क्या आपकी कुंडली में मोक्ष योग है?

क्या आपकी कुंडली में मोक्ष योग है? 

Moksha Yoga in your Kundli-best astrology indore
कुंडली में मोक्ष योग

भारतीय ज्योतिष में मोक्ष योग का विशेष महत्व है। मोक्ष का अर्थ है आत्मा का बंधनों से मुक्त होकर परमात्मा में लीन हो जाना। हर व्यक्ति के जीवन में मोक्ष प्राप्ति एक महत्वपूर्ण लक्ष्य होता है। आपकी कुंडली में मौजूद  ग्रहों  और उनकी स्थिति यह संकेत देते हैं कि क्या आपके जीवन में मोक्ष योग बनता है या नहीं। आइए विस्तार से जानते हैं कि कुंडली में मोक्ष योग के क्या संकेत होते हैं और इस योग को कैसे समझा जा सकता है।

मोक्ष योग का अर्थ और महत्व

मोक्ष योग का अर्थ और महत्व

मोक्ष योग क्या है?

मोक्ष योग वह विशेष ज्योतिषीय संयोग है जो आत्मा को सांसारिक बंधनों से मुक्त कर परमात्मा से मिलन की ओर ले जाता है। कुंडली में 12वें, 8वें और 4थे भाव की स्थिति इस योग के बनने में अहम भूमिका निभाती है।

मोक्ष योग का आध्यात्मिक महत्व

मोक्ष योग व्यक्ति को आध्यात्मिकता की ओर अग्रसर करता है। इस योग से प्रभावित व्यक्ति भौतिक सुखों से ज्यादा आत्मिक सुख को महत्व देता है।

कुंडली में मोक्ष योग के प्रमुख संकेत

12वें भाव की भूमिका

12वां भाव मोक्ष का भाव माना जाता है। इस भाव में शुभ ग्रहों की उपस्थिति व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाती है।

8वें भाव का प्रभाव

8वां भाव रहस्यों और परिवर्तन का प्रतीक है। यहां पर  ग्रहों की स्थिति व्यक्ति की आध्यात्मिक यात्रा को प्रभावित करती है।

4थे भाव की शांति

4था भाव मानसिक शांति और संतोष का प्रतीक है। इस भाव में शुभ  ग्रहों की स्थिति से मोक्ष योग को बल मिलता है।

कौन से ग्रह बनाते हैं मोक्ष योग?

केतु

केतु को मोक्ष का कारक ग्रह माना जाता है।कुंडली में इसकी शुभ स्थिति मोक्ष योग को मजबूत बनाती है।

बृहस्पति

बृहस्पति ज्ञान और आध्यात्म का प्रतीक है। इसकी स्थिति व्यक्ति के मोक्ष मार्ग को प्रशस्त करती है।

चंद्रमा

चंद्रमा मन का कारक है। शांत और स्थिर चंद्रमा आध्यात्मिक उन्नति को दर्शाता है।

मोक्ष योग में राहु और केतु का प्रभाव

राहु का भ्रम

राहु सांसारिक मोह और भटकाव को दर्शाता है। इसकी अनुचित स्थिति मोक्ष योग में बाधा डाल सकती है।

केतु की स्वतंत्रता

केतु मोक्ष मार्ग पर ले जाने वाला  ग्रहों है। इसकी सकारात्मक स्थिति व्यक्ति को आध्यात्मिकता की ओर बढ़ाती है।

मोक्ष योग को कैसे मजबूत बनाएं?

मोक्ष योग को कैसे मजबूत बनाएं

मंत्र जाप

  • महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें।

  • गायत्री मंत्र से मानसिक शांति प्राप्त करें।

ध्यान और साधना

नियमित ध्यान और योग से मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति होती है।

दान और सेवा

जरूरतमंदों की सेवा और दान से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

प्रसिद्ध ज्योतिषीय उपाय

रत्न धारण

  • पुखराज (बृहस्पति के लिए)

  • गोमेद (केतु के लिए)

व्रत और उपवास

एकादशी और पूर्णिमा के व्रत से मोक्ष मार्ग प्रशस्त होता है।

कुंडली में मोक्ष योग जीवन के अंतिम और सर्वोच्च लक्ष्य को दर्शाता है। यदि आपकी कुंडली में मोक्ष योग है, तो इसका सही मार्गदर्शन और साधना आपके जीवन को सफल और सार्थक बना सकती है। इस विषय में अधिक जानकारी और कुंडली विश्लेषण के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।


बिचोली मर्दाना इंदौर, के निवासी को मोक्ष योग के संकेत मिले!

मेरा नाम अशोक त्रिपाठी है, मैं बिचोली मर्दाना, इंदौर में रहता हूँ। आध्यात्मिकता की ओर हमेशा झुकाव रहा, लेकिन मन में शांति नहीं थी। जीवन में भौतिक चीज़ों से संतुष्टि नहीं मिल रही थी और ध्यान व साधना में बाधाएँ आ रही थीं। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली का विश्लेषण कर बताया कि बारहवें भाव में केतु और गुरु की युति मोक्ष योग बना रही है, लेकिन चंद्रमा की स्थिति मानसिक भटकाव पैदा कर रही थी। साहू जी ने महामृत्युंजय मंत्र जप, नियमित ध्यान और पूर्णिमा के दिन व्रत रखने की सलाह दी। इन उपायों को करने के बाद मानसिक शांति बढ़ी, ध्यान में गहरी अनुभूति हुई और आध्यात्मिक प्रगति का अनुभव हुआ।

कांचनबाग इंदौर, के निवासी को मोक्ष योग के संकेत और शांति का अनुभव!

मेरा नाम सुरेश जोशी है, मैं कांचनबाग, इंदौर में रहता हूँ। जीवन के सुख-साधन होने के बावजूद हमेशा एक अधूरेपन का अनुभव होता था। मेरा मन सांसारिक चीज़ों से हटकर आध्यात्म की ओर आकर्षित था, लेकिन गहरी शांति नहीं मिल रही थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि बारहवें भाव में केतु और चंद्रमा की स्थिति मोक्ष योग बना रही है, लेकिन राहु के प्रभाव के कारण मानसिक स्थिरता बाधित हो रही थी। उन्होंने गायत्री मंत्र जाप, एकादशी व्रत और शिव पूजा करने की सलाह दी। इन उपायों को करने से मन की बेचैनी कम हुई, ध्यान में स्थिरता आई और आध्यात्मिक शांति का अनुभव होने लगा।

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