कुंडली मिलान के बिना विवाह: क्या ज्योतिषीय दृष्टि से यह सही है?

 

कुंडली मिलान के बिना विवाह: क्या ज्योतिषीय दृष्टि से यह सही है?

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कुंडली मिलान

कुंडली मिलान का महत्व


भारतीय वैदिक ज्योतिष में विवाह से पहले कुंडली मिलान को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। कुंडली मिलान के माध्यम से वर-वधू के बीच मानसिक, शारीरिक, आर्थिक और भावनात्मक सामंजस्य की जांच की जाती है। इस प्रक्रिया में गुण मिलान, ग्रहों की स्थिति, नाड़ी दोष, भकूट दोष, मंगल दोष और अन्य कई कारकों को ध्यान में रखा जाता है। यह प्रक्रिया न केवल दोनों व्यक्तियों के स्वभाव को समझने में मदद करती है, बल्कि उनके जीवन में आने वाली संभावित चुनौतियों को भी उजागर करती है।


कुंडली मिलान की प्रक्रिया

कुंडली मिलान मुख्य रूप


कुंडली मिलान मुख्य रूप से आठ पहलुओं पर आधारित होता है, जिन्हें 'अष्टकूट मिलान' कहा जाता है। कुल 36 गुणों में से कम से कम 18 गुणों का मिलना आवश्यक माना जाता है। आइए इन अष्टकूटों को विस्तार से समझते हैं:

  • वर्ण: मानसिक संगति को दर्शाता है।

  • वश्य: आपसी आकर्षण और नियंत्रण को दिखाता है।

  • तारा: स्वास्थ्य और जीवन की दीर्घायु को दर्शाता है।

  • योनि: यौन संगति को दर्शाता है।

  • ग्रह मैत्री: आपसी समझ और दोस्ती को दर्शाता है।

  • गण: स्वभाव की समानता को दर्शाता है।

  • भकूट: वैवाहिक जीवन की स्थिरता को दर्शाता है।

  • नाड़ी: संतान और स्वास्थ्य से संबंधित कारकों को दर्शाता है।


कुंडली मिलान के बिना विवाह: संभावित समस्याएं

यदि बिना कुंडली मिलान के विवाह किया जाए, तो कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे:

  • वैवाहिक जीवन में असमानता: सोच, आदतों और स्वभाव में अंतर के कारण मतभेद बढ़ सकते हैं। पति-पत्नी के बीच सही तालमेल न होने पर रिश्ते में तनाव की स्थिति बन सकती है।

  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: ग्रहों की अशुभ स्थिति से पति-पत्नी या संतान के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। विशेष रूप से नाड़ी दोष का सही समाधान न किया जाए तो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

  • वित्तीय कठिनाइयाँ: कुंडली में धन भाव और लाभ भाव की स्थिति सही न हो तो आर्थिक परेशानियाँ हो सकती हैं। कभी-कभी विवाह के बाद अचानक आर्थिक नुकसान या कर्ज जैसी स्थितियाँ सामने आ सकती हैं।

  • संतान सुख में बाधा: संतान प्राप्ति में देरी या संतान से जुड़ी समस्याएं भी कुंडली के ग्रहों की दशा पर निर्भर करती हैं। भकूट और नाड़ी दोष के कारण संतानहीनता या संतान के स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ देखी जा सकती हैं।

  • मंगल दोष और नाड़ी दोष: यदि इन दोषों की जांच न की जाए, तो वैवाहिक जीवन में तनाव, विवाद और अलगाव की संभावना बढ़ सकती है। मंगल दोष के कारण पति-पत्नी के बीच आक्रामकता और असहमति बढ़ सकती है।


क्या कुंडली मिलान के बिना विवाह सफल हो सकता है?

कई मामलों में बिना कुंडली मिलान के भी विवाह सफल हो सकते हैं, यदि दोनों पक्षों में आपसी समझ, सम्मान और प्रेम बना रहे। हालांकि, ज्योतिषीय दृष्टि से कुंडली मिलान वैवाहिक जीवन की समस्याओं से बचने के लिए एक वैज्ञानिक और आध्यात्मिक तरीका है। कुंडली मिलान के बिना भी कुछ उपाय अपनाकर वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है।


कुंडली मिलान के विकल्प

कुंडली मिलान के बिना विवाह 

यदि किसी कारणवश कुंडली मिलान संभव नहीं हो पा रहा है, तो निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

  • नवग्रह शांति पूजा: ग्रहों के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए नवग्रह शांति कराएं। इससे वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएँ कम हो सकती हैं।

  • महामृत्युंजय मंत्र जप: भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, इससे वैवाहिक जीवन में शांति बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

  • रुद्राक्ष धारण करें: दोनों पति-पत्नी के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी हो सकता है। यह सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और तनाव को कम करता है।

  • दान-पुण्य करें: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। इससे ग्रहों की अशुभता कम होती है और वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

  • व्रत और उपवास: विशेषकर शुक्र और बृहस्पति ग्रह से संबंधित व्रत करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है।

  • ग्रह शांति उपाय: यदि कुंडली में कोई ग्रह दोष है, तो उसके लिए विशेष शांति उपाय करें, जैसे रत्न धारण करना, मंत्र जाप करना या यंत्र स्थापना करना।


कुंडली मिलान के बिना विवाह करना ज्योतिषीय दृष्टि से जोखिम भरा हो सकता है। हालांकि, आपसी प्रेम, सम्मान और विश्वास से किसी भी समस्या को सुलझाया जा सकता है। फिर भी, संभावित समस्याओं से बचने के लिए किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना उचित रहेगा। कुंडली मिलान केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो दांपत्य जीवन को सुखमय और स्थिर बनाती है।


" विजय नगर इंदौर,  के निवासी को कुंडली मिलान के बिना विवाह का मिला समाधान!"

मेरा नाम सुरेश पटेल है, मैं विजय नगर, इंदौर में रहता हूँ। मैंने अपने परिवार के विरोध के बावजूद बिना कुंडली मिलान के विवाह किया था। शादी के बाद पारिवारिक कलह, आर्थिक समस्याएं और मानसिक तनाव ने घेर लिया। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। साहू जी ने मेरी और मेरी पत्नी की कुंडली का गहराई से विश्लेषण किया और बताया कि ग्रहों का असंतुलन इन समस्याओं का कारण है। उनके सुझाए गए उपायों, पूजा-पाठ और मंत्र जाप के बाद हमारे जीवन में खुशहाली लौट आई।


"सुदामा नगर इंदौर,  के निवासी ने कुंडली मिलान के बिना विवाह से पाई राहत!"

मेरा नाम अरविंद है, मैं सुदामा नगर, इंदौर में रहता हूँ। मेरी शादी बिना कुंडली मिलान के हुई थी, जिसके बाद मेरी शादीशुदा जिंदगी में अनेक कठिनाइयाँ आईं। लगातार बहस, गलतफहमियां और रिश्तों में खटास बढ़ती जा रही थी। तब मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। साहू जी ने हमारे ग्रहों की स्थिति को समझकर सरल उपाय सुझाए। उनके बताए गए पूजा, मंत्र जाप और ग्रह शांति के उपायों का पालन किया और धीरे-धीरे हमारे संबंधों में प्रेम और समझ बढ़ने लगी।

अगर आप भी विवाह के बाद समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो मनोज साहू जी से संपर्क करें और अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाएं!


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