश्यक है — यह बुध से मिलता है।
  • बुध की मज़बूत स्थिति व्यक्ति को सुनने, समझने और समस्या सुलझाने में कुशल बनाती है
  • अगर बुध दशम (10वें) या पंचम (5वें) भाव में हो, तो व्यक्ति को काउंसलिंग फील्ड में तेज़ी से सफलता मिलती है।

गुरु : ज्ञान और मार्गदर्शन का प्रतीक

  • काउंसलिंग में ज्ञान, शिक्षा और सही दिशा दिखाने की क्षमता ज़रूरी है — जो गुरु देता है।
  • गुरु की शुभ स्थिति व्यक्ति को समझदारी, न्यायप्रियता और मार्गदर्शन देने की योग्यता देती है।
  • अगर गुरु नवम (9वें) या दशम (10वें) भाव में हो, तो व्यक्ति प्रसिद्ध काउंसलर या मेंटर बन सकता है।

सूर्य : आत्मविश्वास और नेतृत्व का ग्रह

  • एक सफल काउंसलर को नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और प्रेरणादायक व्यक्तित्व की ज़रूरत होती है।
  • सूर्य की मज़बूत स्थिति व्यक्ति को दूसरों को सही दिशा देने और सकारात्मक ऊर्जा फैलाने में मदद करती है।
  • दशम (10वें) भाव में सूर्य होने से व्यक्ति को काउंसलिंग में नाम और प्रतिष्ठा मिलती है।

शुक्र : सौंदर्य, आकर्षण और सौम्यता का कारक

  • काउंसलिंग में शांत और सौम्य व्यवहार, सहानुभूति और संवेदनशीलता की ज़रूरत होती है — जो शुक्र से जुड़ी है।
  • अगर शुक्र पंचम (5वें) या सप्तम (7वें) भाव में हो, तो व्यक्ति को काउंसलिंग में अच्छी पहचान और लोकप्रियता मिलती है।

कुंडली में काउंसलिंग फील्ड से जुड़े ज़रूरी भाव 

कुंडली में काउंसलिंग फील्ड 

 पंचम भाव : शिक्षा और रचनात्मकता का घर

  • पंचम भाव बुद्धि, तर्कशक्ति, संचार कला और सृजनात्मकता को दर्शाता है।
  • अगर इस भाव में बुध, गुरु या चंद्रमा की शुभ स्थिति हो, तो व्यक्ति को काउंसलिंग फील्ड में सफलता मिलती है।

 नवम भाव : मार्गदर्शन और उच्च शिक्षा का भाव

  • नवम भाव शिक्षा, मार्गदर्शन और दूसरों को सही दिशा दिखाने से जुड़ा है।
  • गुरु, सूर्य या बुध नवम भाव में हों, तो व्यक्ति को मनोविज्ञान, शिक्षा और काउंसलिंग में सफलता मिलती है।

दशम भाव : करियर और प्रतिष्ठा का घर

  • दशम भाव व्यक्ति के व्यवसाय, करियर और समाज में स्थान को दर्शाता है।
  • अगर दशम भाव में सूर्य, बुध, गुरु या शुक्र की स्थिति हो, तो व्यक्ति को काउंसलिंग फील्ड में अच्छी पहचान और सम्मान मिलता है।

सप्तम भाव : साझेदारी और लोगों से जुड़ाव

  • काउंसलिंग में लोगों से जुड़ना, उनकी समस्याएँ समझना और समाधान देना आवश्यक है।
  • सप्तम भाव में शुभ ग्रहों की स्थिति व्यक्ति को सफल काउंसलर बनने में मदद करती है।

कुंडली में बनने वाले शुभ योग 

कुंडली में बनने वाले शुभ योग

 गजकेसरी योग:

  • जब गुरु और चंद्रमा केंद्र भाव (1, 4, 7, 10) में होते हैं, तो यह योग बनता है।
  • इस योग से व्यक्ति को मनोविज्ञान, शिक्षण और काउंसलिंग में गहरी समझ मिलती है।

बुधादित्य योग:

  • जब सूर्य और बुध एक साथ होते हैं, तो यह योग बनता है।
  • यह योग व्यक्ति को संवाद कौशल, तर्कशील सोच और मनोविज्ञान में सफलता देता है।

 लक्ष्मी योग:

  • जब गुरु और शुक्र की शुभ स्थिति होती है, तो व्यक्ति को काउंसलिंग में धन, प्रसिद्धि और सफलता मिलती है।

काउंसलिंग फील्ड में सफलता के ज्योतिषीय उपाय

चंद्रमा को करें सशक्त:

  • सोमवार को शिवजी की पूजा करें
  • “ॐ चं चंद्राय नमः” मंत्र का जाप करें
  • सफेद कपड़े पहनें और दूध का दान करें

 बुध की कृपा प्राप्त करें:

  • बुधवार को गणेश जी की पूजा करें
  • हरी मूँग दाल और हरे फलों का दान करें
  • “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें

गुरु को करें मज़बूत:

  • गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें
  • पीले वस्त्र और चने की दाल का दान करें
  • “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जाप करें

काउंसलिंग फील्ड में सफलता के लिए संवेदनशीलता, संवाद कला, मार्गदर्शन और सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक हैं  जो चंद्रमा, बुध, गुरु, सूर्य और शुक्र की शुभ स्थिति से मिलते हैं।

अगर ग्रह प्रतिकूल हों, तो सही ज्योतिषीय उपाय और मंत्र जाप से आप ग्रहों को अनुकूल बना सकते हैं और काउंसलिंग के क्षेत्र में तेज़ी से सफलता पा सकते हैं।



प्रीति चौहान, उज्जैन
मेरी काउंसलिंग स्किल्स तो अच्छी थीं, लेकिन क्लाइंट्स नहीं मिल रहे थे। मनोज साहू जी ने मेरी कुंडली में राहु और गुरु की स्थिति को ठीक करने के उपाय बताए। उनके उपायों से आज मेरी प्रैक्टिस तेजी से बढ़ रही है और मेरी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो गई है। साहू जी का मार्गदर्शन अमूल्य है।"

नेहा शर्मा, इंदौर
काउंसलिंग में करियर बनाने की मेरी इच्छा थी, लेकिन सही दिशा नहीं मिल रही थी। तब मैंने इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी से परामर्श लिया। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बुध और चंद्रमा ग्रह को मजबूत करने के उपाय बताए। साहू जी के मार्गदर्शन से आज मैं एक सफल काउंसलर के रूप में काम कर रही हूं।
  
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