अचानक रिश्तों में तनाव बढ़ने के पीछे के ज्योतिषीय कारण:

अचानक रिश्तों में तनाव बढ़ने के पीछे के ज्योतिषीय कारण:

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अचानक रिश्तों में तनाव

रिश्ते हमारे जीवन का सबसे खूबसूरत और संवेदनशील हिस्सा होते हैं। चाहे वो पति-पत्नी का रिश्ता हो, प्रेम संबंध हो, दोस्ती हो या परिवार के साथ जुड़ाव — इन सबका आधार विश्वास, प्यार और समझ है। लेकिन कई बार सब कुछ सही होने के बावजूद अचानक रिश्तों में तनाव, झगड़े, गलतफहमियाँ और दूरी बढ़ने लगती है। यह सिर्फ हालातों या स्वभाव की वजह से नहीं होता — इसके पीछे कई बार ज्योतिषीय कारण भी होते हैं।

ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार, हमारे जीवन में होने वाली घटनाओं, विचारों और भावनाओं पर ग्रहों का गहरा प्रभाव पड़ता है। जब ग्रहों की स्थिति अशुभ होती है या उनका गोचर प्रतिकूल होता है, तो यह रिश्तों में असमंजस, क्रोध और भावनात्मक असंतुलन पैदा कर सकता है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि अचानक रिश्तों में तनाव बढ़ने के ज्योतिषीय कारण क्या हैं, कौन-से ग्रह इसका प्रभाव डालते हैं, और इन समस्याओं को दूर करने के सरल ज्योतिषीय उपाय क्या हैं। 

रिश्तों में तनाव बढ़ाने वाले ज्योतिषीय कारण 

मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति 

  • मंगल ऊर्जा, क्रोध, अहंकार और आक्रामकता का ग्रह है। अगर कुंडली में मंगल सप्तम भाव (विवाह भाव) या चंद्रमा पर दृष्टि डालता है, तो व्यक्ति के स्वभाव में अत्यधिक गुस्सा और अधीरता आ सकती है।
  • मंगल दोष के कारण पति-पत्नी के बीच झगड़े, अलगाव या गलतफहमियाँ बढ़ सकती हैं।
  • मंगल और राहु की युति भी आक्रामकता और आवेग को बढ़ाती है, जिससे रिश्तों में अस्थिरता आती है।

 राहु का प्रभाव

  • राहु भ्रम, संदेह और गलतफहमी का कारक है। जब राहु सप्तम भाव, पंचम भाव (प्रेम भाव) या चंद्रमा के साथ युति करता है, तो रिश्तों में शक, असुरक्षा और अविश्वास पैदा होता है।
  • राहु के गोचर के दौरान भी रिश्तों में अचानक तनाव बढ़ सकता है।
  • राहु की वजह से व्यक्ति गलत निर्णय ले सकता है, जिससे रिश्तों में दूरी और टकराव बढ़ता है।

शनि की अशुभ दृष्टि

  • शनि धैर्य, स्थिरता और कर्म का ग्रह है। जब शनि सप्तम भाव, चतुर्थ भाव (घर-परिवार) या चंद्रमा पर दृष्टि डालता है, तो रिश्तों में ठंडापन, कठोरता और संवाद की कमी आती है।
  • शनि की साढ़े साती या ढैया के दौरान भी रिश्तों में तनाव, दूरी और गलतफहमी बढ़ने की संभावना रहती है।
  • शनि कभी-कभी पुराने मुद्दों को बार-बार उठाने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है, जिससे झगड़े लंबे समय तक चलते हैं।

चंद्रमा की कमजोर स्थिति 

चंद्रमा की कमजोर 

  • चंद्रमा मन, भावनाएँ और मानसिक शांति का प्रतीक है। जब चंद्रमा राहु, केतु या शनि के साथ युति करता है, तो व्यक्ति भावनात्मक रूप से अस्थिर हो जाता है।
  • चंद्रमा की अशुभ स्थिति मूड स्विंग्स, क्रोध, असुरक्षा और अवसाद को बढ़ाती है, जिससे रिश्तों में अनावश्यक विवाद होते हैं।

 शुक्र ग्रह की अशुभ स्थिति

  • शुक्र प्रेम, आकर्षण, वैवाहिक सुख और संतुलन का कारक है। जब शुक्र राहु, केतु या शनि के साथ युति करता है, तो रिश्तों में असंतोष, दूरी और अविश्वास बढ़ता है।
  • अगर शुक्र 6th, 8th या 12th भाव में हो, तो वैवाहिक जीवन में तनाव, असंतोष और विश्वास की कमी बनी रहती है।

