शुभ मुहूर्त का महत्व और सही समय पर काम करने के लाभ

शुभ मुहूर्त का महत्व और सही समय पर काम करने के लाभ

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 शुभ मुहूर्त का महत्व 

"सही समय पर किया गया कार्य सफलता की कुंजी होता है।" यह विचार केवल कहावत नहीं बल्कि भारतीय ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण सत्य है। शुभ मुहूर्त का निर्धारण वैदिक ज्योतिष की महत्वपूर्ण विधा है, जो यह बताती है कि किसी भी कार्य को करने के लिए कब सबसे उचित समय होगा। सही समय पर किया गया कार्य सफलता, समृद्धि और शुभ फल प्रदान करता है, जबकि अशुभ समय पर किया गया कार्य कठिनाइयों और असफलताओं का कारण बन सकता है।

शुभ मुहूर्त क्या होता है?

शुभ मुहूर्त क्या होता है

शुभ मुहूर्त का अर्थ है – किसी भी कार्य को करने के लिए वह समय जब ग्रह-नक्षत्र और पंचांग के अनुसार सकारात्मक ऊर्जा चरम पर हो। यह एक ऐसा विशेष कालखंड होता है जिसमें किसी कार्य को आरंभ करने से शुभ और अनुकूल परिणाम प्राप्त होते हैं।

  • "मुहूर्त" शब्द संस्कृत के "मूहूर्तम्" से बना है, जिसका अर्थ होता है 48 मिनट का समय अंतराल
  • हिन्दू धर्म और ज्योतिष में किसी भी शुभ कार्य से पहले पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त का चयन किया जाता है।

शुभ मुहूर्त के निर्धारण के प्रमुख कारक

शुभ मुहूर्त का निर्धारण कई ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर किया जाता है। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित बातें शामिल होती हैं –

तिथि
पंचांग में प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा और अमावस्या तक कुल 30 तिथियाँ होती हैं।
  • इनमें कुछ तिथियाँ शुभ मानी जाती हैं, जैसे – द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, और त्रयोदशी।
  • पूर्णिमा और अमावस्या विशेष कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होती हैं।

वार
हर दिन का एक स्वामी ग्रह होता है, जो उस दिन की ऊर्जा को प्रभावित करता है:
  • रविवारसूर्य (शक्ति और आत्मबल)
  • सोमवारचंद्रमा (शांति और मनोबल)
  • मंगलवारमंगल (साहस और ऊर्जा)
  • बुधवारबुध (बुद्धि और व्यापार)
  • गुरुवार – बृहस्पति (ज्ञान और धर्म)
  • शुक्रवारशुक्र (सौंदर्य और प्रेम)
  • शनिवार शनि (कर्म और अनुशासन)

नक्षत्र 
कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनमें कुछ विशेष कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं –
  • अश्विनी, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, अनुराधा, मृगशिरा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा और रेवती शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने जाते हैं।

योग और करण

योग और करण भी मुहूर्त को प्रभावित करते हैं। शुभ योगों में वृद्धि, आनंद, सुकर्मा, धृति, शुभ और सिद्ध योग प्रमुख हैं।

चंद्रमा की स्थिति

जिस दिन चंद्रमा शुभ राशियों (वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मीन) में होता है, उस दिन कार्य करना लाभदायक होता है।

सूर्य और गुरु की स्थिति

जब सूर्य गुरु के साथ शुभ स्थिति में होता है, तो उस समय कार्य करने से सफलता मिलती है।
गुरु तारा अस्त होने पर विवाह, गृह प्रवेश आदि कार्य नहीं किए जाते।

शुभ मुहूर्त के लाभ

कार्यों में सफलता मिलती है

  • शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य आसानी से पूरे होते हैं और बाधाएं नहीं आतीं।
  • यदि किसी कार्य का शुभारंभ सही समय पर किया जाए तो उसमें लंबे समय तक सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।

जीवन में समृद्धि और सुख-शांति

  • गृह प्रवेश, विवाह, नामकरण, व्यापार शुरू करने आदि के लिए शुभ मुहूर्त चुनने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव

