ग्रहों की दशा और आपके पूर्व जन्म के कर्मों का संबंध


ग्रहों की दशा और आपके पूर्व जन्म के कर्मों का संबंध

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ग्रहों की दशा और आपके पूर्व जन्म

भारतीय ज्योतिष में यह माना जाता है कि हमारे जीवन में होने वाली घटनाएं हमारे पूर्व जन्म के कर्मों से गहराई से जुड़ी होती हैं। ग्रहों की दशा हमारे कर्मों के फल को जीवन में किस रूप में अनुभव करेंगे, इसे निर्धारित करती है। ग्रहों की स्थिति और उनकी चाल हमारे जीवन में सुख, दुख, समृद्धि और कठिनाइयों को दर्शाती है। आइए जानते हैं इस गूढ़ रहस्य को विस्तार से।

ग्रह और कर्मों का गहरा रिश्ता

ग्रह और कर्मों का गहरा रिश्ता


सूर्य: आत्मा और अहंकार के कर्म

सूर्य हमारे आत्मविश्वास, नेतृत्व और अहंकार को दर्शाता है। पूर्व जन्म में किए गए अच्छे कर्मों से सूर्य मजबूत होता है, जिससे व्यक्ति को मान-सम्मान और सफलता मिलती है।

चंद्रमा: मन और भावनाओं के कर्म

चंद्रमा हमारे मन और भावनाओं से जुड़ा होता है। यदि पूर्व जन्म में हमने दूसरों के प्रति सहानुभूति और प्रेम दिखाया है, तो चंद्रमा शुभ फल देता है।

मंगल: साहस और ऊर्जा के कर्म

मंगल हमारे साहस, ऊर्जा और संघर्ष क्षमता को दर्शाता है। पूर्व जन्म में की गई बहादुरी और निस्वार्थ कर्म से मंगल शुभ होता है, जबकि आक्रामकता और हिंसा से इसका अशुभ प्रभाव बढ़ता है।

बुध: बुद्धि और संवाद के कर्म

बुध ग्रह बुद्धि, तर्क शक्ति और संवाद शैली से जुड़ा है। पूर्व जन्म में ज्ञान अर्जन और सत्य बोलने से बुध शुभ फल देता है।

गुरु (बृहस्पति): ज्ञान और धर्म के कर्म

गुरु ग्रह हमारी आध्यात्मिकता, शिक्षा और धर्मपरायणता को दर्शाता है। पूर्व जन्म में अच्छे कार्य, परोपकार और शिक्षा के प्रति रुचि से गुरु शुभ प्रभाव डालता है।

शुक्र: प्रेम और सुख के कर्म

शुक्र भौतिक सुख, प्रेम और कला का प्रतिनिधित्व करता है। पूर्व जन्म में प्रेमपूर्ण संबंध और सौंदर्य की सराहना से शुक्र मजबूत होता है।

शनि: कर्मों का न्यायाधीश

शनि को कर्मों का न्यायाधीश कहा जाता है। यह हमारे पूर्व जन्म के अच्छे और बुरे कर्मों का प्रतिफल देता है। कठिनाइयों और सबक के रूप में शनि हमें अपने कर्मों का फल देता है।

राहु: इच्छाओं और भौतिकता के कर्म

राहु हमारी इच्छाओं, लालच और भौतिक सुखों को दर्शाता है। अगर पूर्व जन्म में हमने छल-कपट किया है, तो राहु अशुभ फल देता है।

केतु: मुक्ति और आध्यात्मिकता के कर्म

केतु त्याग, मोक्ष और आध्यात्मिकता से जुड़ा है। पूर्व जन्म के अच्छे आध्यात्मिक कर्मों से केतु शुभ फल देता है।


ग्रहों की दशा का प्रभाव

महादशा

महादशा हमारे जीवन के बड़े घटनाक्रम को नियंत्रित करती है। यह दशा कई वर्षों तक चलती है और हमारे जीवन में स्थायी प्रभाव डालती है।

अंतरदशा

महादशा के भीतर चलने वाली छोटी अवधि को अंतरदशा कहते हैं। यह हमारे जीवन में छोटे लेकिन महत्वपूर्ण बदलाव लाती है।

प्रत्यंतर दशा

यह बहुत छोटी अवधि की दशा होती है, जो हमारी दिन-प्रतिदिन की घटनाओं को प्रभावित करती है।

पूर्व जन्म के कर्मों को सुधारने के उपाय

पूर्व जन्म के कर्मों को सुधारने के उपाय

मंत्र जाप

 ग्रहों को शांत करने के लिए उनके मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है।

रत्न धारण

ज्योतिषी की सलाह के अनुसार उचित रत्न धारण करने से  ग्रहों की नकारात्मकता कम होती है।

दान और परोपकार

पूर्व जन्म के बुरे कर्मों को सुधारने के लिए गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करें।

व्रत और उपवास

 ग्रहों की दशा को सुधारने के लिए व्रत रखना और संयमित जीवन जीना आवश्यक है।

पूजा और हवन

 ग्रहों की शांति के लिए विशेष पूजा और हवन करना लाभकारी होता है।

ग्रहों की दशा और हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के बीच एक गहरा संबंध है। हमारे अच्छे या बुरे कर्म ही यह तय करते हैं कि ग्रह हमें जीवन में कैसा फल देंगे। इसलिए अपने कर्मों को सुधारें और सकारात्मक जीवन जिएं।

आनंद बाजार इंदौर, के निवासी को पूर्व जन्म के कर्मों और ग्रह दशा के उपाय से सफलता!

मेरा नाम सुनील तिवारी है, मैं आनंद बाजार, इंदौर में रहता हूँ। मेरे जीवन में कई परेशानियाँ बनी रहती थीं—कभी आर्थिक समस्या, कभी रिश्तों में तनाव। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली देखकर बताया कि मेरे पूर्व जन्म के अधूरे कर्मों का असर इस जन्म में बाधाएँ उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने विशेष ग्रह शांति उपाय और दान करने की सलाह दी। उपाय करने के बाद परिस्थितियाँ बदलने लगीं, बाधाएँ कम हुईं और सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ।

गीता भवन इंदौर, के निवासी को पूर्व जन्म के कर्मों और ग्रह दशा के समाधान से जीवन में सुधार!

मेरा नाम आशुतोष शर्मा है, मैं गीता भवन, इंदौर में रहता हूँ। जीवन में लगातार संघर्षों का सामना कर रहा था—करियर में रुकावटें, पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति बनी हुई थी। मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि मेरी कुंडली में शनि और केतु का प्रभाव मेरे पूर्व जन्म के अधूरे कर्मों के कारण है। उन्होंने नियमित मंत्र जाप और विशेष पूजा करने की सलाह दी। उपाय करने के बाद जीवन में शांति आई, करियर में प्रगति मिली और पारिवारिक संबंध बेहतर हुए।

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Astrologer Sahu Ji
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