रिश्तों में तनाव के संकेत 

  • पति-पत्नी के बीच बार-बार झगड़े और मतभेद।
  • प्रेम संबंधों में अचानक दूरी या ब्रेकअप।
  • परिवार के सदस्यों के साथ संवाद की कमी और गलतफहमियाँ।
  • दोस्तों के साथ रिश्ते में कड़वाहट और मनमुटाव।
  • व्यक्तिगत जीवन में मानसिक तनाव और अकेलापन।

रिश्तों में तनाव को दूर करने के ज्योतिषीय उपाय 

 मंगल दोष का समाधान:

  • मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें
  • मंगलवार को मसूर दाल और गुड़ का दान करें
  • “ॐ अंगारकाय नमः” मंत्र का जाप करें (108 बार)।

राहु के प्रभाव को शांत करें:

  • सफेद तिल और नारियल को जल में प्रवाहित करें
  • शनिवार को काले तिल, लोहे और सरसों के तेल का दान करें
  • “ॐ राहवे नमः” मंत्र का जाप करें

शनि के अशुभ प्रभाव को कम करें:

  • शनिवार को पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएँ और सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।
  • “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
  • गरीबों को काले वस्त्र और उड़द दाल का दान करें

चंद्रमा को मजबूत करें:

  • सोमवार को शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित करें
  • “ॐ चंद्राय नमः” मंत्र का जाप करें
  • सफ़ेद चंदन का तिलक लगाएँ

 शुक्र को संतुलित करें:

  • शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की पूजा करें और सफेद वस्त्र पहनें।
  • “ॐ शुं शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
  • सफ़ेद मिठाई का दान करें

वास्तु उपाय: सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएँ 

वास्तु उपाय
  • दक्षिण-पश्चिम दिशा में गुलाबी फूल रखें — यह रिश्तों में प्यार और सामंजस्य बढ़ाता है।
  • सोने का कमरा उत्तर दिशा में न रखें — इससे रिश्तों में तनाव बढ़ता है।
  • रोज़ घर में कपूर जलाएँ — इससे नेगेटिव एनर्जी दूर होती है

रिश्तों में आने वाला तनाव केवल विचारों और व्यवहार का परिणाम नहीं, बल्कि ग्रहों की स्थिति का प्रभाव भी होता है। अगर आपके जीवन में अचानक रिश्तों में दरार, विवाद और भावनात्मक दूरी बढ़ रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।

सही ज्योतिषीय उपाय, मंत्र और साधना से आप ग्रहों को शांत कर सकते हैं और रिश्तों में सुख-शांति और प्रेम ला सकते हैं। याद रखें, सकारात्मक सोच, संवाद और सच्ची भावना भी किसी भी रिश्ते को मजबूत करने के लिए ज़रूरी हैं।


रोहन गुप्ता, विजय नगर, इंदौर
रिश्तों में बढ़ता तनाव कई बार ग्रहों की स्थिति के कारण होता है। शनि, राहु, और मंगल के अशुभ योग रिश्तों में गलतफहमियों, बहस और दूरियों को जन्म देते हैं। इंदौर के विजय नगर के रोहन गुप्ता ने एस्ट्रोलॉजर साहू जी से परामर्श लिया। उनकी कुंडली का विश्लेषण कर साहू जी ने सही उपाय बताए, जैसे विशेष मंत्र जाप और रत्न धारण। इन उपायों से उनके रिश्ते में प्यार और समझदारी वापस आ गई। साहू जी की सलाह से वह बहुत खुश हैं।

नेहा शर्मा, मालवीय नगर, जयपुर
रिश्तों में अचानक तनाव बढ़ने का कारण कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति होती है। खासतौर पर शनि, राहु और मंगल के अशुभ प्रभाव से पारिवारिक जीवन में विवाद और गलतफहमियां बढ़ जाती हैं। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी ने मेरी कुंडली का विश्लेषण कर सही समाधान दिए। उनके बताए उपायों, जैसे ग्रह शांति पूजा और रत्न धारण से मेरे रिश्तों में फिर से प्यार और सामंजस्य लौट आया। साहू जी की सलाह से मैं बहुत संतुष्ट हूं।


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