सूर्य ग्रहण के दौरान किन कार्यों से बचना चाहिए?
सूर्य ग्रहण खगोलीय दृष्टि से एक अद्भुत घटना है, लेकिन भारतीय ज्योतिष और धार्मिक परंपराओं में इसे अशुभ और संवेदनशील समय के रूप में देखा जाता है। सूर्य ग्रहण के समय सूर्य देव की ऊर्जा कमजोर हो जाती है, जो जीवन और प्रकृति पर गहरा प्रभाव डालती है। इस दौरान किए गए कार्यों का प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। अतः ज्योतिषीय नियमों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस अवधि में कुछ कार्यों से बचना चाहिए। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दौरान किन कार्यों से बचा जाए और इससे जुड़ी सावधानियों के बारे में।
सूर्य ग्रहण का ज्योतिषीय महत्व
ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में आ जाते हैं, जिससे सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पातीं।
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कुंडली में सूर्य आत्मा, नेतृत्व, स्वास्थ्य, और पिता का कारक ग्रह है। ग्रहण के समय सूर्य की ऊर्जा कमजोर हो जाती है, जो व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
अशुभ समय (सूतक काल)
सूर्य ग्रहण के पहले और बाद में एक सूतक काल होता है, जो ग्रहण से लगभग 12 घंटे पहले शुरू होता है।
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इस समय को अशुद्ध और अशुभ माना जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान किन कार्यों से बचना चाहिए?
भोजन और जल ग्रहण से बचें
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ग्रहण के दौरान भोजन या जल ग्रहण करना वर्जित माना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार, इस समय नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय रहती है, जो शरीर और मन पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।
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विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को इस समय भोजन करने से बचना चाहिए।
नई शुरुआत से परहेज करें
सूर्य ग्रहण के समय किसी नए कार्य की शुरुआत, जैसे कि व्यापार, संपत्ति खरीदना, या नए प्रोजेक्ट पर काम करना अशुभ माना जाता है।
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यह समय निर्णय लेने के लिए उचित नहीं होता, क्योंकि ग्रहों की ऊर्जा बाधित होती है।
धार्मिक कार्यों से दूर रहें
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सूतक काल और ग्रहण के समय पूजा-पाठ, यज्ञ, और अन्य धार्मिक कार्यों से बचना चाहिए।
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इस समय मंत्र जाप और ध्यान करना अधिक लाभकारी होता है।
सोने और आराम करने से बचें
सूर्य ग्रहण के दौरान सोना या आराम करना वर्जित माना गया है।
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विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं को इस समय सोने से बचना चाहिए, क्योंकि यह गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
खुले आसमान के नीचे न जाएं
ग्रहण के समय सूर्य की किरणों में हानिकारक प्रभाव हो सकता है।
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इस दौरान खुले आसमान के नीचे या ग्रहण को नंगी आंखों से देखने से बचना चाहिए।
नुकीले वस्त्रों और कैंची का प्रयोग न करें
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ग्रहण के समय नुकीले सामान, जैसे कैंची, चाकू, या सुई का उपयोग अशुभ माना जाता है।
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यह गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
गर्भवती महिलाओं के लिए सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां
घर के अंदर ही रहें
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गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।
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उन्हें खुले आसमान के नीचे जाने या ग्रहण देखने से बचना चाहिए।
ध्यान और मंत्र जाप करें
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इस समय धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना और मंत्र जाप करना सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
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यह गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए शुभ होता है।
सिलाई-कढ़ाई से परहेज करें
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गर्भवती महिलाओं को इस समय सुई-धागे का उपयोग नहीं करना चाहिए।
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ऐसा करने से गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
शारीरिक श्रम न करें
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इस समय अधिक शारीरिक श्रम करने से बचें।
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शांत और स्थिर मन से समय बिताएं।
सूर्य ग्रहण के बाद क्या करें?
स्नान करें
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना अनिवार्य है।
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यह अशुद्धता को दूर करने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का तरीका है।
घर की सफाई करें
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ग्रहण के बाद घर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
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यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है।
दान करें
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ग्रहण के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, या धन का दान करना शुभ माना जाता है।
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यह पुण्य प्राप्ति का साधन है।
विष्णु और सूर्य मंत्र का जाप करें
ग्रहण के बाद भगवान विष्णु और सूर्य देव की आराधना करें।
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“ॐ सूर्याय नमः” और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
सूर्य ग्रहण के दौरान ज्योतिषीय उपाय
ग्रहण काल में मंत्र जाप
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ग्रहण के दौरान किसी भी मंत्र का जाप करने से उसका फल कई गुना बढ़ जाता है।
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इस समय “ॐ नमो नारायणाय” या “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करना लाभकारी है।
तुलसी के पत्तों का उपयोग
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ग्रहण से पहले भोजन और जल में तुलसी के पत्ते डाल दें।
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इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है।
दान और पुण्य कार्य
ग्रहण समाप्त होने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें।
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यह ग्रह दोषों को शांत करता है।
कुंडली के ग्रह दोष निवारण के लिए उपाय
सूर्य ग्रहण के वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रभाव
वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें हानिकारक हो सकती हैं।
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इसे नंगी आंखों से देखने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।
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इस दौरान प्रकृति और मानव जीवन पर सूक्ष्म लेकिन महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ते हैं।
राकेश वर्मा (एम.जी. रोड, इंदौर)
पहले मुझे सूर्य ग्रहण के नियमों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन जब मैंने एस्ट्रोलॉजर साहू जी से परामर्श लिया, तो उन्होंने मुझे विस्तार से समझाया कि ग्रहण के दौरान भोजन पकाना, यात्रा करना और महत्वपूर्ण निर्णय लेना अशुभ हो सकता है। उनकी सलाह मानकर मैंने ग्रहण के समय सिर्फ मंत्र जाप किया और जल का सेवन किया। सच में, मैंने महसूस किया कि ग्रहण के बाद ऊर्जा और मनःस्थिति में सकारात्मक बदलाव आया। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी की सलाह बेहद उपयोगी है!"
सविता चौहान (विजय नगर, इंदौर)
पिछले साल सूर्य ग्रहण के दौरान, मैंने एस्ट्रोलॉजर साहू जी की सलाह ली और उन्होंने मुझे ग्रहण के दौरान सोने, खाने और नकारात्मक विचारों से बचने की सलाह दी। इसके अलावा, उन्होंने ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर दान करने का महत्व भी बताया। मैंने यह सब अपनाया और सच में, ग्रहण के बाद मेरी मानसिक स्थिति बहुत हल्की और सकारात्मक महसूस हुई। इंदौर में अगर किसी को सही ज्योतिषीय मार्गदर्शन चाहिए, तो एस्ट्रोलॉजर साहू जी से संपर्क जरूर करें!"