मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अंकज्योतिष के उपाय

 मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अंकज्योतिष के उपाय: 

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मानसिक स्वास्थ्य

आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। बढ़ते तनाव, प्रतिस्पर्धा, जिम्मेदारियों और जीवन की अनिश्चितताओं के बीच हमारी मानसिक सेहत कई बार प्रभावित होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी जन्मतिथि और अंकज्योतिष भी आपके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालते हैं?

अंकज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है, जो हमारे जीवन में संख्याओं की ऊर्जा को समझने और संतुलित करने में मदद करता है। आपकी जन्मतिथि से जुड़े मूलांक  और भाग्यांक  आपकी सोच, भावनाएँ, निर्णय लेने की क्षमता और मानसिक स्थिरता को प्रभावित करते हैं। जब इन संख्याओं से जुड़े ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं या असंतुलित होते हैं, तो मानसिक तनाव, चिंता, अवसाद और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं।

इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि आपकी जन्मतिथि से जुड़े अंक आपके मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं और अंकज्योतिष के सरल उपायों से आप अपने मन को कैसे शांत और सकारात्मक रख सकते हैं

अंकज्योतिष और मानसिक स्वास्थ्य का संबंध 

अंकज्योतिष और मानसिक स्वास्थ्य

अंकज्योतिष के अनुसार, हर अंक एक विशेष ग्रह की ऊर्जा को दर्शाता है। यह ऊर्जा हमारे स्वभाव, भावनाओं और मानसिक स्थिरता को तय करती है। अगर यह ऊर्जा संतुलित होती है, तो हम आत्मविश्वासी, खुश और शांत रहते हैं। लेकिन जब ग्रहों की स्थिति बिगड़ती है, तो यह असंतुलन हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है।

  • मूलांक 1 (सूर्य): आत्मविश्वास, नेतृत्व और ऊर्जा का प्रतीक।
  • मूलांक 2 (चंद्रमा): भावनाएँ, संवेदनशीलता और मानसिक स्थिरता।
  • मूलांक 3 (गुरु): ज्ञान, सकारात्मकता और विस्तार।
  • मूलांक 4 (राहु): अस्थिरता, भ्रम और तनाव।
  • मूलांक 5 (बुध): तर्क, संचार और निर्णय क्षमता।
  • मूलांक 6 (शुक्र): प्रेम, सौंदर्य और आनंद।
  • मूलांक 7 (केतु): आत्मचिंतन, रहस्य और आध्यात्मिकता।
  • मूलांक 8 (शनि): कर्म, अनुशासन और धैर्य।
  • मूलांक 9 (मंगल): साहस, ऊर्जा और उत्तेजना।

जब इनमें से किसी अंक की ऊर्जा असंतुलित होती है, तो हमें मानसिक परेशानियाँ, जैसे — घबराहट, अवसाद, अनिर्णय, गुस्सा, चिड़चिड़ापन और तनाव का सामना करना पड़ता है।

जन्मतिथि के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उपाय 

मूलांक 1 (जिनकी जन्मतिथि 1, 10, 19, 28 है)


मूलांक 1 से जुड़े लोग आत्मविश्वासी और नेतृत्व क्षमता वाले होते हैं। जब सूर्य की ऊर्जा असंतुलित होती है, तो ये लोग अहंकारी, चिड़चिड़े और मानसिक रूप से बेचैन हो सकते हैं।

उपाय:

  • रोज़ सुबह तांबे के लोटे में जल, गुड़ और लाल फूल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।
  • लाल, नारंगी और सुनहरे रंग के कपड़े पहनें।
  • "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

मूलांक 2 (जिनकी जन्मतिथि 2, 11, 20, 29 है)


मूलांक 2 चंद्रमा से जुड़ा है, जो भावनाओं और संवेदनशीलता को दर्शाता है। जब चंद्रमा अशुभ होता है, तो व्यक्ति अत्यधिक भावुक, चिंता से ग्रस्त और अवसाद का शिकार हो सकता है।

उपाय:

  • सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएँ।
  • सफेद कपड़े पहनें और सफेद चंदन का तिलक लगाएँ।
  • "ॐ सोम सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें।

मूलांक 3 (जिनकी जन्मतिथि 3, 12, 21, 30 है)


मूलांक 3 गुरु ग्रह से जुड़ा है, जो ज्ञान, सकारात्मकता और संतुलन का प्रतीक है। जब गुरु कमजोर होता है, तो व्यक्ति निर्णय में असमंजस, मानसिक तनाव और निराशा महसूस करता है।

उपाय:

  • गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें और हल्दी का तिलक लगाएँ।
  • पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें।

मूलांक 4 (जिनकी जन्मतिथि 4, 13, 22, 31 है)

मूलांक 4

मूलांक 4 राहु से जुड़ा है, जो भ्रम, अनिश्चितता और अस्थिरता का कारक है। राहु की अशुभ दशा से मानसिक बेचैनी और डर बढ़ सकता है।

उपाय:

  • शनिवार को काले तिल, नारियल और सरसों के तेल का दान करें।
  • हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।
  • "ॐ रां राहवे नमः" मंत्र का जाप करें।

