कुंडली में कालसर्प दोष के निवारण के लिए नाग देवता की पूजा का महत्व
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कुंडली में कालसर्प दोष |
कालसर्प दोष में नाग देवता की पूजा क्यों आवश्यक है?
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नाग देवता की पूजा |
नाग देवता की पूजा का महत्व
कालसर्प दोष के निवारण के लिए नाग देवता की पूजा को अत्यंत प्रभावी माना गया है। नाग देवता, विशेष रूप से अनंत, वासुकी, शेषनाग, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलिक, कर्कोटक, शंखपाल, धृतराष्ट्र, और कालिया नाग की पूजा से इस दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
नाग देवता की कृपा से ग्रहों का संतुलन
- कालसर्प दोष मुख्य रूप से राहु और केतु के कारण उत्पन्न होता है। नाग देवता की पूजा करने से इन ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव कम होता है और कुंडली में संतुलन स्थापित होता है।
कर्ज़ और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति
- कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। नाग देवता की आराधना से धन-संपत्ति और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
मानसिक शांति और बाधाओं का समाधान
- कालसर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति अक्सर मानसिक तनाव, भय और अनिद्रा की समस्या से ग्रसित होता है। नाग पूजा करने से मन को शांति मिलती है और जीवन की समस्याओं का समाधान होने लगता है।
राहु-केतु के अशुभ प्रभावों की शांति
- नाग देवता की आराधना विशेष रूप से राहु-केतु के दुष्प्रभावों को शांत करने के लिए की जाती है। यह पूजा जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति लाने में सहायक होती है।
रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय जाप:
- भगवान शिव के रुद्राभिषेक के साथ नाग देवता की पूजा करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, इससे राहु-केतु की शांति होती है।
कालसर्प दोष निवारण के लिए नाग पूजा के विशेष उपाय
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कालसर्प दोष निवारण |
नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा
- नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करके कालसर्प दोष के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस दिन शिवलिंग पर नाग की मूर्ति रखकर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाना शुभ होता है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में नागबली पूजा
- उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में नागबली पूजा कराना कालसर्प दोष निवारण के लिए अत्यंत प्रभावी उपाय माना जाता है।
त्रयंबकेश्वर मंदिर में कालसर्प दोष पूजा
- महाराष्ट्र के त्र्यंबकेश्वर मंदिर में विशेष रूप से कालसर्प दोष शांति के लिए पूजा की जाती है, जो इस दोष को शांत करने में अत्यंत प्रभावी होती है।
नाग मंदिरों में अभिषेक और दान
- नाग देवता के मंदिर में जाकर दूध, जल, और काले तिल अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही ब्राह्मणों को दान देने से भी दोष का प्रभाव कम होता है।
ओम नमः शिवाय और राहु-केतु मंत्र का जाप
- नियमित रूप से "ॐ नमः शिवाय" और "ॐ राहवे नमः" मंत्र का जाप करने से कालसर्प दोष की पीड़ा कम होती है।
- कालसर्प दोष के प्रभाव:
- विवाह में विलंब और दाम्पत्य जीवन में समस्याएं।
- शिक्षा में बाधा और करियर में असफलता।
- स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव।
- आर्थिक तंगी और धन हानि।
"विजयनगर इंदौर, के निवासी को नाग देवता की पूजा से कालसर्प दोष से मिली मुक्ति!"
मेरा नाम अनिल शुक्ला है, मैं विजयनगर, इंदौर में रहता हूँ। मेरी कुंडली में कालसर्प दोष था, जिसके कारण जीवन में बार-बार रुकावटें, व्यवसाय में नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं आ रही थीं। मैंने कई प्रयास किए, पर समाधान नहीं मिला। तभी मेरे एक रिश्तेदार ने मुझे ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से मिलने की सलाह दी। साहू जी ने मेरी कुंडली देखकर कालसर्प दोष की पुष्टि की और मुझे नाग पंचमी पर नाग देवता की विशेष पूजा और रुद्राभिषेक कराने की सलाह दी। मैंने उनके बताए उपाय ईमानदारी से किए और कुछ ही समय में मेरे जीवन में सकारात्मक बदलाव आने लगे। आज मैं सुखी और समृद्ध जीवन जी रहा हूँ।
"मल्हारगंज इंदौर, के निवासी को नाग देवता की पूजा से कालसर्प दोष से छुटकारा!"
मेरा नाम सुरेश पाटीदार है, मैं मल्हारगंज, इंदौर का निवासी हूँ। मेरी कुंडली में कालसर्प दोष था, जिसके चलते मेरी नौकरी में बार-बार समस्याएं आ रही थीं और घर में भी कलह का माहौल बना रहता था। कई ज्योतिषियों से सलाह ली, पर कोई समाधान नहीं मिला। फिर मैंने ज्योतिषाचार्य मनोज साहू जी से संपर्क किया। उन्होंने मेरी कुंडली देखी और नाग देवता की पूजा करने का सुझाव दिया। साहू जी ने मुझे विशेष मंत्रों का जाप, सर्पों को दूध चढ़ाने, और नाग पंचमी पर पूजा विधि बताई। उनके मार्गदर्शन से मेरे जीवन में शांति और सफलता वापस लौटी। अब मेरा व्यवसाय भी बढ़ रहा है और परिवार में भी खुशहाली है।