क्या गलत दिशा में रसोई होने से परिवार में कलह बढ़ता है?

 

क्या गलत दिशा में रसोई होने से परिवार में कलह बढ़ता है?

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वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की रसोई का स्थान परिवार के सुख-शांति और समृद्धि पर गहरा प्रभाव डालता है। गलत दिशा में बनी रसोई न केवल स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डालती है, बल्कि पारिवारिक संबंधों में भी तनाव और कलह का कारण बन सकती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि किस दिशा में रसोई बनानी चाहिए, गलत दिशा में रसोई के क्या दुष्प्रभाव होते हैं, और इससे बचाव के उपाय क्या हैं।

रसोई की सही दिशा का महत्व

रसोई की सही दिशा

आग्नेय कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) में रसोई का लाभ

आग्नेय कोण को रसोई के लिए सबसे शुभ दिशा माना जाता है। यह दिशा अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है, जो ऊर्जा, उत्साह और स्वास्थ्य का प्रतीक है। इस दिशा में रसोई बनाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और परिवार के सदस्यों में प्रेम और सामंजस्य रहता है।

उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई के दुष्प्रभाव

वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई बनाना अत्यंत अशुभ माना जाता है। यह दिशा जल तत्व की है और अग्नि और जल का मेल तनाव, रोग और आर्थिक समस्याओं को बढ़ाता है। इस दिशा में रसोई होने से पारिवारिक कलह, मानसिक अशांति और संतान पक्ष से समस्याएं हो सकती हैं।

दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोई का असर

दक्षिण-पश्चिम दिशा को स्थिरता और शक्ति की दिशा माना जाता है। इस दिशा में रसोई बनाने से घर के मुखिया की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और निर्णय क्षमता कमजोर होती है। साथ ही, इस दिशा में बनी रसोई परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव को जन्म देती है।

गलत दिशा में रसोई होने के लक्षण

परिवार में अनावश्यक कलह

गलत दिशा में रसोई होने से घर में छोटी-छोटी बातों पर झगड़े बढ़ने लगते हैं। परिवार के सदस्यों में आपसी सामंजस्य की कमी हो जाती है।

स्वास्थ्य समस्याएं

गलत दिशा में रसोई होने से घर के सदस्यों को पेट से संबंधित बीमारियां, रक्तचाप और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

आर्थिक नुकसान

वास्तु दोष के कारण घर में धन की कमी बनी रहती है और आय के स्रोत बाधित होते हैं। खर्चे बढ़ जाते हैं और बचत मुश्किल हो जाती है।

रसोई के वास्तु दोष दूर करने के उपाय

वास्तु दोष दूर करने के उपाय

दिशा सुधार के उपाय

यदि रसोई गलत दिशा में बनी है, तो उस दिशा के दोष को दूर करने के लिए रसोई में पीला बल्ब लगाएं और दीवारों को हल्के रंग से रंगें।

अग्नि तत्व को संतुलित करें

रसोई में गैस स्टोव को आग्नेय कोण में रखें और पानी का स्रोत (सिंक) उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। इससे अग्नि और जल तत्व के बीच संतुलन बना रहेगा।

क्रिस्टल पिरामिड का प्रयोग

वास्तु दोष को कम करने के लिए रसोई में क्रिस्टल पिरामिड रखें। यह नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर सकारात्मकता बढ़ाता है।

रसोई की सही दिशा का चुनाव न केवल घर के वास्तु को सुधारता है, बल्कि परिवार के सुख-शांति और समृद्धि को भी बनाए रखता है। गलत दिशा में बनी रसोई के दुष्प्रभावों से बचने के लिए वास्तु के इन सरल और प्रभावी उपायों को अपनाएं और अपने घर को खुशहाल बनाएं।

स्कीम नंबर 54 इंदौर, के निवासी को रसोई की सही दिशा से परिवार में शांति का अनुभव!

मेरा नाम सुरेश वर्मा है, मैं स्कीम नंबर 54, इंदौर में रहता हूँ। पिछले कुछ महीनों से हमारे परिवार में बार-बार झगड़े और तनाव की स्थिति बनी हुई थी। छोटी-छोटी बातों पर कलह हो जाती थी, जिससे मानसिक शांति भंग हो गई थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि हमारी रसोई उत्तर-पूर्व दिशा में बनी है, जो वास्तु दोष का कारण बन रही थी। उनकी सलाह अनुसार हमने रसोई में कुछ वास्तु सुधार किए और दक्षिण-पूर्व दिशा में गैस चूल्हा स्थापित किया। कुछ ही दिनों में घर का माहौल शांत हो गया, आपसी प्रेम बढ़ा और मानसिक तनाव भी कम हुआ।

मालवीय नगर इंदौर, के निवासी को वास्तु उपाय से पारिवारिक कलह से मुक्ति!

मेरा नाम नवीन अग्रवाल है, मैं मालवीय नगर, इंदौर में रहता हूँ। हमारे घर में हमेशा किसी न किसी बात पर बहस और झगड़े होते थे। परिवार के सदस्य एक-दूसरे की बातों को नज़रअंदाज़ करने लगे थे। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से इस बारे में चर्चा की। उन्होंने बताया कि हमारी रसोई दक्षिण-पश्चिम दिशा में थी, जो वास्तु के अनुसार अशुभ मानी जाती है। उन्होंने हमें कुछ सरल उपाय सुझाए, जिन्हें अपनाने के बाद घर का माहौल पूरी तरह बदल गया। अब परिवार में आपसी प्रेम और समझ बनी हुई है, और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगा है।

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