क्या वास्तु शास्त्र से परिवार में प्रेम बढ़ाया जा सकता है?

 क्या वास्तु शास्त्र से परिवार में प्रेम बढ़ाया जा सकता है?

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वास्तु शास्त्र से परिवार में प्रेम

वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जो हमारे घर, जीवन और परिवेश में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद करता है। परिवार में प्रेम, सामंजस्य और शांति बनाए रखने के लिए सही वास्तु का पालन बहुत महत्वपूर्ण है। सही दिशा, सही व्यवस्था और सही ऊर्जा का संचार हमारे रिश्तों को मजबूत बनाता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि कैसे वास्तु शास्त्र के माध्यम से परिवार में प्रेम और सद्भावना बढ़ाई जा सकती है।

वास्तु शास्त्र और परिवार में प्रेम का संबंध

वास्तु शास्त्र और परिवार में प्रेम का संबंध

घर की सही दिशा और ऊर्जा

घर की दिशा और उसमें बहने वाली ऊर्जा हमारे जीवन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, तो परिवार के सदस्यों में प्रेम और स्नेह बना रहता है।

  • पूर्व दिशा: यह सूर्य की दिशा है, जो नई शुरुआत और ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिशा में पूजा घर या लिविंग रूम होने से घर में खुशहाली रहती है।

  • उत्तर-पूर्व दिशा: इसे ईशान कोण कहा जाता है और इसे सबसे पवित्र दिशा माना जाता है। इस दिशा में पानी का स्रोत होना शुभ होता है।

शयन कक्ष की व्यवस्था

  • पति-पत्नी का कमरा: दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में स्थिरता और प्रेम बना रहता है।

  • बेड की स्थिति: बेड इस तरह रखा जाना चाहिए कि सोते समय सिर दक्षिण दिशा की ओर हो। इससे रिश्तों में मधुरता बनी रहती है।

रसोई घर की स्थिति

वास्तु शास्त्र में रसोई घर को बहुत महत्व दिया गया है। रसोई में बनने वाला भोजन पूरे परिवार को ऊर्जा देता है।

  • रसोई की दिशा: दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में रसोई बनाना शुभ होता है।

  • चूल्हे की स्थिति: चूल्हा इस तरह रखा जाए कि खाना बनाते समय मुख पूर्व दिशा की ओर हो।

रंगों का प्रभाव

वास्तु शास्त्रमें रंगों का भी बहुत महत्व है। सही रंग घर में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं।

  • लिविंग रूम: हल्के रंग जैसे सफेद, क्रीम, हल्का पीला या गुलाबी शांति और प्रेम का संचार करते हैं।

  • शयन कक्ष: हल्के गुलाबी, लाइट ग्रीन और स्काई ब्लू रंग वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ाते हैं।

सजावट और आंतरिक व्यवस्था

  • तस्वीरें: घर में परिवार की खुशहाल तस्वीरें लगाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

  • मिरर (दर्पण): दर्पण को उत्तर या पूर्व दीवार पर लगाएं।

  • फर्नीचर: भारी फर्नीचर को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें।

पौधों और फव्वारे का महत्व

  • तुलसी का पौधा: उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं।

  • फव्वारा: बहता पानी समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

प्रकाश व्यवस्था

  • सूरज की रोशनी: घर में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी होनी चाहिए।

  • दीपक और मोमबत्तियां: उत्तर-पूर्व दिशा में जलाएं।

वास्तु दोष और उनके समाधान

  • वास्तु दोष निवारण: पिरामिड, विंड चाइम्स और क्रिस्टल बॉल का उपयोग करें।

  • दरवाजे और खिड़कियों की स्थिति: मुख्य द्वार को साफ और सुसज्जित रखें।

अतिरिक्त शीर्षक और बिंदु

घर की सफाई

घर की सफाई और सजावट का प्रभाव

साफ-सुथरा और सजा हुआ घर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे परिवार में प्रेम और शांति बनी रहती है।

