राजनीति में सफल होने के लिए कुंडली में कौन से ग्रह होने चाहिए मज़बूत?

राजनीति में सफल होने के लिए कुंडली में कौन से ग्रह होने चाहिए मज़बूत?

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राजनीति में सफल

राजनीति एक ऐसा क्षेत्र है जहां शक्ति, बुद्धिमत्ता, प्रभाव, निर्णय क्षमता, धैर्य और जनसंपर्क अत्यधिक आवश्यक होते हैं। वेदिक ज्योतिष के अनुसार, राजनीति में सफलता प्राप्त करने के लिए कुछ ग्रहों का मज़बूत और शुभ स्थिति में होना अनिवार्य होता है। सही ग्रह योग और अनुकूल दशाएँ व्यक्ति को जनता के बीच लोकप्रियता, नेतृत्व क्षमता, और सत्ता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करती हैं।

इस लेख में हम यह जानेंगे कि राजनीति में सफल होने के लिए किन ग्रहों का मज़बूत होना आवश्यक है, कौन-कौन से योग और भाव (हाउस) व्यक्ति को उच्च पद तक पहुँचा सकते हैं, और राजनीतिक करियर को चमकाने के ज्योतिषीय उपाय क्या हैं।

राजनीति में सफलता दिलाने वाले प्रमुख ग्रह 

सूर्य – नेतृत्व और सत्ता का कारक 

  • राजनीति में सफल होने के लिए सूर्य का बलवान होना सबसे ज़रूरी है क्योंकि यह सत्ता, आत्मविश्वास, निर्णय क्षमता और नेतृत्व गुणों का प्रतीक है।
  • मजबूत सूर्य व्यक्ति को प्रशंसा, प्रसिद्धि और सरकारी पद दिलाने में मदद करता है।
  • यदि सूर्य कुंडली में मेष, सिंह, या धनु राशि में हो या दशम (10वें) भाव में स्थित हो, तो व्यक्ति एक शक्तिशाली नेता बन सकता है।

कमजोर सूर्य के लक्षण:

  • आत्मविश्वास की कमी
  • निर्णय लेने में कठिनाई
  • सरकारी अधिकारियों से विवाद

सूर्य को मजबूत करने के उपाय:

  • प्रतिदिन सूर्य को जल अर्पित करें और "ॐ सूर्याय नमः" मंत्र का जाप करें।
  • तांबे का कड़ा पहनें और रविवार को गुड़ और गेहूँ का दान करें।

मंगल– साहस और संघर्ष क्षमता का ग्रह 

मंगल
  • राजनीति में सफलता के लिए मंगल का मज़बूत होना आवश्यक है क्योंकि यह साहस, ऊर्जा, रणनीति और संघर्ष क्षमता प्रदान करता है।
  • यदि मंगल कुंडली में मेष, वृश्चिक या मकर राशि में उच्च का हो, तो व्यक्ति जोश से भरा हुआ और निर्णायक होता है।
  • शनि या राहु से पीड़ित मंगल व्यक्ति को आक्रामक, गुस्सैल और अनियंत्रित बना सकता है, जो राजनीति में नुकसानदेह हो सकता है।

कमजोर मंगल के लक्षण:

  • आत्मविश्वास की कमी
  • विवादों में फँसना
  • निर्णय लेने में झिझक

मंगल को मजबूत करने के उपाय:

  • हनुमान जी की उपासना करें और मंगलवार को लाल चंदन का तिलक लगाएँ।
  • मसूर दाल और गुड़ का दान करें।

 गुरु – ज्ञान और नैतिकता का कारक 

  • गुरु ग्रह राजनीति में धर्म, नैतिकता, ज्ञान, शिक्षा और सही दिशा में निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है।
  • यदि गुरु कुंडली में केंद्र (1, 4, 7, 10) या त्रिकोण (5, 9) भाव में स्थित हो, तो व्यक्ति ईमानदार नेता बनता है और जनता में लोकप्रियता प्राप्त करता है।
  • कमजोर गुरु व्यक्ति को भ्रष्टाचार और नकारात्मक छवि की ओर ले जा सकता है।

कमजोर गुरु के लक्षण:

  • गलत निर्णय लेना
  • अनैतिक गतिविधियों में फँसना
  • जनता का समर्थन खो देना

गुरु को मजबूत करने के उपाय:

  • गुरुवार को पीले वस्त्र पहनें और बृहस्पति मंत्र "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" का जाप करें।
  • केले के पेड़ की सेवा करें और चने की दाल का दान करें।

