क्या आपकी कुंडली में लव ट्राएंगल का योग है?

क्या आपकी कुंडली में लव ट्राएंगल का योग है?

love triangle in your horoscope-best astrology indore
आपकी कुंडली में लव ट्राएंगल

ज्योतिष शास्त्र में प्रेम, संबंध और विवाह से जुड़े योगों को देखने के लिए विशेष ग्रहों और भावों की स्थिति का विश्लेषण किया जाता है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में एक से अधिक प्रेम संबंध बनते हैं, जिससे लव ट्राएंगल जैसी स्थिति उत्पन्न होती है। लेकिन क्या ये सब सिर्फ संयोग है या आपकी कुंडली में इसके स्पष्ट संकेत होते हैं? आइए जानते हैं इस विषय को विस्तार से।

लव ट्राएंगल के ज्योतिषीय कारक:

लव ट्राएंगल के ज्योतिषीय कारक

सप्तम भाव 

  • यह भाव विवाह और जीवनसाथी का कारक है। अगर सप्तम भाव में राहु, केतु, मंगल या शनि जैसे ग्रह स्थित हों, तो संबंधों में जटिलता और अस्थिरता आती है। सप्तमेश ग्रह की स्थिति और दृष्टि भी यह तय करती है कि आपके वैवाहिक जीवन में कितनी स्थिरता रहेगी।

पंचम भाव 

  • पंचम भाव प्रेम संबंधों को दर्शाता है। यदि पंचम भाव में कई ग्रहों की उपस्थिति हो या यह भाव राहु-केतु से प्रभावित हो, तो व्यक्ति के जीवन में एक से अधिक प्रेम संबंध होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही अगर पंचमेश ग्रह कमजोर स्थिति में हो, तो रिश्तों में धोखा और असमंजस की स्थिति बन सकती है।

राहु और शुक्र की युति:

  • राहु आकर्षण और वासना का प्रतीक है, जबकि शुक्र प्रेम और सौंदर्य का। जब ये दोनों ग्रह एक साथ आते हैं, तो व्यक्ति को प्रेम संबंधों में असमंजस और उलझन का सामना करना पड़ता है। राहु की यह स्थिति व्यक्ति को भौतिक सुखों की ओर खींचती है, जिससे लव ट्राएंगल जैसी परिस्थिति जन्म लेती है।
मंगल और शुक्र का प्रभाव:
  • मंगल ऊर्जा और जुनून का कारक है। जब यह शुक्र के साथ या पंचम-सप्तम भाव पर प्रभाव डालता है, तो व्यक्ति के जीवन में तीव्र प्रेम संबंध बनते हैं, जिनमें लव ट्राएंगल की स्थिति बन सकती है। अगर मंगल अशुभ स्थिति में हो, तो यह संबंधों में आक्रामकता और विवाद भी ला सकता है।
चंद्रमा और राहु का ग्रहण योग:
  • चंद्रमा मन का कारक है। राहु जब चंद्रमा को प्रभावित करता है, तो व्यक्ति की भावनाएँ अस्थिर हो जाती हैं। इससे व्यक्ति एक साथ दो लोगों की ओर आकर्षित हो सकता है। चंद्रमा पर राहु का प्रभाव व्यक्ति को मानसिक तनाव, भ्रम और असमंजस में डालता है।
द्वितीय और अष्टम भाव का प्रभाव:
  • द्वितीय भाव परिवार और वाणी से जुड़ा है, जबकि अष्टम भाव गुप्त संबंधों का कारक है। अगर इन भावों में राहुकेतु या शुक्र की स्थिति हो, तो व्यक्ति के जीवन में गुप्त प्रेम संबंध बनने की संभावना रहती है।

लव ट्राएंगल के प्रभाव:

