क्या मंगल ग्रह आपको गुस्सैल बनाता है?

 

क्या मंगल ग्रह आपको गुस्सैल बनाता है?

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क्या मंगल ग्रह आपको गुस्सैल बनाता है

मंगल ग्रह को ज्योतिष में ऊर्जा, साहस, जुनून और गुस्से का प्रतीक माना जाता है। यह ग्रह व्यक्ति के स्वभाव, निर्णय क्षमता और जीवन में संघर्ष को प्रभावित करता है। कई बार लोगों को यह महसूस होता है कि उनका गुस्सा काबू में नहीं रहता, और इसकी वजह उनकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति हो सकती है। आइए जानते हैं कि मंगल ग्रह कैसे व्यक्ति को गुस्सैल बनाता है और इसे नियंत्रित करने के उपाय क्या हैं।

मंगल ग्रह का ज्योतिषीय महत्व

मंगल को नवग्रहों में सेनापति का स्थान प्राप्त है। यह साहस, शक्ति, आत्मविश्वास और प्रतिस्पर्धा का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल का स्वभाव उग्र है, इसलिए जब यह कुंडली में अशुभ स्थान पर होता है, तो व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन, गुस्सा और आक्रामकता बढ़ सकती है।

कुंडली में मंगल की स्थिति और गुस्सा

कुंडली में मंगल

लग्न भाव में मंगल

जब मंगल प्रथम भाव (लग्न) में होता है, तो व्यक्ति का स्वभाव अत्यधिक उग्र और जिद्दी हो सकता है। ऐसे व्यक्ति जल्दी गुस्से में आ जाते हैं और अपनी बात मनवाने के लिए अड़ जाते हैं।

चतुर्थ भाव में मंगल

चतुर्थ भाव में मंगल होने से घरेलू जीवन में तनाव बना रहता है। व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर भड़क सकता है, जिससे परिवार में अशांति होती है।

सप्तम भाव में मंगल

सप्तम भाव में मंगल वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है। ऐसे व्यक्ति अपने जीवनसाथी से जल्दी नाराज़ हो सकते हैं और रिश्तों में तनाव बना रहता है।

अष्टम भाव में मंगल

अष्टम भाव में स्थित मंगलव्यक्ति को अत्यधिक गुस्सैल और रहस्यमयी बनाता है। ऐसे लोग अपने गुस्से को लंबे समय तक दबाकर रखते हैं, जो अचानक विस्फोट के रूप में सामने आता है।

द्वादश भाव में मंगल

द्वादश भाव में मंगलव्यक्ति के धैर्य को कमजोर करता है। ऐसे व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़े हो जाते हैं और दूसरों से अनावश्यक विवाद करते हैं।

मंगल ग्रह से प्रभावित व्यक्तित्व की विशेषताएं

  • आक्रामकता: निर्णय लेने में जल्दबाज़ी और आक्रामक रवैया।

  • अधीरता: धैर्य की कमी और छोटी-छोटी बातों पर नाराज़गी।

  • जिद्दीपन: अपनी बात पर अड़े रहना, भले ही वह गलत हो।

  • प्रतिस्पर्धी स्वभाव: हमेशा दूसरों से आगे रहने की इच्छा।

मंगल ग्रह के गुस्से को शांत करने के उपाय

 गुस्से को शांत करने के उपाय

मंगल मंत्र का जाप

हर मंगलवार को "ॐ अंगारकाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे मंगल ग्रह शांत होता है।

हनुमान जी की पूजा

मंगल ग्रह को शांत करने के लिए हनुमान जी की आराधना करें और सुंदरकांड का पाठ करें।

लाल रंग से बचाव

मंगल का रंग लाल है, इसलिए ज्यादा लाल रंग के कपड़े या वस्त्र पहनने से बचें।

रत्न धारण

मंगल ग्रह के लिए मूंगा रत्न धारण करें, लेकिन इसे किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह के बाद ही पहनें।

दान करना

मंगलवार को मसूर दाल, गुड़, लाल कपड़े और तांबे के बर्तन का दान करें। इससे मंगल ग्रह की अशुभता कम होती है।

योग और ध्यान

गुस्से को नियंत्रित करने के लिए रोज़ाना योग और ध्यान करें। यह मन को शांत रखने में मदद करता है।

मंगल ग्रह आपके साहस और ऊर्जा का स्रोत है, लेकिन जब इसकी स्थिति अशुभ होती है, तो यह गुस्से और आक्रामकता को बढ़ावा देता है। कुंडली में मंगल की सही स्थिति जानने और उसके उपाय करने से आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं और जीवन में शांति और संतुलन बनाए रख सकते हैं।

सुखलिया इंदौर, के निवासी को मंगल ग्रह के प्रभाव से गुस्से की समस्या!

मेरा नाम अजय वर्मा है, मैं सुखलिया, इंदौर में रहता हूँ। मुझे हमेशा गुस्सा बहुत जल्दी आ जाता था, छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन रहता था, जिससे रिश्तों में भी तनाव बढ़ने लगा। जब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया, तो उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि मेरी कुंडली में मंगल ग्रह अत्यधिक प्रभावी है और यह मेरी क्रोध की प्रवृत्ति का कारण बन रहा है। उन्होंने मुझे हनुमान चालीसा का पाठ करने, तांबे के बर्तन में पानी पीने और मंगलवार के दिन मसूर की दाल का दान करने की सलाह दी। इन उपायों को अपनाने के बाद मेरे स्वभाव में सकारात्मक बदलाव आया, गुस्सा कम हुआ और मानसिक शांति का अनुभव हुआ।

बाणगंगा इंदौर, के निवासी को मंगल ग्रह के प्रभाव से गुस्से और झगड़ों की समस्या!

मेरा नाम दीपक चौहान है, मैं बाणगंगा, इंदौर में रहता हूँ। मुझे बचपन से ही गुस्सा बहुत आता था, जिसके कारण पारिवारिक और सामाजिक रिश्ते प्रभावित होने लगे। कई बार तो बात इतनी बढ़ जाती थी कि विवाद तक की नौबत आ जाती थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया, जिन्होंने मेरी कुंडली का विश्लेषण किया और बताया कि मंगल ग्रह अत्यधिक प्रभावशाली है, जिससे गुस्सा, आक्रामकता और विवादों की स्थिति बनी रहती है। उन्होंने मुझे मूंगा रत्न धारण करने, मंगलवार का व्रत रखने और हनुमान जी की आराधना करने की सलाह दी। इन उपायों को अपनाने के बाद मेरा गुस्सा नियंत्रित हुआ, रिश्तों में मधुरता आई और मानसिक शांति बनी।

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