नीलम रत्न धारण करने की सही विधि और महत्व

नीलम रत्न धारण करने की सही विधि और महत्व

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 नीलम रत्न धारण करने की सही विधि

नीलम रत्न ज्योतिष शास्त्र में सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली रत्नों में से एक माना जाता है। यह शनि ग्रह से संबंधित है और इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। नीलम रत्न का प्रभाव बहुत तेज़ होता है, इसलिए इसे पहनने से पहले सही विधि का पालन करना और सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है। यह रत्न सही व्यक्ति को पहनने पर धन, सफलता, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है, लेकिन गलत व्यक्ति के लिए यह नुकसानदायक भी हो सकता है

नीलम रत्न का महत्व

नीलम रत्न शनि ग्रह की ऊर्जा को नियंत्रित करता है, जो कर्म, न्याय, अनुशासन और परिश्रम का प्रतीक है। यह रत्न उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होता है, जो जीवन में बाधाओं, संघर्षों और अस्थिरता का सामना कर रहे हैं।

नीलम रत्न धारण करने के लाभ


  • आर्थिक समृद्धि: यह व्यापार और करियर में सफलता दिलाता है।

  • करियर में उन्नति: प्रमोशन और नौकरी में स्थिरता लाने में सहायक होता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: हड्डियों, नसों और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी समस्याओं को कम करता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा: बुरी नजर, जादू-टोना और शत्रु बाधाओं से बचाव करता है।
  • मानसिक शांति: गुस्सा कम करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: ध्यान और साधना में मदद करता है।

किन लोगों को नीलम रत्न धारण करना चाहिए?

  • मकर  और कुंभ राशि के जातकों के लिए यह अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • यदि शनि  की साढ़े साती या ढैया चल रही हो, तो इसे धारण करना लाभकारी होता है।

  • व्यापारी, वकील, न्यायाधीश, पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए यह रत्न विशेष रूप से उपयोगी होता है।

  • जो लोग बार-बार आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह लाभकारी हो सकता है।

  • जिन लोगों का मन अशांत रहता है और बार-बार असफलता मिल रही हो, वे इसे धारण कर सकते हैं।

कौन लोग इसे धारण न करें?

  • मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशि के जातकों को बिना ज्योतिषीय परामर्श के इसे धारण नहीं करना चाहिए।

  • यदि शनि कुंडली में नीच स्थिति में हो, तो इसे पहनने से बचें।

  • यह बहुत तेज़ी से प्रभाव दिखाता है, इसलिए इसे ट्रायल करके ही पहनना चाहिए।

नीलम रत्न धारण करने की सही विधि

नीलम की शुद्धता और गुणवत्ता का परीक्षण

  • शुद्ध और प्राकृतिक नीलम ही धारण करना चाहिए।

  • इसमें दरारें, धुंधलापन या लाल-पीले धब्बे नहीं होने चाहिए।

  • 5 से 7 कैरेट का नीलम सबसे प्रभावी माना जाता है।

  • सर्वोत्तम नीलम श्रीलंका (सीलोन), बर्मा और कश्मीर का होता है।

धारण करने का सही दिन और समय

  • शनिवार को नीलम धारण करना शुभ होता है।

  • इसे शनिवार के दिन सूर्यास्त के बाद या शनि होरा में धारण करें।

  • इसे धारण करने से पहले 3-4 दिन तक परीक्षण के लिए तकिए के नीचे रखकर सोएं, यदि कोई नकारात्मक संकेत न मिले तो ही इसे पहनें।

धारण करने से पहले शुद्धिकरण प्रक्रिया

  1. एक कटोरी में गंगाजल, कच्चा दूध, शहद और तुलसी के पत्ते मिलाकर उसमें नीलम रत्न को 10-15 मिनट तक रखें।

  2. इसके बाद इसे साफ पानी से धोकर सूखे कपड़े से पोंछ लें।

  3. शनिदेव के सामने दीपक जलाएँ और रत्न को उनके चरणों में रखें।

  4. "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

  5. इसके बाद इसे अंगूठी में धारण करें।

किस धातु में धारण करें?

