कुंडली में प्रोफेसर बनने के योग

कुंडली में प्रोफेसर बनने के योग: शिक्षा और ज्ञान के मार्ग की ज्योतिषीय पहचान 

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 कुंडली में प्रोफेसर बनने के योग

प्रोफेसर बनना सिर्फ एक नौकरी नहीं, बल्कि ज्ञान, मार्गदर्शन और सम्मान का प्रतीक है। इस पेशे में व्यक्ति विद्या, शोध और शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंडली में कुछ विशेष ग्रह और योग व्यक्ति के शिक्षक या प्रोफेसर बनने की संभावना को दर्शाते हैं?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शिक्षा, विद्या, ज्ञान और उच्च शिक्षा से जुड़े ग्रह जैसे गुरु, बुध और शुक्र की स्थिति इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे

  • कुंडली में प्रोफेसर बनने के संकेत कौन-से हैं?
  • कौन-से ग्रह और भाव शिक्षा के क्षेत्र में सफलता देते हैं?
  • प्रोफेसर बनने के लिए कौन-से ज्योतिषीय उपाय कारगर हैं?

प्रोफेसर बनने के लिए ज़रूरी ग्रह और उनका प्रभाव 

गुरु : ज्ञान और शिक्षा का ग्रह 

  • गुरु उच्च शिक्षा, विद्या, शोध और मार्गदर्शन का प्रतीक है।
  • प्रोफेसर बनने के लिए गुरु की मज़बूत स्थिति बहुत ज़रूरी है।
  • नवम (9वें), दशम (10वें) और पंचम (5वें) भाव में गुरु हो, तो व्यक्ति शिक्षा और अध्यापन में सफलता पाता है।

बुध : बुद्धि और संवाद का कारक 

  • बुध तार्किक क्षमता, संचार कला और विश्लेषण का प्रतीक है।
  • प्रोफेसर बनने के लिए बुद्धि और विचारों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने की क्षमता ज़रूरी होती है, जो बुध देता है।
  • बुध की शुभ स्थिति व्यक्ति को स्पष्ट वक्ता और कुशल शिक्षक बनाती है।

शुक्र : रचनात्मकता और सौंदर्यबोध का ग्रह 

  • शुक्र कला, सौंदर्य और रचनात्मकता का प्रतीक है।
  • कलात्मक विषय पढ़ाने वाले प्रोफेसर (जैसे संगीत, कला, साहित्य) के लिए शुक्र की स्थिति महत्वपूर्ण है।
  • शुक्र पंचम या दशम भाव में हो, तो व्यक्ति को रचनात्मक क्षेत्रों में अध्यापन का अवसर मिलता है।

 सूर्य : सम्मान और नेतृत्व का प्रतीक 

  • सूर्य प्रतिष्ठा, नेतृत्व और उच्च पद का कारक है।
  • शिक्षा जगत में उच्च पद, जैसे प्रोफेसर या प्रधानाचार्य, के लिए सूर्य की मज़बूत स्थिति ज़रूरी है।

कुंडली में प्रोफेसर बनने के लिए ज़रूरी भाव 

कुंडली में प्रोफेस

पंचम भाव: विद्या और बुद्धि का भाव 

  • पंचम भाव शिक्षा, ज्ञान और रचनात्मकता को दर्शाता है।
  • इस भाव में गुरु, बुध या शुक्र की मज़बूत स्थिति व्यक्ति को अच्छा शिक्षक या प्रोफेसर बनाती है।

नवम भाव : उच्च शिक्षा और भाग्य का भाव 

  • नवम भाव उच्च शिक्षा, शोध, धर्म और मार्गदर्शन का प्रतीक है।
  • गुरु, सूर्य या बुध नवम भाव में हों, तो व्यक्ति को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है।

दशम भाव : करियर और प्रतिष्ठा का भाव 

  • दशम भाव व्यवसाय, करियर और समाज में स्थान को दर्शाता है।
  • अगर दशम भाव में गुरु, बुध, शुक्र या सूर्य हों, तो व्यक्ति को शिक्षक, प्रोफेसर या मार्गदर्शक बनने का अवसर मिलता है।

प्रोफेसर बनने के लिए कुंडली में बनने वाले शुभ योग 

 गजकेसरी योग: 

  • जब गुरु और चंद्रमा केंद्र भाव (1, 4, 7, 10) में होते हैं, तो यह योग बनता है।
  • इस योग से व्यक्ति को ज्ञान, प्रतिष्ठा और शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है।

बुधादित्य योग: 

  • जब सूर्य और बुध एक साथ होते हैं, तो यह योग बनता है।
  • यह योग तेज़ दिमाग, संवाद कला और शिक्षण क्षमता को दर्शाता है।

लक्ष्मी योग: 

  • जब गुरु और शुक्र मज़बूत स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को विद्या, धन और सम्मान मिलता है।
  • यह योग उच्च शिक्षा और शिक्षण में सफलता दिलाने में मदद करता है।

प्रोफेसर बनने के लिए ज्योतिषीय उपाय 

प्रोफेसर 

गुरु को करें मज़बूत: 

  • गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें
  • “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
  • पीले वस्त्र और चने की दाल का दान करें

बुध को करें अनुकूल: 

  • बुधवार को गणेश जी की पूजा करें
  • “ॐ बुं बुधाय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
  • हरी मूँग दाल और हरे फलों का दान करें

सूर्य को सशक्त करें: 

  • रोज़ सुबह सूर्य को जल अर्पित करें
  • “ॐ घृणि सूर्याय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
  • लाल चंदन का तिलक लगाएँ

शुक्र को करें मज़बूत: 

  • शुक्रवार को माँ लक्ष्मी की पूजा करें
  • “ॐ शुक्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें
  • सफ़ेद कपड़े और मिठाई का दान करें

प्रोफेसर बनने के लिए शिक्षा, ज्ञान, संयम और सही दिशा में मेहनत बहुत ज़रूरी है, लेकिन अगर ग्रहों की स्थिति अनुकूल न हो, तो सफलता में रुकावटें आ सकती हैं। कुंडली में गुरु, बुध, सूर्य और शुक्र की मज़बूत स्थिति और नवम, दशम और पंचम भाव का सशक्त होना इस दिशा में सफलता दिला सकता है।

अगर ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल है, तो सही ज्योतिषीय उपाय, मंत्र जाप और दान के ज़रिए आप ग्रहों को अनुकूल बना सकते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित स्थान पा सकते हैं।


अंजलि शुक्ला, ग्वालियर

मनोज साहू जी से परामर्श लेने के बाद मुझे अपने करियर के बारे में सही दिशा मिली। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि मेरे पंचम और नवम भाव में शुभ ग्रहों की स्थिति है, जो शिक्षा क्षेत्र में सफलता का संकेत देती है। उनके बताए उपाय करने के बाद मुझे कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी मिली। साहू जी का मार्गदर्शन सच में अद्भुत है।

विनय तिवारी, सागर

मैं लंबे समय से प्रोफेसर बनने की तैयारी कर रहा था, लेकिन सफलता नहीं मिल रही थी। इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी मनोज साहू जी ने मेरी कुंडली देखकर बताया कि बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने की जरूरत है। उनके उपाय करने के बाद मुझे यूनिवर्सिटी में लेक्चरर की नौकरी मिल गई। साहू जी को दिल से धन्यवाद।

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Astrologer Sahu Ji
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