गजकेसरी योग सफलता और प्रसिद्धि दिलाने वाला दुर्लभ और शुभ योग
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गजकेसरी योग सफलता |
भारतीय ज्योतिष में कई ऐसे शुभ योगों का वर्णन है जो व्यक्ति के जीवन में समृद्धि, सफलता और प्रसिद्धि लाते हैं। इन्हीं में से एक है गजकेसरी योग — एक शक्ति, ज्ञान और ऐश्वर्य प्रदान करने वाला अत्यंत दुर्लभ और महत्वपूर्ण योग। यह योग जब जन्मकुंडली में बनता है, तो व्यक्ति को जीवन में अपार सफलता, मान-सम्मान और प्रसिद्धि मिलती है।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है — गज (हाथी) और केसरी (सिंह), यह योग हाथी के समान शक्ति और स्थिरता और सिंह के समान साहस, पराक्रम और नेतृत्व का प्रतीक है। जिनकी कुंडली में यह योग बनता है, वे अपने क्षेत्र में विलक्षण प्रतिभा, अच्छा व्यक्तित्व और सशक्त निर्णय क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि गजकेसरी योग क्या है, यह कैसे बनता है, इसके लाभ क्या हैं और यदि यह योग कुंडली में न हो तो इसे सक्रिय करने के क्या ज्योतिषीय उपाय हैं।
गजकेसरी योग क्या है?
गजकेसरी योग को सर्वश्रेष्ठ राजयोगों में गिना जाता है। इस योग का निर्माण तब होता है जब गुरु (बृहस्पति) और चंद्रमा एक साथ केंद्र (1st, 4th, 7th, 10th) भाव में स्थित होते हैं या एक-दूसरे को दृष्टि करते हैं।
इस योग की शक्ति गुरु की ज्ञान और विस्तार शक्ति और चंद्रमा की मानसिक स्थिरता और भावनात्मक संतुलन से आती है। जब यह दोनों ग्रह शुभ स्थिति में होते हैं, तो व्यक्ति को जीवन में संपत्ति, बुद्धि, सफलता, उच्च पद और प्रसिद्धि मिलती है।
गजकेसरी योग बनने की शर्तें
- चंद्रमा और गुरु केंद्र भाव में हों: यह योग तब बनता है जब चंद्रमा और गुरु एक साथ लग्न , चतुर्थ , सप्तम या दशम भाव में स्थित हों।
- शुभ ग्रहों की दृष्टि: जब गुरु और चंद्रमा को शुक्र, बुध या बृहस्पति जैसे शुभ ग्रहों की दृष्टि मिलती है, तो इस योग का प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
- पाप ग्रहों से बचाव: अगर इस योग पर राहु, केतु, शनि या मंगल जैसे क्रूर ग्रहों की दृष्टि पड़ती है, तो इस योग का प्रभाव कमजोर हो सकता है।
- राशियों की भूमिका: कर्क, धनु, मीन और वृषभ राशि में गजकेसरी योग सबसे शुभ माना जाता है।
गजकेसरी योग के लाभ
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गजकेसरी योग के लाभ |
- इस योग से व्यक्ति को धन, संपत्ति और भौतिक सुख की कोई कमी नहीं रहती।
- व्यापार, निवेश और नौकरी में जबरदस्त सफलता मिलती है।
बुद्धि और ज्ञान:
- गुरु की कृपा से व्यक्ति बुद्धिमान, शिक्षित और विद्वान बनता है।
- शिक्षा, अध्यात्म, परामर्श और न्याय के क्षेत्र में सफल रहता है।
- सिंह के समान नेतृत्व कौशल, साहस और निर्णय लेने की क्षमता मिलती है।
- व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में प्रभावशाली और लोकप्रिय बनता है।
- इस योग के प्रभाव से व्यक्ति को राज्य, समाज और अपने क्षेत्र में प्रसिद्धि मिलती है।
- राजनीति, प्रशासन, कला और व्यापार में विशेष पहचान बनती है।
- इस योग वाले व्यक्ति में आशावाद, सशक्त सोच और धैर्य की विशेषता होती है।
- जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना साहस और समझदारी से करता है।
कुंडली में गजकेसरी योग न हो तो क्या करें?
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कुंडली में गजकेसरी योग |
अगर आपकी कुंडली में यह योग नहीं बनता, तो कुछ ज्योतिषीय उपायों से आप इस योग के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं:
गुरु को करें मजबूत:- गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें।
- पीले वस्त्र पहनें और पीली वस्तुओं का दान करें।
- “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- सोमवार को शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएँ।
- सफ़ेद वस्त्र पहनें और सफेद चंदन का तिलक लगाएँ।
- “ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- पुखराज (Yellow Sapphire) गुरु के लिए और मोती (Pearl) चंद्रमा के लिए पहनें।
- रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषीय सलाह अवश्य लें।
- भगवान शिव की पूजा करें और रुद्राभिषेक अनुष्ठान कराएँ।
- इससे चंद्रमा की अशुभता दूर होती है और मानसिक शांति मिलती है।
गजकेसरी योग के प्रसिद्ध उदाहरण
भारत और विश्व में कई प्रसिद्ध व्यक्तियों की कुंडली में गजकेसरी योग पाया गया है। इस योग के कारण वे अपने क्षेत्र में असाधारण सफलता और प्रसिद्धि प्राप्त कर पाए।
- महात्मा गांधी: अहिंसा के प्रतीक, जिनका प्रभाव आज भी पूरी दुनिया में है।
- रतन टाटा: भारतीय उद्योग जगत का प्रतिष्ठित नाम।
- अब्दुल कलाम: भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति।
गजकेसरी योग केवल एक ज्योतिषीय योग नहीं, बल्कि सफलता, प्रसिद्धि, समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। जिनकी कुंडली में यह योग बनता है, वे अपने जीवन में बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करते हैं। उनकी बुद्धिमत्ता, पराक्रम, नेतृत्व और संतुलित व्यक्तित्व उन्हें दूसरों से अलग बनाते हैं।
अगर आपकी कुंडली में यह योग नहीं है, तो सही उपाय, सकारात्मक सोच और मेहनत से आप इस योग के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं। ग्रहों की अनुकूलता और आध्यात्मिक साधना से जीवन में सफलता और समृद्धि का संचार संभव है।