  • नीलम को चाँदी, पंचधातु या प्लेटिनम में धारण करना सबसे उत्तम होता है।

  • सोने में धारण करना भी संभव है, लेकिन चाँदी को अधिक प्राथमिकता दी जाती है।

कौन सी उँगली में पहनें?

  • नीलम को मध्यमा (मिडिल फिंगर) में पहनना चाहिए, क्योंकि यह शनि ग्रह की उँगली होती है।

नीलम धारण करने के बाद क्या करें?

  • नीलम पहनने के तुरंत बाद शनिदेव के मंदिर जाएँ और तेल का दीपक जलाएँ।

  • गरीबों और जरूरतमंदों को काले तिल, उड़द दाल और लोहे का दान करें।

नीलम धारण करने के बाद दिखने वाले प्रभाव

  • यदि नीलम अनुकूल हो, तो व्यक्ति के जीवन में 24 घंटे से 7 दिनों के भीतर सकारात्मक बदलाव दिखने लगते हैं।

  • धन की प्राप्ति, करियर में उन्नति, स्वास्थ्य में सुधार और मानसिक शांति महसूस होती है।

  • यदि नीलम प्रतिकूल हो, तो व्यक्ति को तुरंत सिरदर्द, बेचैनी, बुरे सपने और अचानक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

यदि नीलम पहनने के बाद कोई नकारात्मक लक्षण दिखें, तो इसे तुरंत उतारकर किसी पवित्र स्थान पर रख दें और किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लें।

नीलम से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

नीलम से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
  • यह सबसे तेज़ असर करने वाला रत्न माना जाता है।

  • नीलम का गलत चुनाव और दोषयुक्त रत्न पहनने से गंभीर समस्याएँ आ सकती हैं।

  • इसे हमेशा प्रमाणित और विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदें।

  • नीलम को साफ रखने के लिए इसे हल्के साबुन और गुनगुने पानी से धोना चाहिए।

नीलम रत्न एक अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली रत्न है, जो शनि ग्रह की ऊर्जा को नियंत्रित करता है। इसे धारण करने से पहले सही परीक्षण और ज्योतिषीय परामर्श लेना बहुत आवश्यक है। सही तरीके से पहनने पर यह व्यक्ति के जीवन में जबरदस्त बदलाव ला सकता है, लेकिन यदि यह प्रतिकूल प्रभाव डालता है, तो यह कठिनाइयाँ भी उत्पन्न कर सकता है। उचित प्रक्रिया और सावधानियों का पालन करके ही इस रत्न को धारण करना चाहिए।


रश्मि तिवारी, जयपुर

मैं लंबे समय से नीलम रत्न पहनना चाहती थी लेकिन सही जानकारी नहीं थी कि इसे कैसे धारण किया जाए। फिर मैंने एस्ट्रोलॉजर साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर मुझे सही वजन और धातु में नीलम पहनने की सलाह दी और विशेष पूजा करने का भी सुझाव दिया। जब मैंने उनके बताए अनुसार शनिवार को इस रत्न को धारण किया, तो जीवन में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास महसूस हुआ। साहू जी का मार्गदर्शन मेरे लिए बहुत लाभकारी रहा।

अभिषेक वर्मा, 

"मैं अपने करियर में कई बाधाओं का सामना कर रहा था और मानसिक तनाव से गुजर रहा था। तब मैंने इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी से परामर्श लिया। उन्होंने मेरी कुंडली का विश्लेषण कर बताया कि शनि की दशा के कारण रुकावटें आ रही हैं और मुझे नीलम रत्न धारण करने की सलाह दी। उनकी बताई हुई विधि के अनुसार, शनिवार को सही मंत्रों के जाप के साथ नीलम रत्न धारण किया। कुछ ही समय में मुझे सकारात्मक बदलाव महसूस होने लगे। साहू जी की गहरी ज्योतिषीय समझ ने मेरे जीवन में नई रोशनी लाई।"

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