प्रवेश द्वार पर सजावट

मुख्य द्वार पर तोरण, स्वस्तिक और रंगोली लगाने से घर में खुशहाली आती है।

फोटो फ्रेम और पेंटिंग्स का महत्व

घर में खुशहाल परिवार की तस्वीरें लगाने से प्रेम बढ़ता है। युद्ध या उदासी वाली पेंटिंग्स से बचना चाहिए।

लाइटिंग और रोशनी की भूमिका

घर में पर्याप्त रोशनी होना ज़रूरी है। अंधेरे कोने नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।

खिड़कियों और वेंटिलेशन की स्थिति

अच्छी वेंटिलेशन और खिड़कियों से ताज़ी हवा और सूरज की रोशनी आती है, जो घर के माहौल को सकारात्मक बनाती है।

सुगंध का महत्व

घर में सुगंधित अगरबत्ती, धूप या एसेंशियल ऑयल्स का प्रयोग करने से वातावरण शांत और खुशहाल रहता है।

घड़ी की दिशा

वास्तु के अनुसार, घड़ी को उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है। इससे समय के साथ प्रगति होती है।

दरवाजों और खिड़कियों की संख्या

सम संख्या में दरवाजे और खिड़कियां होना शुभ माना जाता है। यह घर में संतुलन और सकारात्मकता लाता है।

क्रिस्टल बॉल और विंड चाइम का उपयोग

विंड चाइम और क्रिस्टल बॉल्स घर में सकारात्मक ऊर्जा और मधुरता को बढ़ाते हैं।

फर्नीचर का आकार और डिज़ाइन

गोल और अंडाकार फर्नीचर को घर में रखना शुभ होता है, जिससे रिश्तों में मिठास बनी रहती है।

वास्तु शास्त्र के माध्यम से परिवार में प्रेम, शांति और सकारात्मकता बढ़ाई जा सकती है। घर की सही दिशा, रंग, सजावट और ऊर्जा का सही संचार रिश्तों में मधुरता और प्रेम बनाए रखता है।

स्कीम नंबर 78 इंदौर, के निवासी को वास्तु उपाय से परिवार में प्रेम और सौहार्द्र प्राप्त हुआ!

मेरा नाम अजय वर्मा है, मैं स्कीम नंबर 78, इंदौर में रहता हूँ। हमारे घर में अक्सर तनाव रहता था, परिवार के सदस्य एक-दूसरे से दूरी बना रहे थे और आपसी समझ की कमी महसूस हो रही थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने हमारे घर का वास्तु विश्लेषण किया और बताया कि हमारे घर का मुख्य द्वार और पूजा स्थान सही दिशा में नहीं हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बाधित हो रही है। उनकी सलाह पर मुख्य द्वार पर मंगलकारी तोरण लगाया, पूजा स्थान को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित किया और कुछ अन्य उपाय किए। इसके बाद से घर में प्रेम, सौहार्द्र और शांति का वातावरण बना रहने लगा। परिवार के सदस्यों में परस्पर सहयोग और स्नेह बढ़ गया।

सुदामा नगर इंदौर, के निवासी को वास्तु शास्त्र से पारिवारिक रिश्तों में मधुरता का अनुभव!

मेरा नाम पवन मिश्रा है, मैं सुदामा नगर, इंदौर में रहता हूँ। हमारे परिवार में कई महीनों से अनबन चल रही थी, बिना किसी विशेष कारण के ग़लतफहमियाँ बढ़ रही थीं। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से परामर्श लिया। उन्होंने बताया कि घर में वास्तु दोष के कारण नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ रहा है। उनकी सलाह पर हमने घर में हल्के रंगों का उपयोग किया, उत्तर-पूर्व दिशा में तुलसी का पौधा लगाया और परिवार के बैठने की जगह को सही दिशा में व्यवस्थित किया। इन छोटे-छोटे बदलावों के बाद से घर में प्रेम और आपसी समझ में बढ़ोतरी हुई, पारिवारिक रिश्ते पहले से अधिक मजबूत हो गए। 

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