  • मेडिकल ऑपरेशन, दवा शुरू करने या योग साधना प्रारंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

वैवाहिक जीवन में स्थिरता

  • विवाह के लिए सही मुहूर्त चुनने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और सामंजस्य बना रहता है।
  • गलत समय पर विवाह करने से जीवन में तनाव और समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

व्यापार और नौकरी में तरक्की

  • नई नौकरी, पदोन्नति, और व्यापार शुरू करने के लिए सही मुहूर्त का चयन करने से आर्थिक उन्नति और सफलता के अवसर बढ़ जाते हैं।

नकारात्मक ऊर्जा का नाश

  • सही समय पर हवन, पूजा, मंत्र जाप करने से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

वास्तु दोषों का प्रभाव कम होता है

  • शुभ मुहूर्त में घर का निर्माण कार्य या वास्तु परिवर्तन करने से ग्रहों का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

कुछ महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

कुछ महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त

विवाह मुहूर्त: गुरु और शुक्र तारा उदय के समय
गृह प्रवेश: पुष्य, अनुराधा, मृगशिरा, रेवती नक्षत्र में
नया व्यापार: अक्षय तृतीया, दिवाली, विजयदशमी
नामकरण संस्कार: जन्म के 11वें, 21वें, 30वें दिन
मुंडन संस्कार: शुभ तिथि और गुरु-चंद्रमा की अनुकूल स्थिति
नौकरी या प्रमोशन के लिए: बुधवार, गुरुवार, रविवार शुभ माने जाते हैं

शुभ मुहूर्त का महत्व भारतीय संस्कृति और ज्योतिष में बहुत अधिक है।

  • सही समय पर किया गया कार्य जीवन में सफलता, शांति और समृद्धि लाता है जबकि गलत समय पर किया गया कार्य बाधाओं और असफलताओं का कारण बन सकता है।
  • चांग, तिथि, नक्षत्र, ग्रह स्थिति और योगों को देखकर शुभ मुहूर्त का चयन करने से हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

सुभाष नगर, इंदौर के निवासी को शुभ मुहूर्त के अनुसार कार्य करने से सफलता मिली!

मेरा नाम रोहित मिश्रा है, मैं इंदौर, सुभाष नगर में रहता हूँ। मैंने कई बार नया व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई, लेकिन हर बार असफलता ही हाथ लगी। सही समय पर निर्णय लेने में भी दिक्कत हो रही थी। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली का विश्लेषण कर बताया कि कार्य की शुरुआत गलत समय पर करने से बार-बार रुकावटें आ रही हैं। उन्होंने मुझे शुभ मुहूर्त देखकर व्यवसाय शुरू करने, बुधवार के दिन गणेश पूजा करने और घर के मुख्य दरवाजे पर स्वस्तिक का चिन्ह बनाने की सलाह दी। उपाय करने के बाद व्यवसाय में सफलता मिली और आर्थिक स्थिति मजबूत हुई।

बंगाली चौराहा, इंदौर के निवासी को शुभ मुहूर्त के अनुसार घर बदलने से सुख-समृद्धि मिली!

मेरा नाम विनय शर्मा है, मैं इंदौर, बंगाली चौराहा में रहता हूँ। जब मैंने नया घर खरीदा और बिना किसी शुभ मुहूर्त के उसमें प्रवेश किया, तब से पारिवारिक कलह, आर्थिक परेशानियाँ और मानसिक तनाव बढ़ने लगा। घर में किसी न किसी कारण से अशांति बनी रहती थी। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली और वास्तु दोष का विश्लेषण कर बताया कि बिना उचित मुहूर्त के गृह प्रवेश करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ी है। उन्होंने मुझे पुनः गृह प्रवेश के लिए एक शुभ मुहूर्त निकालकर उसमें प्रवेश करने, लक्ष्मी पूजन करने और मुख्य द्वार पर मंगल यंत्र स्थापित करने की सलाह दी। उपाय करने के बाद घर में सुख-शांति आई, आर्थिक स्थिति सुधरी और परिवार में प्रेम बढ़ा।

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