पुखराज धारण करने के लाभ:

 

पुखराज धारण करने के लाभ: 

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पुखराज धारण करने के लाभ: 

पुखराज रत्न को ज्योतिष में सबसे शुभ और लाभकारी रत्नों में से एक माना गया है। यह गुरु ग्रह (बृहस्पति) से संबंधित होता है, जो ज्ञान, धन, सुख, विवाह और समृद्धि का कारक है। सही विधि और उचित परामर्श के बाद पुखराज धारण करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। इस ब्लॉग में हम पुखराज के लाभ, इसे पहनने की विधि और इससे जुड़ी सावधानियों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

पुखराज रत्न का ज्योतिषीय महत्व

गुरु ग्रह को देवताओं का गुरु माना जाता है और यह व्यक्ति के जीवन में शिक्षा, धर्म, विवाह, संतान, भाग्य और वित्तीय स्थिति को नियंत्रित करता है। जब कुंडली में गुरु शुभ स्थान पर होता है, तो व्यक्ति को सफलता, मान-सम्मान और खुशहाली प्राप्त होती है। पुखराज धारण करने से गुरु की ऊर्जा सक्रिय होती है और जीवन में शुभ फल प्राप्त होते हैं।

पुखराज धारण करने के प्रमुख लाभ

पुखराज धारण करने के प्रमुख लाभ

शिक्षा और ज्ञान में वृद्धि

पुखराज रत्न बौद्धिक क्षमता को बढ़ाता है। विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों के लिए यह रत्न अत्यंत लाभकारी है। इसे पहनने से स्मरण शक्ति बढ़ती है और शिक्षा में सफलता मिलती है।

आर्थिक समृद्धि

यह रत्न वित्तीय स्थिरता और समृद्धि लाने में सहायक है। व्यापारियों, निवेशकों और नौकरीपेशा लोगों के लिए पुखराज विशेष रूप से लाभकारी होता है। इसे पहनने से आय के नए स्रोत खुलते हैं।

वैवाहिक जीवन में सुख

जिन लोगों को विवाह में देरी या वैवाहिक जीवन में समस्याएं होती हैं, उनके लिए पुखराज धारण करना अत्यंत शुभ होता है। यह दांपत्य जीवन में प्रेम, समझ और सामंजस्य को बढ़ाता है।

स्वास्थ्य लाभ

पुखराज रत्न शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। यह पाचन तंत्र, लीवर, स्किन और ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद से राहत पाने के लिए भी यह रत्न प्रभावी है।

आध्यात्मिक उन्नति

पुखराज रत्न आध्यात्मिक जागरूकता और आत्मविश्वास को बढ़ाता है। यह ध्यान, साधना और योग में रुचि रखने वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।

पुखराज पहनने की विधि

  • धातु: सोना या पीतल में जड़वाना शुभ होता है।

  • दिन: गुरुवार को शुभ मुहूर्त में धारण करें।

  • मंत्र: "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • अंगुली: तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) में पहनना श्रेष्ठ है।

पुखराज धारण करने से पहले की सावधानियाँ


  • शुद्धता: हमेशा असली और प्रमाणित पुखराज ही पहनें।

  • ज्योतिषीय सलाह: किसी अनुभवी ज्योतिष से कुंडली दिखाकर ही इसे धारण करें।

  • वजन: रत्न का वजन सही तरीके से निर्धारित करें। आमतौर पर 5-7 कैरेट का पुखराज उपयुक्त होता है।

पुखराज रत्न जीवन में सफलता, समृद्धि, शिक्षा, स्वास्थ्य और वैवाहिक सुख लाने वाला दिव्य रत्न है। इसे सही विधि और उचित परामर्श के बाद धारण करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। यदि आप अपने जीवन में गुरु ग्रह  से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो पुखराज धारण करना आपके लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकता है।


इंदौर, परदेशीपुरा के निवासी को पुखराज धारण करने से भाग्य का साथ मिला!

मेरा नाम आशीष वर्मा है, मैं परदेशीपुरा, इंदौर में रहता हूँ। करियर में रुकावटें और आर्थिक अस्थिरता बनी रहती थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने कुंडली देखकर बताया कि गुरु ग्रह कमजोर होने के कारण बाधाएँ आ रही हैं और मुझे पुखराज धारण करने की सलाह दी। पुखराज पहनने के बाद आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, भाग्य ने साथ दिया और करियर में तरक्की मिली।

बापट चौराहा, इंदौर के निवासी को मोती पहनने से पारिवारिक शांति मिली!

मेरा नाम सौरभ त्रिपाठी है, मैं बापट चौराहा, इंदौर में रहता हूँ। परिवार में अक्सर मतभेद होते थे और मानसिक तनाव रहता थाज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी ने बताया कि चंद्रमा कमजोर होने के कारण ये समस्याएँ हो रही हैं और उन्होंने मोती धारण करने की सलाह दी। अंगूठी पहनने के बाद परिवार में शांति आई, मन स्थिर हुआ और रिश्ते मजबूत हुए।

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