घर में शंख बजाने से नकारात्मकता दूर होती है
भारतीय संस्कृति में शंख को बहुत शुभ और पवित्र माना गया है। शंख सिर्फ एक वाद्ययंत्र नहीं, बल्कि एक दिव्य ऊर्जा का स्रोत है, जिसका उल्लेख हमारे धर्मग्रंथों, पुराणों और शास्त्रों में भी मिलता है। पूजा-पाठ, हवन और धार्मिक अनुष्ठानों में शंख बजाना अनिवार्य माना गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शंख बजाने से केवल धार्मिक लाभ ही नहीं, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी कई सकारात्मक प्रभाव होते हैं?
शंख की ध्वनि से वातावरण शुद्ध होता है, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और मानसिक शांति मिलती है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि घर में शंख बजाने से कैसे नकारात्मकता दूर होती है, इसके आध्यात्मिक और वैज्ञानिक लाभ क्या हैं, और इसे बजाने के सही तरीके क्या हैं।
शंख का धार्मिक और पौराणिक महत्व
भगवान विष्णु और शंख:- भगवान विष्णु के हाथ में शंख हमेशा विद्यमान रहता है। इसे "पांचजन्य" नाम से जाना जाता है, जो सृष्टि की रचना और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
महाभारत में शंख:
- महाभारत में भी शंख बजाने का उल्लेख है। युद्ध में पांडवों ने अपने-अपने शंख बजाकर विजय और साहस का उद्घोष किया था।
शंख और देवी लक्ष्मी:
- देवी लक्ष्मी, जो समृद्धि और धन की देवी हैं, समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, और शंख भी समुद्र से उत्पन्न हुआ है। इसलिए शंख को लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है।
- पूजा में शंख से जल छिड़कना पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा फैलाने का एक साधन है। यह घर के वातावरण को शुद्ध और पवित्र बनाता है।
शंख बजाने के वैज्ञानिक लाभ
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश:
इस ध्वनि से बैक्टीरिया, वायरस और कीटाणु भी नष्ट हो जाते हैं, जिससे वातावरण शुद्ध होता है।
वास्तु दोष का निवारण:
विशेष रूप से उत्तर-पूर्व दिशा में शंख रखने और बजाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
मानसिक शांति और तनाव मुक्ति:
शंख बजाने से ध्यान (Meditation) में भी सहायता मिलती है।
स्वास्थ्य लाभ:
इससे रक्त संचार (Blood Circulation) बेहतर होता है, और रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ती है।
सकारात्मक ऊर्जा का संचार:
यह ऊर्जा न केवल लोगों के मन को शांत करती है, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द भी बढ़ाती है।
शंख बजाने के ज्योतिषीय लाभ
ग्रह दोष निवारण:- शंख की ध्वनि से राहु, केतु और शनि के दोष शांत होते हैं।
- मंगल और सूर्य की अशुभ स्थिति को भी शंख बजाकर सुधारा जा सकता है।
- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है, तो उसे नियमित रूप से शंख बजाना चाहिए।
- शंख की पवित्र ध्वनि से पितृ दोष के कारण आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं।
शंख बजाने का सही तरीका
सही समय- सुबह पूजा के समय और शाम को दीपक जलाने के बाद शंख बजाना सबसे शुभ माना जाता है।
- विशेष रूप से सोमवार, गुरुवार और शुक्रवार को शंख बजाने से देवी-देवताओं की कृपा मिलती है।
- उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में खड़े होकर शंख बजाना सर्वोत्तम होता है।
- भोजन के बाद और रात्रि में शंख नहीं बजाना चाहिए।
- शंख को हमेशा पवित्र रखें और उसे पूजा स्थल में रखें।
- शंख में गंगा जल या स्वच्छ जल भरकर घर के कोनों में छिड़कने से घर में पवित्रता बनी रहती है और नकारात्मकता दूर होती है।
शंख बजाने से मिलने वाले अद्भुत लाभ
लाभ | धार्मिक दृष्टि | वैज्ञानिक दृष्टि |
---|---|---|
नकारात्मक ऊर्जा का नाश | बुरी शक्तियाँ दूर होती हैं | उच्च आवृत्ति से बैक्टीरिया नष्ट होते हैं |
वास्तु दोष का निवारण | घर में सुख-शांति बढ़ती है | ऊर्जा तरंगों से वातावरण शुद्ध होता है |
मानसिक शांति और ध्यान | पूजा में एकाग्रता बढ़ती है | तनाव और चिंता कम होती है |
स्वास्थ्य लाभ | पवित्रता से रोगों का नाश | फेफड़े और श्वसन प्रणाली मजबूत होती है |
समृद्धि और लक्ष्मी का वास | देवी लक्ष्मी की कृपा होती है | सकारात्मक ऊर्जा से आय के साधन बढ़ते हैं |
काव्या मेहता, तिलक नगर, इंदौर
विदेश जाने के लिए कई बार वीज़ा अप्लाई किया लेकिन हर बार रुकावटें आ रही थीं। बहुत कोशिशों के बाद भी सफलता नहीं मिली। तब मैंने इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषी साहू जी से परामर्श लिया। उन्होंने कुंडली में राहु और गुरु की स्थिति देखी और कुछ उपाय जैसे गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा, पीली वस्तुओं का दान और विशेष मंत्रों का जाप करने को कहा। कुछ ही महीनों में मेरा वीज़ा अप्रूव हो गया और अब मैं अपने सपनों को साकार कर रहा हूं।"