  • मानसिक तनाव और असमंजस

  • रिश्तों में अस्थिरता और विश्वास की कमी

  • सामाजिक और पारिवारिक समस्याएँ

  • निर्णय लेने में कठिनाई

  • करियर और व्यक्तिगत जीवन पर नकारात्मक प्रभाव

  • आत्मसम्मान में कमी और भावनात्मक असंतुलन

लव ट्राएंगल से बचने के ज्योतिषीय उपाय:

लव ट्राएंगल से बचने के ज्योतिषीय उपाय:

  • शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें और माँ लक्ष्मी की आराधना करें।

  • राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए नारियल का दान करें और शिव जी की पूजा करें।

  • पंचम और सप्तम भाव को मजबूत करने के लिए रत्न धारण करें, लेकिन इसके लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह अवश्य लें।

  • ओम शनैश्चराय नमः और ओम राहवे नमः मंत्र का जाप करें।

  • चंद्रमा को शांत करने के लिए सोमवार को जल में दूध मिलाकर अर्घ्य दें।

  • मंगल के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए हनुमान जी की उपासना करें।

लव ट्राएंगल के मनोवैज्ञानिक पहलू:

लव ट्राएंगल की स्थिति केवल ज्योतिषीय नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक भी है। जब व्यक्ति के मन में अस्थिरता होती है, तो वह एक से अधिक संबंधों में उलझ जाता है। इसलिए ज्योतिषीय उपायों के साथ-साथ आत्मनिरीक्षण और मानसिक स्थिरता पर भी ध्यान देना आवश्यक है।

लव ट्राएंगल जैसी स्थिति सिर्फ भावनाओं का खेल नहीं है, बल्कि आपकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी इसे प्रभावित करती है। सही समय पर ज्योतिषीय परामर्श लेकर उचित उपाय करें, ताकि आपके संबंध मधुर और स्थिर बने रहें। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अपनी कुंडली का सही विश्लेषण कर, सही निर्णय लें और अपने जीवन को सुखद बनाएं। 

भंवरकुआं इंदौर, के निवासी को कुंडली से मिला लव ट्राएंगल का संकेत!

मेरा नाम अजय त्रिपाठी है, मैं भंवरकुआं, इंदौर में रहता हूँ। मेरे प्रेम संबंधों में हमेशा उलझन बनी रहती थी, एक से अधिक रिश्तों में भावनात्मक रूप से जुड़ जाता था, जिससे मानसिक तनाव बढ़ता गया। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि शुक्र और राहु की युति के कारण लव ट्राएंगल की स्थिति बन रही है। उन्होंने शिव पूजा, सफेद वस्त्र धारण करने और शुक्रवार के दिन सुगंधित वस्तुएँ दान करने की सलाह दी। उपाय करने के बाद मेरे प्रेम जीवन में स्थिरता आई और भ्रम की स्थिति खत्म हो गई।

तिलक नगर इंदौर, की निवासी को कुंडली से लव ट्राएंगल की स्थिति का समाधान!

मेरा नाम नीतू अग्रवाल है, मैं तिलक नगर, इंदौर में रहती हूँ। प्रेम संबंधों में हमेशा असमंजस रहता था, कभी पुराने रिश्ते से जुड़ी रहती तो कभी नया रिश्ता जुड़ जाता। इससे मन में अशांति बनी रहती थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से अपनी कुंडली दिखाई। उन्होंने बताया कि मेरी कुंडली में मंगल और शुक्र की युति है, जिससे यह स्थिति बन रही है। उन्होंने मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने, गुलाबी रंग के वस्त्र पहनने और शुक्रवार के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने की सलाह दी। उपायों के बाद मेरा मन स्थिर हुआ और सही जीवनसाथी का चयन कर पाई।

गूगल में जाकर आप हमारे रिव्यू देख सकते हैं

Astrologer Sahu Ji
428, 4th Floor, Orbit Mall
Indore, (MP)
India
Contact:  9039 636 706  |  8656 979 221
For More Details Visit Our Website:

Suggested Post

भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत?

 भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली के कौन से ग्रह होते हैं मजबूत? भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र से कुंडली भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र ...