मूलांक 5 (जिनकी जन्मतिथि 5, 14, 23 है)


बुध से जुड़े लोग अत्यधिक सोचने वाले होते हैं। जब बुध कमजोर होता है, तो व्यक्ति को घबराहट, असमंजस और नकारात्मक सोच सताने लगती है।

उपाय:

  • बुधवार को गणेश जी को दूर्वा (हरी घास) चढ़ाएँ।
  • हरी मूंग और हरे कपड़े का दान करें।
  • "ॐ बुं बुधाय नमः" मंत्र का जाप करें।

मूलांक 6 (जिनकी जन्मतिथि 6, 15, 24 है)


शुक्र ग्रह सौंदर्य और सुख का प्रतीक है। असंतुलन की स्थिति में व्यक्ति को असंतोष, थकान और अवसाद घेर लेता है।

उपाय:

  • शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की पूजा करें।
  • सफेद चावल, दही और सफेद मिठाई का दान करें।
  • "ॐ शुक्राय नमः" मंत्र का जाप करें।

मूलांक 7 (जिनकी जन्मतिथि 7, 16, 25 है)


केतु से जुड़े लोग विचारशील और आध्यात्मिक होते हैं। जब केतु अशुभ होता है, तो व्यक्ति को अकेलापन, भय और अस्थिरता महसूस होती है।

उपाय:

  • कुत्ते को रोटी खिलाएँ।
  • शनिवार को कंबल और नारियल का दान करें।
  • "ॐ कें केतवे नमः" मंत्र का जाप करें।

मूलांक 8 (जिनकी जन्मतिथि 8, 17, 26 है)


शनि की अशुभ दशा से व्यक्ति को निराशा, तनाव और आत्मग्लानि महसूस होती है।

उपाय:

  • शनिवार को पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
  • काले तिल और उड़द दाल का दान करें।
  • "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करें।

मूलांक 9 (जिनकी जन्मतिथि 9, 18, 27 है)


मंगल की ऊर्जा अधिक होने पर गुस्सा, चिड़चिड़ापन और मानसिक असंतुलन बढ़ जाता है।

उपाय:

  • मंगलवार को हनुमान जी को लाल चोला चढ़ाएँ।
  • मसूर दाल और गुड़ का दान करें।
  • "ॐ अं अंगारकाय नमः" मंत्र का जाप करें।

मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ एक स्थिर और स्वस्थ मन की स्थिति नहीं है, बल्कि यह हमारे पूरे जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है। आज के दौर में, जब ज़िंदगी की रफ़्तार तेज़ है और प्रतिस्पर्धा हर मोड़ पर है, मानसिक शांति बनाए रखना एक चुनौती बन गया है। अंकज्योतिष  इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक है, जो हमारे व्यक्तित्व, सोच, निर्णय और भावनाओं पर प्रभाव डालने वाली ऊर्जाओं को समझने और संतुलित करने में मदद करता है।

आपकी जन्मतिथि से जुड़ा मूलांक और भाग्यांक केवल संख्याएँ नहीं हैं, बल्कि ये आपके स्वभाव, मानसिक स्थिति और जीवन की दिशा को नियंत्रित करने वाली ऊर्जाओं का प्रतीक हैं। जब ये संख्याएँ और उनसे जुड़े ग्रह संतुलित रहते हैं, तो व्यक्ति मानसिक रूप से शांत, आत्मविश्वासी और सकारात्मक रहता है। लेकिन जब ये असंतुलित होते हैं, तो चिंता, अवसाद, गुस्सा, अनिर्णय और असंतोष जैसी समस्याएँ जन्म लेती हैं।



नेहा जैन, विजय नगर, इंदौर

मैं लंबे समय से तनाव और बेचैनी महसूस कर रहा था। कई प्रयासों के बाद भी मानसिक शांति नहीं मिल रही थी। तभी मैंने इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी जन्मतिथि के आधार पर अंकज्योतिष का विश्लेषण किया और मुझे कुछ खास उपाय बताए। रोजाना 5 नंबर से जुड़े मंत्रों का जाप, हरे रंग का उपयोग और एक विशेष क्रिस्टल धारण करने की सलाह दी। इन उपायों से मेरी मानसिक स्थिति में काफी सुधार हुआ। साहू जी की सलाह ने मुझे नई ऊर्जा और सुकून दिया।

अमित वर्मा, बापट स्क्वेयर, इंदौर

मेरी लाइफ में नेगेटिविटी और स्ट्रेस बहुत बढ़ गया था। किसी भी काम में मन नहीं लगता था। फिर मैंने इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली और अंकज्योतिष के जरिए मेरी समस्याओं को समझा और मुझे 3 नंबर से जुड़े उपाय करने की सलाह दी। रोजाना विशिष्ट मंत्रों का जाप, पीले रंग के वस्त्र और क्रिस्टल का उपयोग करने से मेरी सोच में बदलाव आया और मानसिक शांति मिली। साहू जी के उपाय सच में चमत्कारी हैं।

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