चंद्रमा – जनता का समर्थन और मानसिक संतुलन 

  • चंद्रमा व्यक्ति की भावनात्मक बुद्धिमत्ता, जनता के साथ तालमेल और मानसिक स्थिरता का प्रतीक है।
  • यदि चंद्रमा मजबूत हो और चतुर्थ भाव में शुभ ग्रहों के साथ स्थित हो, तो व्यक्ति जनता से अच्छा संबंध बना सकता है और लोकप्रिय नेता बन सकता है।
  • यदि चंद्रमा राहु, केतु या शनि से पीड़ित हो, तो व्यक्ति मानसिक अस्थिरता और निर्णय लेने में असफलता महसूस करता है।

कमजोर चंद्रमा के लक्षण:

  • जनता का विश्वास खो देना
  • भावनात्मक रूप से अस्थिर रहना
  • गलत समय पर गलत फैसले लेना

चंद्रमा को मजबूत करने के उपाय:

  • प्रतिदिन चंद्रमा को जल अर्पित करें और "ॐ सोम सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें।
  • सोमवार को दूध और चावल का दान करें।

शनि– धैर्य और न्यायप्रियता का ग्रह 

  • शनि ग्रह राजनीति में सफलता के लिए धैर्य, संघर्ष, न्यायप्रियता और अनुशासन प्रदान करता है।
  • यदि शनि मकर, कुंभ या तुला राशि में उच्च का हो, तो व्यक्ति एक सफल राजनेता बन सकता है।
  • यदि शनि कमजोर या अशुभ हो, तो व्यक्ति विवादों, धोखे और भ्रष्टाचार में फँस सकता है

कमजोर शनि के लक्षण:

  • संघर्ष और मेहनत के बावजूद सफलता न मिलना
  • जनता का विरोध सहना
  • कानूनी विवादों में फँसना

शनि को मजबूत करने के उपाय:

  • शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करें और सरसों के तेल का दान करें।
  • श्रमिकों और गरीबों की सेवा करें।

राजनीति में सफलता के लिए जरूरी योग और भाव (हाउस) 

राजनीति

दशम भाव – करियर और प्रतिष्ठा

  • दशम भाव का बलवान होना व्यक्ति को राजनीति में उच्च पद दिलाता है।
  • यदि दशम भाव में सूर्य, मंगल या गुरु स्थित हो, तो व्यक्ति एक प्रभावशाली नेता बन सकता है।

एकादश भाव  – जनता का समर्थन और लाभ

  • यह भाव लोकप्रियता, जनता का समर्थन और राजनैतिक लाभ दर्शाता है।
  • यदि इसमें गुरु, सूर्य या चंद्रमा शुभ स्थिति में हों, तो व्यक्ति को जनता का अपार समर्थन मिलता है।

पंचम और नवम भाव  – भाग्य और नेतृत्व क्षमता

  • पंचम भाव बुद्धिमत्ता और रणनीतिक सोच का कारक है।
  • नवम भाव भाग्य और उच्च विचारधारा से जुड़ा है।
  • इन भावों में गुरु, सूर्य और मंगल की स्थिति शुभ होनी चाहिए।

राजनीति में सफलता पाने के ज्योतिषीय उपाय 

  • रविवार को सूर्य को जल चढ़ाएँ और सूर्य मंत्र का जाप करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी की पूजा करें।
  • पीले वस्त्र धारण करें और गुरुवार को केले के पेड़ की सेवा करें।
  • शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएँ और गरीबों को भोजन कराएँ।
  • नीलम, पुखराज, माणिक या मूंगा रत्न धारण करें (कुंडली अनुसार)।
यदि कुंडली में सूर्य, मंगल, गुरु, चंद्रमा और शनि मजबूत स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति राजनीति में अपार सफलता प्राप्त कर सकता है। सही ग्रह योग और भाव व्यक्ति को जनता के बीच लोकप्रियता, सत्ता, और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करते हैं।



रवि शुक्ला, वाराणसी
साहू जी के मार्गदर्शन के बाद मैंने अपनी कुंडली का विश्लेषण कराया और जाना कि राजनीति में सफल होने के लिए सूर्य और मंगल ग्रह का मजबूत होना जरूरी है। उनके सुझाए गए उपायों को अपनाने के बाद, मेरे व्यक्तित्व में आत्मविश्वास बढ़ा, बोलने की कला निखरी और समाज में सम्मान मिला। अब मेरा राजनीतिक करियर तेजी से आगे बढ़ रहा है। साहू जी का धन्यवाद!"

अर्चना तिवारी, 
"मुझे हमेशा राजनीति में जाने की इच्छा थी, लेकिन राह आसान नहीं थी। साहू जी के परामर्श से मैंने राहु और गुरु ग्रह को मजबूत करने के लिए विशेष अनुष्ठान किए। नतीजतन, मेरे सामाजिक संबंध बेहतर हुए और जनता के बीच मेरी पहचान बनी। आज मैं एक सफल नेता बनने की ओर अग्रसर हूं। धन्यवाद, साहू जी!"

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