शादी के लिए शुभ मुहूर्त कैसे निकाले?

 

शादी के लिए शुभ मुहूर्त कैसे निकाले?

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शादी के लिए शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में विवाह केवल एक सामाजिक बंधन नहीं, बल्कि एक पवित्र संस्कार भी माना जाता है। यह जीवनभर का एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, जिसे सफल और सुखद बनाने के लिए सही समय और शुभ मुहूर्त में विवाह करना आवश्यक होता है। भारतीय ज्योतिष में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त निकालने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सही समय पर शादी करने से वैवाहिक जीवन सुखमय और मंगलमय होता है।

इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि शादी के लिए शुभ मुहूर्त कैसे निकाला जाता है, किन कारकों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है, और विवाह मुहूर्त निकालने के लिए ज्योतिषीय विधियाँ क्या हैं।

शादी के लिए शुभ मुहूर्त का महत्व

विवाह संस्कार के लिए सही मुहूर्त निकालने का मुख्य उद्देश्य ग्रहों और नक्षत्रों की शुभ स्थिति को सुनिश्चित करना होता है। शुभ मुहूर्त में किए गए विवाह से दांपत्य जीवन में खुशहाली, प्रेम, समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। यदि अशुभ समय में विवाह किया जाए, तो दंपति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे:

  • वैवाहिक जीवन में तनाव और विवाद।
  • संतान सुख में बाधा।
  • आर्थिक समस्याएँ।
  • सेहत संबंधी परेशानियाँ।

इसलिए, हिंदू धर्म में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है।

शादी के लिए शुभ मुहूर्त निकालने के ज्योतिषीय नियम



कुंडली मिलान 

विवाह मुहूर्त निकालते समय कई ज्योतिषीय कारकों का ध्यान रखा जाता है। इनमें से कुछ प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं:

  कुंडली मिलान (गुण मिलान)

किसी भी विवाह से पहले वर और वधू की जन्म कुंडली का मिलान करना आवश्यक होता है। कुंडली मिलान के तहत निम्नलिखित गुण देखे जाते हैं:

  • अष्टकूट मिलान – इसमें कुल 36 गुण होते हैं, जिनमें से कम से कम 18 गुणों का मिलना अनिवार्य माना जाता है।
  • मंगल दोष – यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष हो, तो विशेष उपाय करके विवाह करना चाहिए।
  • दोषों की जांच – नाड़ी दोष, भकूट दोष, ग्रह दोष आदि की जांच भी की जाती है।

 सही नक्षत्र और तिथि का चयन

विवाह मुहूर्त में नक्षत्र और तिथि का विशेष महत्व होता है। कुछ शुभ नक्षत्र और तिथियाँ इस प्रकार हैं:

शुभ नक्षत्र

  • रोहिणी
  • मृगशिरा
  • उत्तरा फाल्गुनी
  • हस्त
  • स्वाति
  • अनुराधा
  • मूल
  • उत्तराषाढ़ा
  • उत्तराभाद्रपद
  • रेवती

शुभ तिथियाँ

  • द्वितीया (2)
  • तृतीया (3)
  • पंचमी (5)
  • सप्तमी (7)
  • दशमी (10)
  • एकादशी (11)
  • त्रयोदशी (13)

पूर्णिमा और अमावस्या को विवाह के लिए शुभ नहीं माना जाता है।

  शुभ ग्रह स्थिति

विवाह मुहूर्त निकालते समय ग्रहों की स्थिति को विशेष रूप से देखा जाता है। विवाह के लिए शुभ ग्रह स्थितियाँ निम्नलिखित होती हैं:

  • गुरु (बृहस्पति) और शुक्र का शुभ स्थिति में होना अनिवार्य है।
  • चंद्रमा और सूर्य की स्थिति भी अच्छी होनी चाहिए।
  • विवाह पंचांग में गुरु तारा और शुक्र तारा अस्त नहीं होने चाहिए।

 दिन और वार का चयन

विवाह के लिए कुछ विशेष दिन और वार शुभ माने जाते हैं, जैसे:

  • सोमवार
  • बुधवार
  • गुरुवार
  • शुक्रवार

शनिवार और मंगलवार को विवाह करना शुभ नहीं माना जाता है।

शादी के लिए शुभ मुहूर्त निकालने की प्रक्रिया

 पंचांग का अध्ययन करें



 पंचांग का अध्ययन करें


विवाह मुहूर्त निकालने के लिए सबसे पहले पंचांग देखा जाता है। पंचांग में शुभ तिथियाँ, नक्षत्र, योग, करण और वार का अध्ययन किया जाता है।

  ग्रहों की दशा और गोचर देखें

वर-वधू की कुंडली में ग्रहों की दशा और गोचर की स्थिति को देखा जाता है। शुभ ग्रहों का प्रभाव मजबूत होना चाहिए और अशुभ ग्रहों का प्रभाव न्यूनतम होना चाहिए।

 विवाह योग का निर्धारण

कुछ विशेष योग विवाह के लिए शुभ माने जाते हैं, जैसे:

  • अमृत सिद्धि योग – यह योग विवाह के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • सर्वार्थ सिद्धि योग – इस योग में किए गए विवाह से वैवाहिक जीवन सुखद होता है।
  • गजकेसरी योग – यह योग होने पर विवाह करने से दांपत्य जीवन समृद्ध और खुशहाल रहता है।

 लग्न का विचार

विवाह मुहूर्त में लग्न भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शुभ लग्न में विवाह करने से वैवाहिक जीवन सुखद और मंगलमय रहता है। शुभ लग्न इस प्रकार हैं:

  • वृषभ लग्न
  • मिथुन लग्न
  • सिंह लग्न
  • तुला लग्न
  • धनु लग्न
  • मकर लग्न

विवाह के लिए कुछ विशेष सावधानियाँ

  1. गुरु और शुक्र के अस्त होने पर विवाह नहीं करना चाहिए।
  2. चतुर्मास (आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक) के दौरान विवाह वर्जित होता है।
  3. श्राद्ध पक्ष और होली के आठ दिन पूर्व तक विवाह नहीं करना चाहिए।
  4. मंगल दोष का निवारण करवा कर ही विवाह करें।
  5. किसी भी अशुभ योग में विवाह से बचें।
शादी के लिए शुभ मुहूर्त निकालना एक गूढ़ ज्योतिषीय प्रक्रिया है, जिसमें पंचांग, कुंडली, ग्रह-नक्षत्रों और अन्य ज्योतिषीय कारकों का गहन अध्ययन किया जाता है। सही मुहूर्त में विवाह करने से दांपत्य जीवन सुखमय और समृद्ध होता है। इसलिए, विवाह से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श लेकर ही शुभ मुहूर्त का चयन करें





 पूजा गुप्ता, भंवरकुआं, इंदौर

मेरी शादी में कई बाधाएं आ रही थीं, सही रिश्ता नहीं मिल रहा था। तब मैंने ज्योतिषी साहू जी से कुंडली मिलान करवाया। उन्होंने कुछ ग्रह दोष बताए और उपाय करने को कहा। उनके उपाय करने के बाद कुछ ही महीनों में एक अच्छा रिश्ता आया और मेरी शादी सफलतापूर्वक हो गई। मैं बहुत खुश हूँ और उनकी आभारी हूँ।"


अमित वर्मा, एमजी रोड, इंदौर

मैं अपने करियर में कई सालों से एक ही पद पर अटका हुआ था। प्रमोशन नहीं मिल रहा था और अवसर भी हाथ से निकल रहे थे। फिर मैंने ज्योतिषी साहू जी से कुंडली का विश्लेषण करवाया। उन्होंने कुछ उपाय और विशेष मंत्र जाप करने को कहा। कुछ ही महीनों में मुझे प्रमोशन मिल गया और मेरी सैलरी भी बढ़ गई। उनका मार्गदर्शन सच में प्रभावी है!"

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